भारत-अमेरिका ट्रेड डील में खटास, छठे दौर की वार्ता स्थगित; 25 अगस्त को दिल्ली में होनी थी बैठक

भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित ट्रेड डील पर छठे दौर की वार्ता 25 अगस्त को दिल्ली में होनी थी, लेकिन बढ़ते व्यापार तनाव के कारण अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की यात्रा स्थगित हो गई है. अमेरिका ने हाल ही में भारतीय निर्यात पर 25 फीसदी अतिरिक्त शुल्क लगाए हैं. भारत ने इसे अनुचित बताते हुए आपत्ति दर्ज की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ किया कि भारत किसी भी ऐसे समझौते को स्वीकार नहीं करेगा जो किसानों और पशुपालकों के हितों के खिलाफ हो.

भारत अमेरिका व्यापार समझौता Image Credit: money9live.com

India-US trade talks: भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील को लेकर पांच दौर की बातचीत हो चुकी है. वहीं प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर छठे दौर की वार्ता 25 अगस्त को होने वाली थी. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, छठे दौर की वार्ता के लिए निर्धारित अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की 25 अगस्त की दिल्ली यात्रा स्थगित कर दी गई है. यह निर्णय दोनों देशों के बीच बढ़ते व्यापार तनाव के बीच आया है, जिससे सितंबर-अक्टूबर तक समझौते के पहले चरण को अंतिम रूप देने का लक्ष्य धूमिल हो गया है.

क्यों टली वार्ता?

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (USTR) कार्यालय के सहायक ब्रेंडन लिंच के नेतृत्व में होने वाली यह बैठक रद्द कर दी गई है. एक अधिकारी ने बताया कि अमेरिकी पक्ष ने व्यापार वार्ता को रोक दिया है, हालांकि यह स्थायी है या अस्थायी, यह अभी स्पष्ट नहीं है.

उन्होंने साफ कर दिया कि वे 25 अगस्त की बैठक के लिए नहीं आएंगे. अब तक दोनों देशों के बीच पांच दौर की वार्ता हो चुकी है और छठा दौर महत्वपूर्ण माना जा रहा था क्योंकि अमेरिका द्वारा भारतीय निर्यात पर लगाए गए नए शुल्क 27 अगस्त से प्रभावी होने वाले हैं.

अमेरिकी टैरिफ बढ़ोतरी से बढ़ा तनाव

7 अगस्त को अमेरिका ने भारतीय निर्यात पर 25 फीसदी अतिरिक्त शुल्क लगाया, जिसे उसने “व्यापार असंतुलन को ठीक करने” के लिए एक “Reciprocal Tariff” बताया. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस शुल्क को 50 फीसदी तक बढ़ा दिया. 27 अगस्त से भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद पर दूसरा 25 फीसदी जुर्माना शुल्क लागू होने वाला है.

भारत ने इन कदमों को “अनुचित और अतार्किक” बताते हुए आपत्ति जताई है. एक सरकारी सूत्र ने कहा कि हम अमेरिका से पहले से अधिक तेल खरीद रहे हैं, लेकिन रूसी तेल की आपूर्ति बंद नहीं कर सकते. यह हमारे लिए आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण है.

भारत का कड़ा रुख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में स्पष्ट किया कि भारत किसी भी ऐसे व्यापार समझौते को स्वीकार नहीं करेगा जो किसानों या पशुपालकों के हितों को प्रभावित करता हो. उन्होंने कहा कि हमारी नीतियां हमारे लोगों के हितों को सर्वोपरि रखेंगी.

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ट्रम्प की चेतावनी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने Fox News को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि रूस ने भारत जैसा एक बड़ा तेल ग्राहक खो दिया है, जो उसके तेल का 40 फीसदी हिस्सा खरीदता था. अगर मैं Secondary Tariffs लगाता हूं, तो यह भारत के लिए विनाशकारी होगा. अगर करना पड़ा, तो मैं करूंगा. हालांकि, अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ हुई उनकी बैठक यूक्रेन युद्ध पर किसी समझौते के बिना समाप्त हो गई.