सरकारी बैंकों का नहीं होगा विलय, संसद में बोले वित्त राज्य मंत्री

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में बताया कि सरकार पब्लिक सेक्टर बैंकों के विलय पर विचार नहीं कर रही है.बैंकों के प्रदर्शन की जानकारी देते हुए चौधरी ने बताया कि विलय के बाद कई बैंकों में अपने हालात में सुधार किया है, जिससे उनके कैपिटल रेशियो और नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) में सुधार हुआ है.

सरकारी बैंकों का नहीं होगा विलय Image Credit: @GettyImages

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने मंगलवार को संसद में बताया कि पब्लिक सेक्टर के बैंकों के विलय पर विचार नहीं किया जा रहा है. राज्यसभा में एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार ने बैंकों के वित्तीय हालात को सुधारने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिससे बैंकों की स्थिति में सुधार आया है.

बैंकों के प्रदर्शन की जानकारी देते हुए चौधरी ने बताया कि विलय के बाद कई बैंकों में अपने हालात में सुधार किया है, जिससे उनके कैपिटल रेशियो और नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) में सुधार हुआ है. विलय के बाद बैंकों ने बेहतर तकनीकी इंटीग्रेशन के साथ लगभग सभी मानदंडों पर अच्छा प्रदर्शन किया है.

2019 में हुआ था विलय

बैंकिंग सेक्टर में इंटीग्रेशन करने और बैंकों को अंतरराष्ट्रीय बैंकों से मुकाबला करने के लिए केंद्र सरकार ने 2019 में पब्लिक सेक्टर के चार बड़े बैंकों में विलय किया था, जिससे सरकारी बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 हो गई थी.

जिन बैंकों का मर्जर किया गया था, उनमें ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का मर्जर पंजाब नेशनल बैंक में किया गया था. इस विलय के बा , पीएनबी देश में भारतीय स्टेट बैंक के बाद शाखा नेटवर्क के मामले में भारत का दूसरा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक बन गया था.

सिंडिकेट बैंक का मर्जर केनरा बैंक में

सिंडिकेट बैंक का मर्जर केनरा बैंक में किया गया था, इस विलय के बाद केनरा बैंक भारत का चौथा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक बन गया था , जिसमें 10,342 शाखाओं के साथ केनरा की कुल कंपनी की कीमत 15.20 लाख करोड़ हो गई थी.

इलाहाबाद बैंक का मर्जर इंडियन बैंक में

इलाहाबाद बैंक का मर्जर इंडियन बैंक में किया गया था, विलय के बाद इलाहाबाद बैंक भारत का सातवां सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक बन गया था. विलय के बाद इलाहाबाद बैंक की कुल कंपनी 8.08 लाख करोड़ रुपये की हो गई थी और इसके ब्रांचों की संख्या 6,104 हो गई थी. इसके अलावा आंध्र बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक का मर्जर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में किया गया था.

महिला बैंक का भी हुआ था विलय

इस मर्जर से पहले सरकार ने एसबीआई के सहायक बैंकों का विलय एसबीआई में किया था, इसके साथ ही महिलाओं के लिए बने महिला बैंक का विलय भी एसबीआई में कर दिया था.

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