भारत और नेपाल रेल कनेक्टिविटी के जरिए बढ़ाएंगे व्यापार, दोनों देशों ने समझौते पर किए साइन
India-Nepal Trade: दोनों देशों ने इस संबंध में भारत और नेपाल के बीच ट्रांजिट संधि के प्रोटोकॉल में संशोधन करते हुए विनिमय पत्र (LOE) का आदान-प्रदान किया. भारत, नेपाल का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और विदेशी निवेश का सबसे बड़ा स्रोत भी है.
India-Nepal Trade: भारत और नेपाल ने गुरुवार को कंटेनरयुक्त और थोक माल के लिए जोगबनी-विराटनगर रेल लिंक के साथ सीधा रेल संपर्क स्थापित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिससे कोलकाता और विशाखापत्तनम बंदरगाहों से विराटनगर के पास मोरंग जिले में स्थित नेपाल सीमा शुल्क यार्ड कार्गो स्टेशन तक परिवहन की सुविधा होगी. दोनों देशों ने इस संबंध में भारत और नेपाल के बीच ट्रांजिट संधि के प्रोटोकॉल में संशोधन करते हुए विनिमय पत्र (LOE) का आदान-प्रदान किया.
मल्टी-मॉडल ट्रेड संपर्क होगा मजबूत
वाणिज्य मंत्रालय ने कहा, ‘इस समझौते से जोगबनी (भारत) और विराटनगर (नेपाल) के बीच रेल आधारित माल की आवाजाही में सुविधा होगी. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और नेपाल के उद्योग, वाणिज्य एवं आपूर्ति मंत्री अनिल कुमार सिन्हा के बीच द्विपक्षीय बैठक के दौरान एलओई का आदान-प्रदान हुआ.
यह उदारीकरण प्रमुख ट्रांजिट गलियारों – कोलकाता-जोगबनी, कोलकाता-नौतनवा (सुनौली) और विशाखापत्तनम-नौतनवा (सुनौली) तक विस्तारित है, जिससे दोनों देशों के बीच मल्टी-मॉडल व्यापार संपर्क और तीसरे देशों के साथ नेपाल का व्यापार मजबूत होगा.
मजबूत होंगे आर्थिक रिश्ते
वाणिज्य मंत्रालय ने आगे कहा कि भारत नेपाल का सबसे बड़ा व्यापार और निवेश साझेदार बना हुआ है, और उसके विदेशी व्यापार में उसका महत्वपूर्ण योगदान है. मंत्रालय ने कहा, ‘इन नए उपायों से दोनों देशों और अन्य देशों के बीच आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों के और मजबूत होने की उम्मीद है.’
भारत सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार
भारत, नेपाल का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और विदेशी निवेश का सबसे बड़ा स्रोत भी है. इसके अलावा नेपाल को तीसरे देश के व्यापार के लिए ट्रांजिट भी प्रदान करता है. भारत-नेपाल रेल सेवा समझौता (RSA) 2004 दोनों देशों के बीच रेल-माल परिवहन को नियंत्रित करता है. भारत-नेपाल रेल-माल यातायात को उदार बनाने और इसे भारतीय एवं नेपाली रेलवे की नई ऑपरेशनल एवं इंफ्रास्ट्रक्चर स्थिति के अनुरूप लाने के लिए जून 2021 में आरएसए के साथ एक लेटर ऑफ एक्सचेंज (LoE) पर हस्ताक्षर किए गए थे.