ये है हरियाणा का सबसे महंगा ठेका, 98.6 करोड़ है कीमत, जानें किसने खरीदा

हरियाणा में शराब लाइसेंस की नीलामी में गुरुग्राम के ब्रिस्टल चौक जोन के लिए रिकॉर्ड तोड़ बोली लगी है. इस जोन का लाइसेंस करीब 100 करोड़ में नीलाम हुआ है, जो राज्य के इतिहास में सबसे महंगा एक्साइज लाइसेंस है. जानें ये किस कंपनी को मिला है...

गुरुग्राम का सबसे महंगा ठेका Image Credit: Money9live/Canva

Haryana Costliest Liquor Zone: हरियाणा में हाल ही में हुई शराब लाइसेंस की नीलामी में इस बार रिकॉर्ड तोड़ बोली देखने को मिली है. गुरुग्राम के पॉश इलाके गोल्फ कोर्स रोड स्थित ब्रिस्टल चौक जोन के लिए केवल एक ही लाइसेंस 98.6 करोड़ रुपये में नीलाम हुआ है. ये राज्य के इतिहास में सबसे महंगा एक्साइज लाइसेंस माना जा रहा है. दरअसल इसका रिजर्व प्राइस 94.6 करोड़ था जो 98.6 करोड़ में नीलाम हुआ है ये 4.2 फीसदी ज्यादा है.

कौन जीता ये महंगा जोन?

इस जोन की नीलामी में G-Town Wines नाम की एकमात्र कंपनी ने बोली लगाई थी और जीत भी उसी ने हासिल की है. नियमों के अनुसार, कंपनी इस जोन में अधिकतम दो शराब की दुकानें खोल सकेगी. मजेदार बात यह है कि पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 में इसी जोन के लिए लाइसेंस मात्र 49.3 करोड़ में नीलाम हो गया था. यानी इस बार कीमत लगभग दोगुनी हो गई है.

ToI की रिपोर्ट के अनुसार, ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि अब जो नई नीति बनी है, उसके तहत लाइसेंस 12 महीनों के बजाय पूरे 22 महीनों के लिए जारी होगा यानी जून 2025 से मार्च 2027 तक.

बाकी जोन का हाल?

गुरुग्राम को दो हिस्सों में बांटकर शराब जोन की नीलामी की गई है जो है ईस्ट और वेस्ट. जहां ब्रिस्टल चौक वेस्ट जोन में आता है, वहीं DLF-3 और शंकर चौक ईस्ट जोन का हिस्सा हैं.

रिपोर्ट के मुताबक, गुरुग्राम ईस्ट के 79 में से 50 जोन की नीलामी से 1,270 करोड़ की आमदनी हुई, जो तय 1,198 करोड़ रिजर्व प्राइस से करीब 6% ज्यादा है.

गुरुग्राम वेस्ट के बचे हुए 21 जोन की नीलामी 3 जून को और ईस्ट के बचे 29 जोन की नीलामी 5 जून को की जाएगी. रिपोर्ट के मुकाबिक, विभाग का कहना है कि तीसरे राउंड में बेहतर प्रतिक्रिया मिली है, जिससे राज्य की नई शराब नीति को लेकर लोगों में विश्वास और भागीदारी दिखी.

हरियाणा की एक्साइज नीति का टारगेट

5 मई को राज्य कैबिनेट ने 2025-2027 के लिए नई शराब नीति को मंजूरी दी थी, जिसमें शहरी इलाकों में जल्दी दुकानें बंद करने, लाइव परफॉर्मेंस पर रोक और 500 से कम जनसंख्या वाले गांवों में शराब की बिक्री बंद करने जैसे सख्त प्रावधान शामिल हैं.

बता दें कि इस बार हरियाणा ने 14,064 करोड़ की शराब से कमाई का टारगेट रखा है. बीते वित्त वर्ष 2024-25 में 90% टारगेट यानी 11,491 करोड़ की वसूली हो चुकी थी, जबकि लक्ष्य 12,650 करोड़ था. इनमें से 35-40% रेवेन्यू अकेला गुरुग्राम देता है.