कितना कमाती हैं IPL की टीमें, अकेले BCCI देता है 400 करोड़, जानें टिकट बिक्री-प्राइज मनी का कैसे होगा बंटवारा
आज के समय में आईपीएल सिर्फ एक टूर्नामेंट नहीं, बल्कि एक बिजनेस मॉडल बन गया है. यह बड़े-बड़े ब्रांडों और इन्वेस्टर्स को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है. ऐसे में आइए जानते हैं कि आईपीएल की टीमों को इस बिजनेस मॉडल से कहां-कहां से और कितना पैसा मिलता है. साथ ही, इन फ्रेंचाइजियों की कमाई के प्रमुख सोर्स कौन-कौन से हैं.
How Do IPL Teams Get Money: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) सिर्फ एक क्रिकेट टूर्नामेंट नहीं, बल्कि एक मेगा बिजनेस मॉडल भी है. हर साल आईपीएल का रोमांच न केवल खिलाड़ियों और दर्शकों को बल्कि बड़े-बड़े ब्रांड्स और इन्वेस्टर्स को भी अपनी तरफ खींचता है. साल 2007 में आईपीएल के शुरू होने के बाद से ही, यह सबसे अधिक देखे जाने वाली क्रिकेट लीग में शामिल हो गया. चेन्नई सुपर किंग्स, मुंबई इंडियंस, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु जैसी टीमें आज करोड़ों की कमाई करती हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये टीमें पैसे कैसे कमाती हैं? चलिए समझते हैं इनके इनकम के सोर्स का पूरा गणित एकदम आसान भाषा में.
बीसीसीआई से सेंट्रल रेवेन्यू (Central Revenue from BCCI):
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI), जो आईपीएल का संचालन करता है, इसके बनाए गए सेंट्रल रेवेन्यू से आता है. इसमें शामिल हैं. इनमें,
ब्रॉडकास्टिंग राइट्स: बीसीसीआई को आईपीएल प्रसारण के लिए मीडिया राइट्स से अरबों रुपये मिलते हैं. बीसीसीआई ने साल 2023-2027 की मीडिया राइट्स डील में 48,390 करोड़ रुपये कमाएं, जिसमें स्टार स्पोर्ट्स टीवी प्रसारण और जियोहॉटस्टार ऑनलाइन स्ट्रीमिंग है.
सेंट्रल स्पॉन्सरशिप्स: टाटा, ड्रीम11, सीएट, स्विग्गी इंस्टामार्ट जैसी कंपनियां बीसीसीआई को भारी रकम देती हैं, जो आईपीएल से जुड़ने के लिए भारी रकम चुकाती हैं. बीसीसीआई इस रेवेन्यू का लगभग 45 फीसदी हिस्सा 10 टीमों में बराबर बांटता है. यानी कि इसका मतलब है कि हर टीम को करीब 400 करोड़ से अधिक की सालाना कमाई मिलती है.
टीम के अपने Sponsorship Deals:
हर टीम अपने-अपने स्पॉन्सर से भी भारी पैसा कमाती है. इसमें शामिल हैं, जर्सी स्पॉन्सर (Front Jersey Sponsor). यह सबसे बड़ी डील होती है. इसके अलावा जर्सी स्पॉन्सर पीठ, बाजुओं और कैप पर लगे ब्रांड भी पैसा देते हैं. साथ ही डिजिटल और सोशल मीडिया के पार्टनर की टीमें भी सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर ब्रांड्स के साथ अभियान चलाती हैं.
उदाहरण के लिए: साल 2024 में मुंबई इंडियंस के फ्रंट जर्सी स्पॉन्सर Slice था. RCB ने Qatar Airways से डील की. CSK ने TVS Eurogrip समेत कई ब्रांड्स से करार किए. टॉप टीमें सालाना 70 से 100 करोड़ रुपये तक स्पॉन्सरशिप से कमाती हैं. चेन्नई सुपर किंग्स ने 2024 में 95.5 करोड़ रुपये से अधिक कमाए थे.
टिकट बिक्री से कमाई (Matchday Revenue):
जब कोई टीम अपने होम ग्राउंड पर मैच खेलती है, तो उसके टिकट की बिक्री से अच्छा-खासा पैसा आता है. टीम को टिकट बिक्री का एक बड़ा हिस्सा मिलता है, जबकि कुछ हिस्सा लोकल क्रिकेट एसोसिएशन और बीसीसीआई को जाता है. खास बात यह भी है कि जब बड़े शहरों में मैच होता है, जैसे मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई में, टिकट की मांग बहुत अधिक होती है.
जैसे कि साल 2024 में मुंबई के एक हाई-डिमांड मैच में टिकट 800 रुपये से 10,000 रुपये तक बिके थे. जिसकी वजह से पूरे सीजन में टीमों ने टिकट बिक्री से 20 से 30 करोड़ रुपये तक कमाए.
मर्चेंडाइज सेल (Merchandise Sales):
फैंस अपनी पसंदीदा टीम की जर्सी, कैप्स, मग्स और दूसरे सामान खरीदते हैं. जिसके लिए टीमें ऑनलाइन स्टोर और ऑफलाइन रिटेल के जरिए बेचती हैं. खास बात यह भी है कि मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स जैसी जैसी टीमों की मर्चेंडाइज बिक्री भारत ही नहीं, विदेशों में भी होती है. हालांकि यह कमाई का छोटा हिस्सा है, लेकिन ब्रांड को बिल्ड करने में मददगार सोर्स है.
प्राइज मनी (Prize Money):
आईपीएल में टॉप पोजिशन पर आने वाली टीमों को बीसीसीआई की तरफ से इनाम राशि मिलती है. जैसे कि साल 2024 के IPL में विजेता को 20 करोड़ रुपये, रनर-अप को 12.5 करोड़ और तीसरे तथा चौथे पोजिशन वाले को 7 करोड़ रुपये मिले थे. यह अमाउंट खिलाड़ियों और फ्रेंचाइजी के बीच आपसी समझ के अनुसार बांटी जाती है.
खिलाड़ी ट्रेड और ट्रांसफर (Player Trading & Transfers):
टीमें एक-दूसरे से खिलाड़ियों की अदला-बदली करती हैं. कभी-कभी इसमें कैश सौदे भी होते हैं. हालांकि यह रेगुलर कमाई का जरिया नहीं है, लेकिन सही रणनीति से टीम को फायदे में रखा जा सकता है.
ब्रांड वैल्यू और इन्वेस्टमेंट (Franchise Brand Value):
जैसे-जैसे टीमें फेमस होती हैं, उनकी ब्रांड वैल्यू भी बढ़ती है. आईपीएल फ्रेंचाइज़ीज़ का ब्रांड मूल्य पिछले कुछ सालों में आसमान छू रहा है. साल 2024 में, चेन्नई सुपर किंग्स का ब्रांड मूल्य ₹1,800 करोड़ से अधिक हो गया. इसके अलावा मुंबई इंडियंस व रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु भी ज्यादा पीछे नहीं थे.
इसे भी पढ़ें- कौन है मोहिनी मोहन दत्ता, जिन्होंने रतन टाटा की वसीयत पर उठाये थे सवाल, अब मिलेंगे 588 करोड़, जानें कैसे