चेतावनी के बावजूद AIR India ने समय पर नहीं बदले प्लेन के इंजन के पार्ट्स, उड़ाते रहे विमान; रिकॉर्ड में की हेरफेर

Air India: भारत के विमानन नियामक ने मार्च में एयर इंडिया की बजट एयरलाइन को फटकार लगाई थी. दरअसल, एयरलाइन ने यूरोपीय संघ की विमानन सुरक्षा एजेंसी के निर्देशानुसार एयरबस A320 के इंजन के पार्ट्स समय पर नहीं बदले थे. यह सुरक्षा के लिहाज से बेहद गंभीर ममला है.

एयर इंडिया पर उठे गंभीर सवाल. Image Credit: Getty image

Air India: बीते महीने अहमदाबाद से लंदन जा रहे एयर इंडिया के प्लेन के क्रैश होने के बाद एयरलाइन लगातार सवालों के घेरे में है. विमानों के मेंटनेंस को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं. अब एक रिपोर्ट सामने आई है, जो एविएशन के नियमों के पालन को एयर इंडिया पर गंभीर प्रश्न खड़ती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के विमानन नियामक (DGCA) ने मार्च में एयर इंडिया की बजट एयरलाइन को फटकार लगाई थी. दरअसल, एयरलाइन ने यूरोपीय संघ की एविएशन सेफ्टी एजेंसी के निर्देशानुसार एयरबस A320 के इंजन के पार्ट्स समय पर नहीं बदले गए थे और नियमों का पालन दिखाने के लिए रिकॉर्ड में हेराफेरी की गई थी.

एक बयान में एयर इंडिया एक्सप्रेस ने रॉयटर्स को बताया कि उसने भारतीय नियामक के सामने अपनी गलती स्वीकार की है और सुधारात्मक कार्रवाई और निवारक उपाय किए हैं.

कड़ी जांच के घेरे में एयर इंडिया

जून में अहमदाबाद में हुए बोइंग ड्रीमलाइनर के हादसे के बाद से एयर इंडिया कड़ी जांच के घेरे में है. इस हादसे में विमान में सवार 242 लोगों में से एक को छोड़कर बाकी सभी की मौत हो गई थी. एक दशक में दुनिया की सबसे बड़ी विमानन दुर्घटना की अभी भी जांच की जा रही है.

मार्च में सामने आई समस्या

एयर इंडिया एक्सप्रेस के एयरबस में इंजन की समस्या दुर्घटना से महीनों पहले 18 मार्च को उठाई गई थी. लेकिन रेगुलेटर ने इस साल भी पैरेंट एयर इंडिया को एस्केप स्लाइड पर ओवरड्यू जांच के साथ तीन एयरबस विमानों को उड़ाने के नियमों का उल्लंघन करने के लिए चेतावनी दी. फिर जून में इसे पायलट ड्यूटी टाइमिंग के ‘गंभीर उल्लंघन’ के बारे में भी चेताया था. एयर इंडिया एक्सप्रेस, एयर इंडिया की एक सहायक कंपनी है, जिसका स्वामित्व टाटा समूह के पास है.

इंजन पर अलर्ट

यूरोपियन यूनियन एविएशन सेफ्टी एजेंसी ने 2023 में CFM इंटरनेशनल LEAP-1A इंजन पर ‘संभावित असुरक्षित स्थिति’ को लेकर अलर्ट करने के लिए एक उड़ान योग्यता निर्देश जारी किया था. इसमें इंजन सील और रोटेटिंग पार्ट्स जैसे कुछ कॉम्पोनेंट्स को बदलने के लिए कहा गया. निर्देश में यह भी कहा गया कि इसमें कुछ मैन्युफैक्चरिंग कमियां पाई गई हैं.

एजेंसी के निर्देश में कहा गया था कि अगर इस स्थिति को ठीक नहीं किया जाता है, तो प्रभावित पार्ट्स फेल हो सकते हैं. ऐसी स्थिति में संभवतः हाई एनर्जी मलबे का उत्सर्जन हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप विमान को नुकसान हो सकता है और विमान पर नियंत्रण कम हो सकता है.

