नेपाल में तनाव से भारतीय कंपनियों पर संकट, Britannia का 180 करोड़ का कारोबार ठप, Bikaji ने रोके प्रोजेक्ट

नेपाल में बढ़ती अशांति और विरोध प्रदर्शनों के चलते भारतीय FMCG कंपनियों ने अपने कामकाज रोक दिए हैं. ब्रिटानिया ने सिमरा प्लांट में प्रोडक्शन बंद कर दिया है, जिससे नेपाल की 80 फीसदी सप्लाई प्रभावित हुई है. बिकाजी फूड्स का नया प्रोजेक्ट भी टल गया है. वहीं डाबर ने कर्मचारियों को घर से काम करने की सलाह दी है.

नेपाल में अशांति के चलते भारतीय FMCG कंपनियों ने अपने कामकाज रोक दिए हैं. Image Credit: CANVA

FMCG Companies: नेपाल में लगातार बढ़ रही अशांति और युवाओं के हिंसक प्रदर्शनों का असर वहां काम कर रही भारतीय FMCG कंपनियों पर पड़ने लगा है. कई कंपनियों ने अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स को अस्थायी तौर पर बंद कर दिया है और नए प्रोजेक्ट्स को भी रोक दिया है. बिस्किट बनाने वाली ब्रिटानिया ने अपने सिमरा प्लांट में प्रोडक्शन पूरी तरह रोक दिया है जबकि बिकाजी फूड्स का नया प्रोजेक्ट टल गया है. डाबर ने भी अपने कर्मचारियों को सुरक्षा को देखते हुए घर से काम करने की सलाह दी है.

ब्रिटानिया ने रोका सिमरा प्लांट

रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज ने नेपाल के बारा जिले स्थित सिमरा प्लांट में प्रोडक्शन बंद कर दिया है. कंपनी ने कहा कि कर्मचारियों की सुरक्षा उसकी पहली प्राथमिकता है. साल 2017 में शुरू हुआ यह प्लांट हर साल 14 हजार टन बिस्किट और बेकरी प्रोडक्ट बनाता है. यहां करीब 350 कर्मचारी काम करते हैं और यह नेपाल में बिकने वाले ब्रिटानिया प्रोडक्ट का 80 फीसदी प्रोडक्शन करता है.

ब्रिटानिया नेपाल का वित्तीय योगदान

ब्रिटानिया नेपाल सालाना 170 से 180 करोड़ रुपये की आमदनी करता है. वित्त वर्ष 2024-25 में कंपनी ने पहली बार 26.8 करोड़ रुपये का डिविडेंड मूल कंपनी को भेजा. इसके अलावा 6.9 करोड़ रुपये रॉयल्टी के रूप में दिए गए. इस तरह कुल योगदान 33.7 करोड़ रुपये रहा. हालात बिगड़ने से अब यह इनकम प्रभावित हो सकती है.

बिकाजी का नया प्रोजेक्ट टला

बिकाजी फूड्स इंटरनेशनल ने जुलाई में नेपाल के चौधरी ग्रुप के साथ संयुक्त उद्यम समझौता किया था. इसके तहत दोनों मिलकर मैन्युफैक्चरिंग और मार्केटिंग की यूनिट बनाने वाले थे. लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए कंपनी ने प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी है. बिकाजी के सीओओ मनोज वर्मा ने कहा कि अब इस फैक्ट्री का काम देरी से शुरू होगा क्योंकि अभी तक कोई निवेश नहीं किया गया है.

डाबर ने कर्मचारियों को दी सलाह

डाबर ने अपने काठमांडू स्थित कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सलाह दी है. कंपनी ने कहा कि उसकी सेल्स टीम को भी सुरक्षा प्राथमिकता देने और कर्फ्यू के निर्देशों का पालन करने के लिए कहा गया है. नेपाल डाबर की कुल बिक्री में करीब 3 फीसदी का योगदान देता है. कंपनी हालात पर लगातार नजर रखे हुए है.

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स्थानीय बाजार पर असर

करीब एक दर्जन भारतीय कंपनियां नेपाल में कारोबार करती हैं. मौजूदा अशांति के चलते प्लांट बंद होने और सप्लाई चेन प्रभावित होने से वहां के कस्टमर को बड़ी परेशानी होगी. नेपाल के फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में भी अनिश्चितता बढ़ेगी. राजधानी काठमांडू और अन्य शहरों में जारी अशांति ने लोकल सप्लाई मार्केट को भी ठप कर दिया है जिससे कारोबार पर सीधा असर पड़ रहा है.

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