अप्रेजल पर डेलॉयट की रिपोर्ट, भारत में इस वर्ष औसत 8.8 फीसदी वेतन वृद्धि का अनुमान

नए वित्त वर्ष के साथ ही प्राइवेट सेक्टर कर्मचारियों के बीच अप्रेजल की चर्चाएं शुरू हो गई हैं. इस बीच इंटरनेशनल कंसल्टेंसी फर्म डेलॉयट ने एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में इस साल औसत वेतन वृद्धि 8.8 फीसदी तक रहने का अनुमान है. जानते हैं इस रिपोर्ट में और क्या कहा गया है?

इस साल वेतन में बढ़ोतरी की ज्यादा उम्मीद नहीं Image Credit: Image by rawpixel.com on Freepik

भारत के Private Sector में इस साल वेतन वृद्धि की औसत दर 8.8 फीसदी रहने का अनुमान है. डेलॉयट इंडिया ने शुक्रवार को इस संबंध मे जारी एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय कंपनियां वैश्विक और स्थानीय चुनौतियों से निपटते हुए कर्मचारियों पर होने वाले खर्च में कमी लाने के लिए कॉस्ट आप्टिमाइजेशन पर ध्यान दे रही हैं. इस स्थिति में इस वर्ष भारत में औसत वेतन वृद्धि 8.8 फीसदी रह सकती है.

पिछले वर्ष से कम रहेगी वेतन वृद्धि

फाइनेंशियल कंसल्टेंसी फर्म डेलॉयट इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक 2025 में वेतन वृद्धि को लेकर ज्यादातर प्राइवेट कंपनियों का रुख उत्साहजनक नहीं है. वहीं, इस वर्ष की औसत वेतन वृद्धि पिछले वर्ष की तुलना में भी कम रहने वाली है. पिछले वर्ष औसत वेतन बढ़ोतरी 9 फीसदी रही थी

75 फीसदी कंपनियों की रुचि नहीं

डेलॉयट की रिपोर्ट के मुताबिक भारत की 75 फीसदी कंपनियों की वेतन में बढ़ोतरी करने में रुचि नहीं है. ये कंपनियां इस साल पिछले वर्ष की तुलना में या तो वेतन वृद्धि को कम कर देंगी या पिछले वर्ष के समान ही रखेंगी, लेकिन किसी भी हाल में पिछले वर्ष की तुलना में ज्यादा नहीं किया जाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादातर सेक्टर में वेतन वृद्धि को पिछले वर्ष की तुलना में स्थिर या मामूली रूप से कम किया जा सकता है. वहीं, उपभोक्ता उत्पाद क्षेत्र में वेतन वृद्धि के बजट में खासी कमी आ सकती है.

कंपनियों की आय घटने का असर

डेलॉयट इंडिया के पार्टनर प्रखर त्रिपाठी ने कहते हें कि कंपनियों की आय में सुस्त का असर उनके वेतन बजट पर स्वाभाविक रूप से दिख रहा है. वेतन वृद्धि के बजट में इजाफा किए बिना कंपनियां खुद को महंगाई के लिहाज से भी तैयार करना चाहती हैं.

कैसे तैयार की गई रिपोर्ट

डेलॉयट इंडिया टैलेंट आउटलुक-2025 रिपोर्ट को देश के सात बडे क्षेत्रों की 500 से ज्यादा कंपनियों के मैनेजर्स से पूछे गए सवालों और सर्वेक्षण के आधार पर बनाया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक इस साल कंपनियां अपने टॉप टेलेंट को रिटेन करने पर ध्यान देंगी. टॉप परफॉर्मर को कंपनियां औसत प्रदर्शन करने वालों की तुलना में 1.7 गुना तक ज्यादा वेतन वृद्धि दे सकती है.