आ रहा है GST 2.0, पहले से कितना अलग, जाने 8 साल में कितना भरा खजाना और क्या बदला

भारत में GST 2.0 दिवाली 2025 तक लागू हो सकता है. सरकार का लक्ष्य रोजमर्रा की वस्तुओं पर टैक्स घटाना और MSMEs के लिए अनुपालन आसान बनाना है. नए स्ट्रक्चर में सात की जगह चार स्लैब होंगे. हालांकि इससे सालाना 1.1–1.8 लाख करोड़ रुपये तक राजस्व घाटे का अनुमान है. 2017 से अब तक GST कलेक्शन हर साल बढ़ा है.

भारत में GST 2.0 दिवाली 2025 तक लागू हो सकता है. Image Credit: CANVA

GST 2.0: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2025 को लाल किले से एलान किया था कि सरकार दिवाली 2025 तक “नेक्स्ट जनरेशन GST सुधार” लागू करेगी. इन सुधारों का उद्देश्य रोजमर्रा की वस्तुओं पर टैक्स घटाना है. इसी के मद्देनजर 3 से 4 सितंबर तक GST काउंसिल की बैठक भी चल रही है. अगर कोई बदलाव पर सहमति बनती है तो GST अपने नए वर्जन में नजर आएगा. 2017 में शुरुआत के साथ ही इसमें कई बदलाव हुए है लेकिन यह सबसे अहम बदलाव होगा. तो आइये देश में GST की शुरुआत से अब तक के सफर पर विस्तार से जानते है.

कैसा हो सकता है नया GST

नया GST स्ट्रक्चर कैसा होगा इसको लेकर अभी काउंसिल की बैठक चल रही है. इसके बाद इसमें राज्यों के मंत्रियों की समिति (GoM) की सिफारिशें पेश की जाएंगी. प्रस्ताव पास होने पर ज्यादातर वस्तुएं केवल दो दरों 5 फीसदी और 18 फीसदी में आ जाएंगी. फिलहाल GST सात स्लैब में बंटा है 0.25 फीसदी, 3 फीसदी, 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी, 28 फीसदी और कंपनसेशन सेस. नए प्रस्ताव के अनुसार इसे घटाकर चार स्लैब कर दिया जाएगा, 1 फीसदी से कम की विशेष रेट सोना, हीरा और कीमती धातुओं पर, 5 फीसदी, 18 फीसदी और 40 फीसदी तंबाकू, शराब, सिगरेट जैसे सिन प्रोडक्ट पर.

GST स्ट्रक्चर – पुराना बनाम नया प्रस्ताव

श्रेणीमौजूदा GST स्लैबप्रस्तावित नया GST स्लैब
विशेष दर (कीमती धातु)0.25% / 3% (सोना, हीरा आदि)1% से कम (सोना, हीरा, कीमती धातु)
निचला स्लैब5%5%
मध्यम स्लैब12% और 18%18% (ज्यादातर वस्तुएं इसी में)
ऊपरी स्लैब28% + कंपनसेशन सेस40% (तंबाकू, शराब, सिगरेट जैसे “सिन प्रोडक्ट”)

राज्यों की आमदनी पर असर

नई रेट लागू होने से सालाना 1.1 से 1.8 लाख करोड़ तक राजस्व में कमी आ सकती है. केंद्र सरकार के पास आरबीआई से मिले 2.69 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड डिविडेंड जैसी अतिरिक्त इनकम है, जिससे यह कमी कुछ हद तक संभल सकती है. लेकिन राज्यों के लिए स्थिति चुनौतीपूर्ण होगी क्योंकि जून 2022 के बाद से उन्हें कोई ऑटोमैटिक मुआवजा नहीं मिल रहा. अभी कंपनसेशन सेस सिर्फ पुराने कर्ज चुकाने के लिए मार्च 2026 तक जारी रहेगा. वित्त मंत्रालय के अनुसार, FY25 में औसतन 1.84 लाख करोड़ रुपये मासिक GST वसूला गया. वही एसबीआई का अनुमान है कि 2026 से 27 तक प्रभावी GST दर 9.5 फीसदी तक गिर सकती है.

