सोना 600 रुपये गिरकर 99,960 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंचा, चांदी में भी भारी गिरावट
शुक्रवार को सोना 600 रुपये गिरकर 99,960 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी 2,000 रुपये गिरकर 1,05,200 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई. वैश्विक बाजारों में कमजोरी और इसराइल-ईरान तनाव के बीच निवेशकों की बिकवाली के चलते यह गिरावट दर्ज की गई. मेहता इक्विटीज और एलकेपी सिक्योरिटीज के विश्लेषकों का कहना है कि बुलियन में उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी रहेगा.

Gold-Silver Price: शुक्रवार को सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है. 10 ग्राम सोने का भाव अब 1 लाख रुपये के नीचे आ गया है. ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के अनुसार, वैश्विक बाजारों में कमजोरी और ज्वैलर्स व स्टॉकिस्ट्स की बिकवाली के चलते, राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमत 600 रुपये की गिरावट के साथ 99,960 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई. इससे पहले, पिछले कारोबारी सत्र में 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने का भाव 1,00,560 रुपये प्रति 10 ग्राम था.
चांदी की कीमतों में भी भारी गिरावट
99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 550 रुपये सस्ता होकर 99,250 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) पर पहुंच गया है. इसके अलावा, चांदी में भी भारी गिरावट दर्ज की गई. चांदी 2,000 रुपये की गिरावट के साथ 1,05,200 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) पर बंद हुई, जबकि गुरुवार को यह 1,07,200 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी. वैश्विक बाजार में स्पॉट गोल्ड 0.5 प्रतिशत की गिरावट के साथ 3,353.67 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था, वहीं स्पॉट सिल्वर 0.77 प्रतिशत गिरकर 36.10 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई.
क्यों हुई गिरावट
मेहता इक्विटीज के कमोडिटीज वाइस-प्रेसिडेंट राहुल कलंत्री ने बताया कि चांदी अपने हाल के उच्चतम स्तर से नीचे आई है और तीन हफ्तों में पहली बार साप्ताहिक गिरावट की ओर बढ़ रही है. इसराइल-ईरान तनाव के चलते निवेशकों ने अन्य एसेट में नुकसान की भरपाई के लिए बुलियन में पोजीशन लिक्विडेट की हैं.
इसके अलावा, बैंक ऑफ इंग्लैंड ने गुरुवार को अपनी मौद्रिक नीति बैठक में दरों को स्थिर रखने का निर्णय लिया, जिससे सोने-चांदी को सीमित समर्थन मिला. हालांकि, कलंत्री ने यह भी कहा कि इसराइल-ईरान संघर्ष के बढ़ने और रुपये की कमजोरी ने घरेलू बाजार में सोने-चांदी की कीमतों को कुछ हद तक सहारा दिया है.
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आगे क्या रहेगा बाजार का रुख
एलकेपी सिक्योरिटीज के वीपी रिसर्च एनालिस्ट जतिन त्रिवेदी ने कहा कि व्यापारी अमेरिकी व्यापार टैरिफ और मध्य-पूर्व में सैन्य संघर्ष से जुड़े डेवलपमेंट पर नजर रखेंगे. इसराइल-ईरान संघर्ष में अमेरिकी नॉन-इनवॉल्वमेंट के किसी भी संकेत से सोने पर दबाव बना रह सकता है. वहीं, नए तनाव की स्थिति में कीमतों को समर्थन मिल सकता है.”
विशेषज्ञों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अस्थिरता, डॉलर की मजबूती और केंद्रीय बैंकों की मौद्रिक नीतियां आने वाले दिनों में सोने-चांदी की कीमतों को प्रभावित करती रहेंगी.
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