दिवाली के बाद भी बुलियन मार्केट में सोने की रौनक बरकरार, जानिए कहां पहुंचा भाव

भारत में सोने के दामों में हल्की बढ़ोतरी देखने को मिली है, जबकि चांदी के भाव स्थिर रहे. दिवाली के बाद भी शादी- विवाह की तैयारियों और रुपये की कमजोरी ने बाजार को नई दिशा दी है. जानिए देशभर के प्रमुख शहरों में आज के सोने-चांदी के ताजा रेट.

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देश में त्योहारी मौसम और शादी सीजन की रौनक ने एक बार फिर सोने की चमक बढ़ा दी है. रविवार को सोने की ट्रेडिंग बंद रहती है इसलिए कीमतों में कोई बदलाव देखने को नहीं मिलते, हालांकि लोकल मार्केट में दाम थोड़े कम-ज्यादा हो सकते हैं. वैश्विक स्तर पर मजबूत रुझान, रुपये में कमजोरी और घरेलू स्तर पर जोरदार खरीदारी ने इस कीमती धातु को नई मजबूती दी. निवेश और परंपरा, दोनों नजरिए से सोना एक अहम संपत्ति माना जाता है, और यही कारण है कि दिवाली और धनतेरस के बाद भी इसकी मांग बनी हुई है.

देशभर में सोने के दाम में हल्की बढ़ोतरी

goodreturns.in के बेवसाइट के मुताबिक, रविवार को 24 कैरेट (99.9 प्रतिशत शुद्धता) वाला सोना राष्ट्रीय स्तर पर करीब 12,202 रुपये प्रति ग्राम पर पहुंच गया, जबकि 22 कैरेट (91.67 प्रतिशत शुद्धता), जो आभूषणों में इस्तेमाल होता है. 11,185 रुपये प्रति ग्राम के स्तर पर रहा. दिल्ली में 24 कैरेट सोना 12,217 रुपये प्रति ग्राम और 22 कैरेट 11,200 रुपये प्रति ग्राम पर कारोबार करता देखा गया. मुंबई और कोलकाता में दाम राष्ट्रीय औसत के आसपास ही रहे, जबकि चेन्नई में सबसे ऊंचे भाव दर्ज हुए, 24 कैरेट 12,328 रुपये और 22 कैरेट 11,300 रुपये प्रति ग्राम.

विशेषज्ञों का कहना है कि दिवाली और धनतेरस के दौरान मजबूत रिटेल डिमांड के साथ-साथ रुपये की कमजोरी ने आयात लागत को बढ़ाया है, जिससे घरेलू बाजार में सोने के दामों को सहारा मिला है.

चांदी के बाजार में स्थिरता

सोने के मुकाबले चांदी के दामों में ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं देखा गया. घरेलू बाजार में 999 शुद्धता वाली चांदी करीब 1,52,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर रही, जबकि 925 शुद्धता वाली स्टर्लिंग चांदी लगभग 1,50,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर कारोबार करती रही. दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में चांदी 1,525 रुपये प्रति 10 ग्राम पर स्थिर रही, वहीं चेन्नई में दाम थोड़ा अधिक यानी 1,650 रुपये प्रति 10 ग्राम रहे.

बाजार जानकारों के मुताबिक, चांदी की स्थिरता के पीछे औद्योगिक मांग और वैश्विक आपूर्ति में उतार-चढ़ाव की भूमिका है. सौर ऊर्जा, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिक वाहन उद्योगों से मांग बढ़ने की उम्मीद है, जो लंबी अवधि में इस धातु को सपोर्ट दे सकती है.