इस हफ्ते 1 दिन में 1150 रुपये उछला सोना, चांदी थोड़ी लुढ़की; जानें पूरे सप्ताह कैसी रही इनकी चाल
सोने की कीमतें इस हफ्ते लगातार बदलीं, कभी चढ़ीं तो कभी लुढ़क गईं. क्या यह गिरावट स्थायी है या सिर्फ बाजार की हलचल? चांदी का हाल भी कुछ अलग नहीं रहा. जानिए क्यों निवेशकों की नजर इस हफ्ते हर दिन सोने-चांदी पर टिकी रही…

Gold Weekly Report: पिछले एक हफ्ते में सोने की कीमतों में हलचल देखने को मिली. शुरुआत में दाम बढ़े, लेकिन हफ्ते के मध्य तक गिरावट आई और फिर थोड़ा सुधार भी हुआ. इस उतार-चढ़ाव के पीछे घरेलू और वैश्विक कारक शामिल हैं, जैसे डॉलर की मजबूती, विदेशी निवेशकों का रुझान और अमेरिका में ब्याज दरों को लेकर अटकलें. हालांकि लंबी अवधि में सोना अभी भी निवेशकों के लिए एक सुरक्षित विकल्प बना हुआ है.
हफ्ते भर कैसा रहा सोने का हाल?
7 जुलाई को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने का इंडेक्स 96,496 रुपये प्रति 10 ग्राम था, जो 8 जुलाई को बढ़कर 97,100 रुपये तक पहुंच गया. लेकिन 9 जुलाई को इसमें तेज गिरावट आई और यह 96,190 रुपये पर आ गया. 10 जुलाई को इसमें थोड़ी रिकवरी हुई और इंडेक्स 96,547 रुपये तक पहुंचा. अब सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन एमसीएक्स पर सोना 97,818 रुपये पर पहुंच कर बंद हुआ.
इसी तरह, इंडियन बुलियन एसोसिएशन (IBA) के मुताबिक 24 कैरेट गोल्ड 7 जुलाई को 97,580 रुपये प्रति 10 ग्राम था, जो 8 जुलाई को गिरकर 96,790 रुपये तक गया. 9 जुलाई को सोने के दाम में यही स्थिरता बनी रही और कीमतों में कोई बदलाव नहीं देखा गया. 10 जुलाई को थोड़ी रिकवरी हुई और सोना 97,050 रुपये पर बंद हुआ. 11 जुलाई को गोल्ड ने शानदार बढ़त दर्ज की और 1150 रुपये के तेजी के साथ 98,200 रुपये पर बंद हुआ. 22 कैरेट गोल्ड की कीमतें भी इसी रुझान के साथ घटी-बढ़ीं, 7 जुलाई को 88,752 रुपये पर बिक रहा सोना 11 जुलाई को बाजार में 90,020 रुपये पर बिक रहा था.

कीमतों में गिरावट की वजहें
सोने की कीमतों में यह गिरावट कई वजहों से आई. सबसे बड़ी वजह थी अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति को लेकर अनिश्चितता. बाजार में यह आशंका बनी हुई है कि ब्याज दरों में कटौती में देरी हो सकती है, जिससे डॉलर मजबूत हुआ और सोने की मांग थोड़ी कम हुई. इसके अलावा, कुछ निवेशकों ने मुनाफा वसूली की रणनीति अपनाई, जिससे बाजार पर दबाव पड़ा.
लंबी अवधि में अब भी भरोसेमंद है सोना
हालांकि छोटी अवधि में दामों में गिरावट देखी गई, लेकिन पिछले 20 वर्षों में सोने ने जबरदस्त रिटर्न दिया है. 2005 में 7,638 रुपये से बढ़कर अब 1,00,000 रुपये के पार पहुंच चुका है, यानी लगभग 1,200 फीसदी की बढ़त. इस साल अब तक यानी वर्ष 2025 में YTD के हिसाब से सोना 31 फीसदी चढ़ चुका है, जो इसे इस साल का टॉप परफॉर्मिंग एसेट बनाता है.
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कैसी रही चांदी की चाल
चांदी की बात करें तो इस हफ्ते में इसकी कीमतों में भी हल्की गिरावट आई. 7 जुलाई को MCX पर चांदी 1,08,345 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो 10 जुलाई को घटकर 1,07,609 रुपये हो गई. IBA के अनुसार सिल्वर 999 फाइन की कीमत भी 1,08,480 रुपये से घटकर 1,07,700 रुपये तक आई. हालांकि कीमतें अब भी 1 लाख रुपये के ऊपर बनी हुई हैं, और पिछले 20 सालों में इसने 668 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है.

इस तरह, सोने-चांदी दोनों की कीमतों में इस हफ्ते हल्की गिरावट जरूर आई लेकिन लंबी अवधि में दोनों धातुएं निवेशकों के लिए मजबूत और सुरक्षित विकल्प बनी हुई हैं.
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