समय पर नहीं बदले गए पार्ट्स

एयरलाइन को मार्च में भेजे गए भारत सरकार के गोपनीय ज्ञापन को रायटर्स ने देखने के दावे के साथ लिखा कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा की गई निगरानी से पता चला है कि एयरबस A320 के इंजन पर पार्ट्स का मॉडिफिकेशन निर्धारित समय सीमा के भीतर नहीं पूरा किया गया था.

रिकॉर्ड में फेरबदल

ज्ञापन में कहा गया है कि यह दिखाने के लिए कि काम निर्धारित समय सीमा के भीतर किया गया है, AMOS रिकॉर्ड में स्पष्ट रूप से फेरबदल किया गया. मेमो में एयरलाइनों द्वारा मेंटेनेंस और उड़ान योग्यता का प्रबंधन करने के लिए उपयोग किए जाने वाले विमान रखरखाव और इंजीनियरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर का जिक्र किया गया था.

किस रूट्स पर फ्लाई करते हैं ये प्लेन?

ज्ञापन में कहा गया है कि एयर इंडिया एक्सप्रेस के वीटी-एटीडी विमान में अनिवार्य बदलाव की आवश्यकता थी. एयरनेव रडार वेबसाइट के अनुसार, यह विमान आमतौर पर घरेलू रूट्स, दुबई और मस्कट जैसे कुछ इंटरनेशनल रूट्स पर फ्लाई करता है. इसमें कहा गया है कि यह चूक संकेत देती है कि जिम्मेदार मैनेजर क्वालिटी कंट्रोल सुनिश्चित करने में फेल रहा है.

एयर इंडिया एक्सप्रेस ने रॉयटर्स को बताया कि इसकी तकनीकी टीम अपने मॉनिटरिंग सॉफ्टवेयर पर रिकॉर्ड के माइग्रेशन के कारण पार्ट्स को बदलने के लिए निर्धारित डेडलाइन से चूक गई और फिर जब पता चला तो उसे तुरंत ठीक कर दिया गया.

कितने समय बाद हुआ सुधार?

हालांकि, एयर लाइन ये नहीं बताया कि किस तारीख को उसने सुधार किया या फिर रिकॉर्ड में बदलाव के बारे में DGCA की टिप्पणी को सीधे संबोधित नहीं किया. लेकिन कहा कि मार्च के ज्ञापन के बाद इसने आवश्यक प्रशासनिक कार्रवाई की, जिसमें क्वालिटी मैनेजर को उनके पद से हटाना और डिप्टी कंटिन्यूइंग एयरवर्थनेस मैनेजर को निलंबित करना शामिल था.

DGCA और यूरोपीय सेफ्टी एजेंसी ने रॉयटर्स के प्रश्नों का उत्तर नहीं दिया. एयरबस और CFM इंटरनेशनल, जनरल इलेक्ट्रिक (GE.N) के बीच एक ज्वाइंट वेंचर है. सफरन ने भी कोई जवाब नहीं दिया.

प्रत्यक्ष जानकारी रखने वाले एक सूत्र के हवाले से रायटर्स ने लिखा कि इस चूक को पहली बार अक्टूबर 2024 में DGCA ऑडिट के दौरान पहचाना गया था और CFM इंजन के पार्ट्स को बदलने के बाद संबंधित विमान ने केवल कुछ ट्रिप कीं.

एयर लाइन ने की गंभीर चूक

भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो के पूर्व कानूनी विशेषज्ञ विभूति सिंह ने कहा कि ऐसी समस्याओं को तुरंत ठीक किया जाना चाहिए. यह एक गंभीर गलती है. जब आप समुद्र के ऊपर या प्रतिबंधित हवाई क्षेत्र के पास उड़ान भर रहे होते हैं तो जोखिम बढ़ जाता है. फरवरी में भारतीय सरकार ने संसद को बताया था कि पिछले साल सुरक्षा उल्लंघन के लिए 23 मामलों में अधिकारियों ने एयरलाइन्स को चेतावनी दी या जुर्माना लगाया. इनमें से तीन मामले एयर इंडिया एक्सप्रेस और आठ एयर इंडिया के थे.

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