डिफेंस इंडस्ट्री का महाबली भारत! 10 साल में 34 गुना बढ़ा निर्यात, मेड इन इंडिया को सलाम कर रही दुनिया

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुनिया ने भारतीय रक्षा बलों के शौर्य के साथ भारत के हथियार और तकनीकी श्रेष्ठता की झलकियां देखी हैं. पिछले 10 साल में डिफेंस सेक्टर आत्मनिर्भर भारत अभियान के लीडर के तौर पर उभरा है. इस क्षेत्र में जरूरतों को पूरा करने के साथ ही भारत ने निर्यात में भी कदम जमाए हैं.

भारत का रक्षा निर्यात तेजी से बढ़ रहा है Image Credit: money9live

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने चीन और तुर्किये के हथियारों का जमकर इस्तेमाल किया. भारत के मल्टीलेयर्ड एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान के हर हमले को हवा में ही नाकाम कर दिया. पूरी दुनिया की डिफेंस इंडस्ट्री की निगाहें इस संघर्ष पर टिकी थीं. अमेरिका, रूस, फ्रांस, तुर्किये सभी गौर से देख रहे थे कि किस तरह उनके बनाए हथियारों का क्या अंजाम हो रहा है. जाहिर तौर पर तुर्किये और चीन को भारी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा, क्योंकि इन दोनों देशों की मिसाइलें, जेट और ड्रोन इस युद्ध में बुरी तरह नाकाम हुए हैं.

आत्मनिर्भर भारत की बड़ी कामयाबी

पाकिस्तान की तरफ से किए गए हमलों के खिलाफ भारत के एयर डिफेंस सिस्टम की कामयाबी ने पूरी दुनिया को चौंका दिया है. क्योंकि, तुर्किये अपने जिन ड्रोन को दुनिया का सबसे एडवांस्ड ड्रोन सिस्टम कहकर बेच रहा था, भारत में इसकी धज्जियां उड़ा दी गईं. यही हश्र चीन के जेएफ-17 फाइटर जेट और पीएल-15 का हुआ. मोटे तौर पर इसे आत्मनिर्भर भारत की बड़ी कामयाबी माना जा रहा है. क्योंकि, भारत के एयर डिफेंस सिस्टम में S-400 एक हिस्से के तौर पर इस्तेमाल किया गया. इसके अलावा भारत में ही बने आकाश मिसाइल सिस्टम सहित कई तरह के सेटअप का इसमें इस्तेमाल किया गया.

तेजी से बढ़ते कदम

11 मई को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल की फैक्टरी के उद्धाटन समारोह के दौरान बताया कि भारत का रक्षा निर्यात 10 के भीतर 34 गुना बढ़ गया है. यह बताता है कि डिफेंस सेक्टर में भारत आत्मनिर्भर ही नहीं हुआ है, बल्कि एक लीडिंग एक्सपोर्टर के तौर पर भी उभर रहा है.

34 गुना की बंपर बढ़ोतरी

रक्षा मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, भारत ने 2024-25 में 23,622 करोड़ रुपये का रक्षा निर्यात किया. पिछले 10 साल में इसमें 34 गुना की बढ़ोतरी हुई है. 10 साल पहले 2013-14 में भारत का रक्षा निर्यात महज 686 करोड़ रुपये था. रक्षा मंत्री ने कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत की बड़ी कामयाबी है.

रक्षा में कैसे आत्मनिर्भर हुआ भारत?

भारत सरकार ने अपनी आत्मनिर्भर और मेक इन इंडिया योजनाओं के हिस्से के रूप में सरकार ने भारतीय निर्माताओं को वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बनाने, निवेश आकर्षित करने, निर्यात बढ़ाने, भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में शामिल करने के लिए PLI यानी प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेटिव योजनाएं चलाई हैं. इसके अलावा रक्षा और एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग में सरकार ने अपने निवेश में कई गुना बढ़ोतरी की है. इसके लिए डिफेंस कॉरिडोर, दूसरे देशों की कंपनियाें के साथ जॉइंट वेंचर और टेक्नोलॉजी ट्रांंसफर जैसे समझौते किए गए हैं.

80 देशों को हो रहा निर्यात

आज भारत के रक्षा उपकरणों को दुनिया के 80 देशों को निर्यात किया जा रहा है. रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, हाल ही में समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में भारत ने 80 देशों को गोला-बारूद, हथियार, सब-सिस्टम, पार्ट्स, कंपोनेंट निर्यात किए.

आगे क्या है योजना?

सरकार का लक्ष्य भारत को रक्षा क्षेत्र में पूरी तरह आत्मनिर्भर बनाने के लिए भारत के रक्षा उद्योग को बढ़ावा देना है. इसके लिए सरकार ने लक्ष्य रखा है कि 2029 तक भारत 50,000 करोड़ रुपये का रक्षा निर्यात करेगा.

डिफेंस स्टॉक्स पर दिखा असर

भारत के डिफेंस उद्योग में आ रहे बदलावों को NSE के निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स में साफ तौर पर देखा जा सकता है. पिछले तीन महीने में यह इंडेक्स 30 फीसदी तक बढ़ चुका है.

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