भारतीय कार कंपनियों के कारोबार पर भारी पड़ रही चीन की चाल, कहीं घरेलू मांग पूरी करना नहीं हो जाए मुश्किल

ऑटोमोबाइल सेक्टर भारत में सबसे तेजी से बढ़ने वाली उद्योगों में से एक है. पिछले एक दशक में खासतौर पर देश में पैसेंजर कार के निर्माण में खासी तेजी आई है. इसकी वजह से भारत कार एक्सपोर्ट के मामले में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है. लेकिन, भारत की कार इंडस्ट्री को अब चीन को खटकने लगी है. चीन कार एक्सपोर्ट में मोनोपॉली चाहती है. इसके लिए नए-नए पैंतरे इस्तेमाल कर रहा है. अब भारतीय कार इंडस्ट्री को प्रभावित करने के लिए चीन की तरफ से उन रेयर अर्थ मैटेरियल की आपूर्ति को बाधित किया जा रहा है, जिनका इस्तेमाल कार बनाने में होता है. चीन इन मैटेरियल की आपूर्ति के लिहाज से दुनिया का सबसे बड़ा स्रोत है. अगर चीन की तरफ से आपूर्ति बाधित की जाती है, तो दुनियाभर में कार और इलेक्ट्रॉनिक्स का विनिर्माण प्रभावित हो सकता है. जानते हैं, इस वीडियो में कि क्या चीन की इस चाल की वजह से भारत के बड़े कार एक्सपोर्टर बनने का सपना टूट सकता है.