GST नई दरों का असर – राजस्व और राज्यों पर प्रभाव

बिंदुविवरण
संभावित राजस्व कमीसालाना ₹1.1 – ₹1.8 लाख करोड़
केंद्र सरकार की अतिरिक्त इनकमRBI से मिला ₹2.69 लाख करोड़ का रिकॉर्ड डिविडेंड
राज्यों की स्थितिचुनौतीपूर्ण, क्योंकि जून 2022 से ऑटोमैटिक मुआवजा बंद
कंपनसेशन सेससिर्फ पुराने कर्ज चुकाने के लिए मार्च 2026 तक जारी रहेगा
FY25 औसत मासिक GST कलेक्शन₹1.84 लाख करोड़
SBI का अनुमान (2026-27 तक)प्रभावी GST दर 9.5% तक गिर सकती है

GST से अब तक कितनी कमाई

PWC की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024 से 25 में GST कलेक्शन अब तक का सबसे ऊंचा स्तर छू रहा है और अनुमानित रूप से 17 से 18 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है. अगर पिछले वर्षों को देखे तो जुलाई 2017 से मार्च 2018 के बीच करीब 7.5 लाख करोड़ रुपये का कलेक्शन हुआ था. 2018 से 19 में यह लगभग 8 लाख करोड़ रुपये, 2019 से 20 में 8.5 लाख करोड़ रुपये और महामारी के असर से 2020 से 21 में घटकर लगभग 8 लाख करोड़ रुपये रहा. इसके बाद 2021 से 22 में सुधार के साथ कलेक्शन करीब 10.5 लाख करोड़ रुपये, 2022 से 23 में 13.5 लाख करोड़ रुपये और 2023 से 24 में 15 लाख करोड़ रुपये हो गया. कुल मिलाकर GST कलेक्शन हर साल बढ़ा है और 2024 से 25 इसका सर्वाधिक स्तर माना जा रहा है.

वर्षवार GST कलेक्शन ( लाख करोड़ रुपये में)

वित्त वर्षGST कलेक्शन (₹ लाख करोड़)विशेष टिप्पणी
जुलाई 2017 – मार्च 20187.5GST का पहला वर्ष (बेसलाइन)
2018–198.0हल्की बढ़त
2019–208.5मामूली वृद्धि
2020–218.0महामारी के कारण गिरावट
2021–2210.5तेज़ सुधार
2022–2313

शुरुआत से कैसा रहा ट्रेंड

भारत में GST कलेक्शन का ट्रेंड जुलाई 2017 से लगातार बढ़ोतरी का संकेत देता है. 2018 से 19 में 9.13 फीसदी और 2019 से 20 में 3.80 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई. 2020 से 21 महामारी के असर से -6.98 फीसदी की गिरावट वाला वर्ष साबित हुआ. इसके बाद 2021 से 22 में 30.91 फीसदी की तेज रिकवरी दर्ज की गई. 2022 से 23 में 21.47 फीसदी और 2023 से 24 में 11.65 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई. 2024 से 25 के शुरुआती अनुमान 9.44 फीसदी बढ़ोतरी के संकेत देते है.

वर्षवार GST कलेक्शन ट्रेंड (% में बदलाव)

वित्त वर्षवृद्धि/गिरावट (%)विशेष टिप्पणी
2018–19+9.13%सामान्य बढ़त
2019–20+3.80%धीमी वृद्धि
2020–21-6.98%महामारी से गिरावट
2021–22+30.91%तेज रिकवरी
2022–23+21.47%मजबूत वृद्धि
2023–24+11.65%स्थिर लेकिन

कब कब बदला

GST के कानूनी ढांचे और अपील प्रक्रिया में भी कई बदलाव हुए है. जुलाई 2017 में GST लागू हुआ. सितंबर 2019 से दिसंबर 2023 तक GST अपीलीय अधिकरण GSTAT की संवैधानिकता अदालतों में चुनौती का विषय रही और कानून में संशोधन किए गए. मई 2024 में GSTAT के अध्यक्ष ने शपथ ली. जुलाई 2024 में सीबीआईसी ने अपील दाखिल करने के लिए प्री डिपॉजिट और अंडरटेकिंग से संबंधित सर्कुलर जारी किया. अगस्त 2024 में नई दिल्ली में प्रमुख बेंच अधिसूचित हुई और अपील दाखिल करने की समय सीमा अधिसूचित तिथि से जोड़ी गई. नवंबर 2024 में विभिन्न राज्यों की बेंच अधिसूचित हुई और अंत में अप्रैल 2025 में GSTAT के नियम अधिसूचित कर दिए गए.

GSTAT और कानूनी ढांचे के बदलाव (2017–2025)

वर्ष/माहघटनाक्रम
जुलाई 2017GST लागू हुआ
सितम्बर 2019 – दिसम्बर 2023GSTAT की संवैधानिकता अदालतों में चुनौती, कानून में संशोधन
मई 2024GSTAT के अध्यक्ष ने शपथ ली
जुलाई 2024CBIC ने प्री-डिपॉजिट और अंडरटेकिंग से संबंधित सर्कुलर जारी किया
अगस्त 2024नई दिल्ली में प्रमुख बेंच अधिसूचित, अपील दाखिल करने की समय सीमा अधिसूचित तिथि से जोड़ी गई
नवम्बर 2024विभिन्न राज्यों की बेंच अधिसूचित हुई
अप्रैल 2025GSTAT के नियम अधिसूचित किए गए

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