कैरम बोर्ड से लेकर चेस और लूडो तक, 22 सितंबर से कम होगी कीमत; GST कट के बाद जानें क्या होगी नई रेट

22 सितंबर से घरेलू बोर्ड गेम्स जैसे चेस, लूडो और कैरम बोर्ड पर GST घटाकर 5 फीसदी किया जाएगा, जबकि ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग, कसीनो और सट्टेबाजी पर टैक्स 40 फीसदी हो जाएगा. जानें इस फैसले का असर लोगों पर कैसे होगा साथ ही सामान कितने सस्ते हो जाएंगे.

जीएसटी रेट का असर Image Credit: @Canva/Money9live

GST on Carrom Chess Ludo: गुजरात की राजधानी में हुई GST काउंसिल की 56वीं बैठक में खेलों और ऑनलाइन गेमिंग को लेकर भी अहम फैसले लिए गए थे. इस बैठक में सरकार ने घरेलू और मनोरंजन वाले खेलों पर टैक्स दर घटाने के साथ ही ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग पर टैक्स बढ़ाने का निर्णय लिया. सभी रियायत और ज्यादा टैक्स का असर 22 सितंबर से देखने को मिलेगा. सरकार ने जीएसटी कट के बाद जारी सूची में चेस, लूडो और कैरम बोर्ड को भी शामिल किया है. इन सभी घरेलू खेलों पर लगने वाले जीएसटी रेट को कम कर दिया गया है. आइए विस्तार से समझते हैं.

घरेलू खेलों पर राहत

काउंसिल ने ताश के पत्ते, शतरंज की बिसात, कैरम बोर्ड और लूडो जैसे बोर्ड गेम्स पर GST की दर 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दी है. इसका मतलब है कि अब इन खेलों के दाम लगभग आधे टैक्स वाले होंगे. सरकार का मकसद यह साफ है कि दोस्तों और परिवार के बीच खेले जाने वाले सामान्य खेल आसानी से उपलब्ध हों और इन पर टैक्स का बोझ कम हो. 22 सितंबर से यह नई दर लागू हो जाएगी. 

ItemPrevious GST RateNew GST Rate (from 22 Sept)
Carrom Board12%5%
Ludo12%5%
Chess Board12%5%

उदाहरण के तौर पर मान लीजिए कि एक कैरम बोर्ड की कीमत अभी 600 रुपये है. 22 सितंबर से इसकी कीमत में तकरीबन 40 रुपये की कटौती हो सकती है. यानी 22 सितंबर से 600 रुपये में मिलने वाला एक कैरम बोर्ड 560 रुपये तक मिल सकता है.

ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग पर बढ़ा टैक्स

वहीं, ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग (RMG), कसीनो, रेस क्लब, लॉटरी और सट्टेबाजी पर टैक्स बढ़ाकर 28 फीसदी से 40 फीसदी कर दिया गया है. इस पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) की सुविधा भी मिलेगी. इस फैसले के साथ ही अब ऑनलाइन गेमिंग और बेटिंग को GST कानून के तहत “गुड्स” की श्रेणी में रखा गया है. इसका मतलब है कि इन पर भारी टैक्स लगेगा और इन्हें ‘सिन गुड्स’ यानी समाज और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक उत्पादों की तरह माना जाएगा.

क्यों किया गया यह फैसला?

हाल ही में संसद ने “Promotion and Regulation of Online Gaming Act” पास किया, जिसके तहत ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दी गई है. सरकार का कहना है कि यह कदम धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग और आतंक फाइनेंसिंग को रोकने के लिए जरूरी था. इसके साथ ही सरकार ई-स्पोर्ट्स और गैर-मोनेटाइज्ड सोशल गेमिंग को बढ़ावा देना चाहती है. इसीलिए सामान्य बोर्ड गेम्स पर टैक्स घटाया गया, ताकि लोग बिना पैसों के खेलों का आनंद ले सकें.

उद्योग पर असर

ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग इंडस्ट्री को लगातार दो बड़े झटके लगे हैं. पिछले साल अक्टूबर में, GST काउंसिल ने सभी ऑनलाइन गेम्स पर 28 फीसदी टैक्स लगा दिया था. अब इसे 40 फीसदी कर दिया गया है, जिससे यह सेक्टर और महंगा और सीमित हो जाएगा. इस फैसले से यह साफ हो गया है कि सरकार ऑनलाइन पैसे वाले गेम्स और जुए पर सख्ती बरत रही है, जबकि पारंपरिक घरेलू खेलों को सस्ती दरों पर बढ़ावा दिया जा रहा है.

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