TCS के कर्मचारियों को बड़ा झटका, 12000 लोगों की जाएगी नौकरी; ‘फ्यूचर रेडी’ प्लान के तहत फैसला
Tata Consultancy Services (TCS) अपने वर्कफोर्स में 2 फीसदी की कटौती करने जा रही है, जिससे लगभग 12,200 कर्मचारी प्रभावित होंगे. कंपनी ने इसे "फ्यूचर-रेडी" रणनीति बताया है, जहां AI और नए ऑपरेटिंग मॉडल के चलते स्किल्स की नए सिरे से जरूरत महसूस की जा रही है, जानें क्या है कंपनी के सीईओ की राय.
TCS Layoff 12200 Employees: देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर सेवा प्रोवाइडर कंपनी Tata Consultancy Services (TCS) ने बड़ा फैसला लिया है. कंपनी आने वाले एक साल में अपने 2 फीसदी वर्कफोर्स यानी करीब 12,200 कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही है. यह निर्णय कंपनी की “फ्यूचर-रेडी” रणनीति का हिस्सा है, ताकि बदलती टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के दौर में खुद को चुस्त और कॉम्पटीशन के लायक बनाया जा सके.
वैश्विक स्तर पर होगा असर
TCS के CEO के. कृतिवासन ने Moneycontrol को दिए इंटरव्यू में बताया, “हम लगातार नई टेक्नोलॉजी, खासकर AI और ऑपरेटिंग मॉडल में हो रहे बदलावों पर काम कर रहे हैं. हमें भविष्य के लिए तैयार रहना है. हमने अपने एसोसिएट्स के करियर ग्रोथ और रीडिप्लायमेंट पर निवेश किया है, लेकिन कुछ रोल ऐसे हैं जिनमें ये काम के नहीं हो पाया. ये फैसला लेना आसान नहीं था, लेकिन जरूरी है.” यह छंटनी मिड और सीनियर लेवल कर्मचारियों पर ज्यादा असर डालेगी, और यह प्रक्रिया वित्त वर्ष 2026 (अप्रैल 2025 से मार्च 2026) तक चलेगी.
कर्मचारियों को मिलेंगे फायदे और सहायता
CEO कृतिवासन ने यह भी बताया कि कंपनी इस फैसले को मानवीय तरीके से लागू करना चाहती है. इसकी चपेट में आने वाले कर्मचारियों को नोटिस पीरियड पे, अतिरिक्त सेवरेंस पैकेज, इंश्योरेंस बेनिफिट्स और आउट प्लेसमेंट में मदद जैसे ऑप्शनंस दिए जाएंगे. छंटनी की मुख्य वजह AI को लेकर पूछे जाने वाले सवाल पर CEO ने साफ किया, “यह AI की वजह से नहीं है. यह भविष्य के लिए जरूरी स्किल्स की तैयारी और भूमिका के मुताबिक कर्मचारियों की जरूरत पर आधारित है.”
बदली गई है “बेंच पॉलिसी”
छंटनी के इस कदम से कुछ हफ्ते पहले ही TCS ने अपनी बेंच पॉलिसी में बदलाव किया था. अब कर्मचारियों को हर साल कम से कम 225 दिन बिलेबल (प्रोजेक्ट पर कार्यरत) रहना होगा. साथ ही 35 दिनों से ज्यादा “बेंच” पर नहीं रह सकते (बेंच का मतलब प्रोजेक्ट पर न होना). रिपोर्ट में कंपनी के एक कर्मचारी के हवाले से लिखा गया, “जो कर्मचारी दो महीने से ज्यादा समय से बेंच पर हैं, उन्हें HR की ओर से बुलाकर इस्तीफा देने को कहा जा रहा है. अगर कोई ऐसा नहीं करता, तो उसे टर्मिनेट कर दिया जाएगा और सेवरेंस पे भी नहीं मिलेगा.” इस प्रक्रिया के तहत HR कर्मचारी को व्यक्तिगत रूप से मिलकर इस्तीफा मांगते हैं, और जैसे ही कोई इस्तीफा देता है, उसे तुरंत ईमेल से रिलीज कर दिया जाता है.
इंडस्ट्री में बढ़ रहा AI और स्किल शिफ्ट का दबाव
हालांकि, यह छंटनी कहीं न कहीं AI के बढ़ते प्रभाव को भी दर्शाती है. टेस्टिंग जैसे पारंपरिक स्किल्स की मांग घट रही है, और कुछ सीनियर कर्मचारी नए बदलावों को अपनाने में हिचक रहे हैं. छोटे प्रोजेक्ट्स और तेजी से बदलते क्लाइंट्स की जरूरतों के चलते अब कंपनियां कम स्टाफ के साथ काम करना चाहती हैं और AI के जरिए एफिशिएंसी बढ़ा रही हैं. इससे इतर टीसीएस लेटरल हायरिंग को भी टाल रही है. AIITEU (All India IT Employee Union) के जनरल सेक्रेटरी सौभिक भट्टाचार्य के मुताबिक “TCS ने जून-जुलाई 2025 में जॉइन करने वाले कम से कम 500 लेटरल हायर की ऑनबोर्डिंग को भी टाल दिया है.”
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