Debt vs Dead Economy : आंकड़े दे रहे गवाही, भारत उभरता शिखर, अमेरिका कर्ज के बोझ से दरकता किला
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भारत 'Dead Economy' नजर आता है. लेकिन, S&P, गोल्डमैन साक्स, जेपी मोर्गन सहित तमाम रेटिंग और एनालिसिस फर्म आंकड़ों के आधार पर भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था मानती हैं. इसके अलावा आंकड़े बताते हैं कि अमेरिकी इकोनॉमी कर्ज के बोझ से दरक रही है.

US Treasury के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका पर 37 लाख करोड़ डॉलर का कर्ज है. 1 लाख करोड़ डॉलर का कर्ज ट्रंप के सत्ता में आने के बाद बढ़ा है. अमेरिकी सरकार सबसे ज्यादा कर्ज जापान का है. जापान के अलावा चीन और भारत भी उन देशों में शामिल हैं, जिनके कर्ज तले अमेरिका दबा है. इसके अलावा आंकड़े बताते हैं कि अमेरिकी इकोनॉमी धीरे-धीरे खोखली हो रही है.
ग्रोथ की रेस में कौन आगे?
इकोनॉमिक ग्रोथ के प्रमुख पैरामीटर्स पर अगर भारत और अमेरिका की तुलना की जाए, तो भारत हर मामले में अमेरिका से आगे नजर आता है. IMF के लेटेस्ट आंकड़ों के मुताबिक भारतीय इकोनॉमी 6.4 फीसदी की सालाना दर से ग्रोथ करने वाली है. जबकि, अमेरिकी इकोनॉमी की रफ्तार 2 फीसदी या इससे भी कम रह सकती है.
क्या कहते हैं IMF के आंकड़े?
IMF की World Economic Outlook – April 2025 रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले पांच वर्ष में जहां अमेरिकी इकोनॉमी की ग्रोथ कम हो सकती है, वहीं भारत की ग्रोथ रेट बढ़ने वाली है. IMF के प्रोजेक्शन के हिसाब से 2029 तक भारत GDP जहां लगातार 6.5 फीसदी सालाना से ज्यादा ग्रोथ करेगी. वहीं, अमेरिकी इकोनॉमी 1.7 फीसदी तक गिर सकती है.
पैरामीटर | भारत | अमेरिका |
---|---|---|
GDP ग्रोथ रेट | 6.4-6.8 | 1.7-2.1 |
नॉमिनल GDP 2025 | 4.19 ट्रिलियन | 30.5 ट्रिलियन |
महंगाई (जुलाई 2025) | 1.55 | 2.8 |
बेरोजगारी | 3.2% | 3.9% |
फिस्कल डेफिसिट | 4.9% | 6.4% |
Debt-to-GDP | 82.6% (घटता हुआ) | 123% (बढ़ता हुआ) |
भारत का कर्जदार है अमेरिका
अमेरिका पर कुल 37 लाख करोड़ डॉलर का कर्ज है. इसमें सबसे बड़ा हिस्सा करीब 20 लाख करोड़ डॉलर अमेरिकी निवेशकों का है. इसके बाद दूसरा सबसे बड़ा हिस्सा 8.7 लाख करोड़ डॉलर विदेशी निवेशकों का है. इनमें सबसे ज्यादा कर्ज 1 लाख करोड़ डॉलर से ज्यादा कर्ज जापान का है. दूसरे नंबर पर 786 अरब डॉलर के साथ चीन है. इसके अलावा भारत 234 अरब डॉलर के साथ 14वें स्थान पर है.

क्या कह रहीं रेटिंग एजेंसी?
भारत और अमेरिका की इकोनॉमी को लेकर अगर रेटिंग एजेंसियों की राय और रुख को देखा जाए, तो ज्यादातर एजेंसियों का कहना है कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से ग्रोथ करने वाली बड़ी इकोनॉमी बना रहेगा. S&P Global, Goldman Sachs, J.P. Morgan और IMF के आंकड़ों और विश्लेषण के में भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था माना है.
- IMF की July 2025 WEO अपडेट रिपोर्ट के मुताबिक भारत की GDP ग्रोथ रेट 2025 और 2026 दोनों में लगभग 6.4% रहने की उम्मीद है. जबकि, उसी रिपोर्ट में अमेरिका की ग्रोथ रेट 2.0% रहने का अनुमान लगाया गया है.
- इसी तरह S&P ने 18 वर्ष बाद भारत की सोवरेन क्रेडिट रेटिंग को BBB- से बढ़ाकर BBB कर दिया है. इसके साथ ही कहा है कि कोविड के बाद भारत दुनिया की बेस्ट परफॉर्मिंग इकोनॉमिक बनी हुई है.
- Goldman Sachs का भारतीय इकोनॉमी को लेकर कहना है कि अनिश्चितता भरी दुनिया में भी भारतीय इकोनॉमी एक निश्चित रफ्तार के साथ ग्रोथ करती रहेगी. हालांकि, टैरिफ के असर को देखते हुए 2025-26 के GDP के अनुमान में हल्का सुधार करते हुए इसे 6.5 से 6.4 कर दिया है.
अमेरिका को चेतावनी
एक तरफ जहां तमाम रेटिंग एजेंसियों ने भारतीय इकोनॉमी के तेजी से ग्रोथ करने का अनुमान लगाया है. वहीं, अमेरिकी इकोनॉमी को लेकर लगातार चिंताएं जताई हैं. JP Morgan ने टैरिफ को लेकर चेतावनी देते हुए कहा है कि इसकी वजह से अमेरिकी इकोनॉमी को गहरा झटका लग सकता है. जेपी मॉर्गन के एनालिस्टों का मानना है कि इसकी वजह से अमेरिकी इकोनॉमी मंदी की चपेट में आ सकती है. इसके अलावा टैरिफ का सबसे ज्यादा नुकसान आम अमेरिकी लोगों को भुगतना पड़ेगा. इसी तरह Goldman Sachs का कहना है कि टैरिफ आने वाले दिनों में अमेरिकी इकोनॉमी और आम लोगों की जेब पर भारी पड़ने वाला है.
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