खत्म हुई ED की कार्रवाई, अनिल अंबानी की कंपनियों का आया बयान- RCOM और RHFL से कोई लेना-देना नहीं
अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई अब खत्म हो चुकी है. रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने कहा कि उन्होंने जांच में पूरा सहयोग किया और इस कार्रवाई का उनके बिजनेस या शेयरहोल्डर्स पर कोई असर नहीं पड़ा है. देखें पूरा स्टेटमेंट.
Reliance Infra and Power ED Raid Over: अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली दो लिस्टेड कंपनियां रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने रविवार को स्टॉक एक्सचेंजों को हो रहे तमाम जांच को लेकर अहम अपडेट साझा किया. कंपनी ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) की उनके खिलाफ की जा रही तलाशी कार्रवाई अब पूरी हो चुकी है. दोनों कंपनियों ने अपने अलग-अलग आधिकारिक बयानों में यह भी स्पष्ट किया कि इस जांच का उनके बिजनेस, प्रदर्शन या संचालन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है.
कंपनी की सफाई: कोई असर नहीं, पूरा सहयोग दिया
दोनों कंपनियों ने कहा कि वे ED की जांच में पूरा सहयोग कर रही थीं और आगे भी करती रहेंगी. स्टॉक एक्सचेंजों को भेजी गई जानकारी में बताया गया कि ED की कार्रवाई अब समाप्त हो गई है और कंपनी सामान्य रूप से अपने कारोबार को जारी रखेगी.
रिलायंस पावर और इंफ्रास्ट्रक्चर ने क्या कहा?
रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर दोनों ने अपने बयानों में स्पष्ट किया है कि उनका रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCOM) या रिलायंस होम फाइनेंस (RHFL) से कोई व्यावसायिक या वित्तीय संबंध नहीं है. दोनों कंपनियां स्वतंत्र और अलग-अलग लिस्टेड यूनिट्स हैं. RCOM पिछले 6 सालों से दिवाला प्रक्रिया (CIRP) से गुजर रही है और RHFL का मामला सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हल हो चुका है. मीडिया में जो आरोप चल रहे हैं वे 10 साल पुराने ट्रांजैक्शनों से जुड़े हैं और वे फिलहाल सिक्योरिटीज अपीलेट ट्रिब्यूनल (SAT) में लंबित हैं.
अनिल अंबानी नहीं हैं किसी बोर्ड में
दोनों कंपनियों ने यह भी साफ किया है कि अनिल अंबानी अब रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के बोर्ड में शामिल नहीं हैं. इसलिए RCOM और RHFL से जुड़ी किसी भी जांच या कार्रवाई का इन दोनों कंपनियों के संचालन या गवर्नेंस पर कोई असर नहीं पड़ता.
3 दिनों तक चली ED की कार्रवाई
प्रवर्तन निदेशालय ने 24 जुलाई 2025 (गुरुवार) से लेकर 26 जुलाई (शनिवार) तक मुंबई और दिल्ली के 35 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की. यह छापेमारी PMLA (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत कथित 3,000 करोड़ रुपये के बैंक लोन घोटाले की जांच से जुड़ी थी, जिसमें रिलायंस ग्रुप और यस बैंक के बीच पुराने लेनदेन शामिल बताए जा रहे हैं. पीटीआई ने इस मामले से जुड़े सूत्रों के मुताबिक बताया कि ED ने कई अहम दस्तावेज और कंप्यूटर इक्विपमेंट जब्त किए हैं.
शेयरों पर असर
ED की कार्रवाई की खबरों के बीच शुक्रवार को बाजार में दोनों कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई. रिलायंस पावर के शेयर 4.99 फीसदी गिरकर 56.72 रुपये पर बंद हुए (पिछला क्लोज 59.70 रुपये) थे. वहीं, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयर 5 फीसदी गिरकर 342.05 रुपये पर बंद हुए (पिछला क्लोज 360.05 रुपये) थे. हालांकि, इन दोनों ही कंपनियों के शेयरों में पिछले कुछ दिनों से लगातार तेजी देखी जा रही थी. लेकिन हालिया मामले ने कंपनी पर बने भरोसे को कुछ हद तक कम कमजोर कर दिया.
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