GST घटी, फिर भी महंगा मिल रहा सामान तो WhatsApp समेत यहां करें शिकायत, सरकार ने की अपील
सरकार ने लोगों की जेब का बोझ कम करने के मकसद से GST दरों में कटौती की है. सरकार ने 4 स्लैब्स में से दो को खत्म कर दिया है. इससे रोजमर्रा से लेकर दूसरी कई चीजें सस्ती हो गई हैं. ये 22 सितंबर से लागू हो चुका है, लेकिन अभी भी कई ग्राहकों को इसका फायदा नहीं मिल रहा है. ऐसे में सरकार ने उनसे शिकायत दज कराने की अपील की है.
GST rate cut: लोगों की जेब का बोझ हल्का करने के मकसद से केंद्र सरकार ने GST दरों में कटौती की है, जो 22 सितंबर से लागू हो गया है. इससे खाने-पीने की चीजों से लेकर कई चीजें सस्ती हो गई हैं, लेकिन अभी भी कई दुकानदार या कंपनियां महंगे दामों पर सामान बेच रही हैं. अगर आपको भी GST दर कम होने के बावजूद महंगा सामान मिल रहा है तो आप दुकानदार या कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकते हैं. आप व्हाट्सऐप से लेकर टोल फ्री नंबर तक में कंप्लेन रजिस्टर्ड करा सकते हैं.
GST कटौती के बावजूद लोगों को इसका फायदा न मिल पाने को लेकर सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट के जरिए ग्राहकों ने नाराजगी जताई. इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने अहम निर्देश जारी किए हैं. सरकार ने लोगों से अपील की है कि अगर उन्हें लगता है कि GST दरों में कटौती का फायदा दुकानदार या कंपनियां आपको नहीं दे रही हैं, तो अब आप सीधी शिकायत कर सकते हैं. इसके लिए कई आसान विकल्प मौजूद हैं.
CBIC ने जारी किए FAQs
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) की ओर से इस सिलसिले में जारी एक FAQ सेट में बताया गया है कि ग्राहक टोल-फ्री नंबर 1915 पर नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन (NCH) को कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं.
इसके अलावा, WhatsApp से शिकायत करने के लिए 8800001915 पर मैसेज भी भेजा जा सकता है.
उपभोग्ता चाहे तो ऑनलाइन शिकायत के लिए INGRAM पोर्टल का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो कि Integrated Grievance Redressal Mechanism है.
अब सिर्फ दो टैक्स स्लैब बरकरार
22 सितंबर से सरकार ने GST की पुरानी चार स्लैब (5%, 12%, 18% और 28%) को घटाकर अब सिर्फ दो स्लैब कर दिए हैं, जिनमें 5% और 18% शामिल है. बाकी 12 फीसदी और 28 फीसदी के स्लैब को हटा दिया है. CBIC के अनुसार, इससे 99% सामान्य उपभोक्ता वस्तुएं सस्ती हो चुकी हैं. लेकिन, सोशल मीडिया पर कई उपभोक्ताओं ने शिकायत की है कि कुछ दुकानदार और ब्रांड अब भी पुरानी दरों पर सामान बेच रहे हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए शिकायत दर्ज कराने की व्यवस्था की गई है.
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अभी तक एंटी प्रॉफिटरिंग सिस्टम नहीं हुआ एक्टिव
जीएसटी कटौती के बाद भले ही सरकार ने इस मामले में कोई औपचारिक Anti-Profiteering Mechanism लागू नहीं किया हो, लेकिन प्राइसिंग ट्रेंड्स की निगरानी की जा रही है, जिससे ग्राहकों को सस्ते रेट में सामान मिल सके.