TCS जैसे दिग्गज कर रहे छंटनी, लेकिन ये कंपनियां दे रही हैं ऑफर लेटर, IT सेक्टर में क्या चल रहा
आईटी इंडस्ट्री में तेजी से बदलते दौर में एक बड़ा उलटफेर देखने को मिल रहा है. एक तरफ शीर्ष कंपनियों में छंटनी का माहौल है, वहीं दूसरी ओर मिड-साइज कंपनियां नियुक्ति के नए दरवाजे खोल रही हैं. आखिर वजह क्या है? पढ़िए पूरी कहानी.

भारतीय आईटी इंडस्ट्री इन दिनों दोराहे पर खड़ी है. देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनियां लगातार छंटनी कर रही हैं, वहीं उसके उलट मिड-साइज कंपनियां तेजी से नए लोग हायर कर रही हैं. आखिर, क्या बदला है इंडस्ट्री में? कंपनियों की यह पॉलिसी क्यों बदली है? और, इसका फायदा किसे मिल रहा है? इस रिपोर्ट में आपको इन सभी सवालों के जवाब मिलेंगे.
बड़ी कंपनियां: छंटनी से बढ़ा ‘रेवेन्यू पर एम्पलॉई’
टेक सेक्टर की दिग्गज कंपनियां, जैसे TCS, Infosys, Wipro, HCL Tech और Tech Mahindra, बीते कुछ समय से खर्च कम करने के लिए अपने कर्मचारियों की संख्या घटा रही हैं. वजह है- कमजोर क्लाइंट डिमांड, प्रोजेक्ट में देरी और नई तकनीकों में निवेश का रुकना. हालांकि, इन कंपनियों में वर्कफोर्स कम करने का एक सकारात्मक असर दिखा है, कंपनियों का प्रति कर्मचारी रेवेन्यू बढ़ गया है. यानी, कम कर्मचारियों के साथ ज्यादा काम और बेहतर एफिशिएंसी.
एक नजर डालें रेवेन्यू प्रति एम्पलॉई पर –

इन आंकड़ों से साफ है कि कम कर्मचारियों के साथ कंपनियों ने अपनी एफिसिएंसी और रेवेन्यू दोनों बढ़ाए हैं. इसके पीछे वजह है कि इन कंपनियों ने वर्कफोर्स को ऑप्टिमाइज किया है, यानी जरूरत से ज्यादा कर्मचारियों को रखने के बजाय, कम मगर स्किल्ड लोगों के जरिए ही क्लाइंट डिलिवरी को मजबूत बनाया है.
मिड-साइज फर्म्स का मॉडल: ग्रोथ और अपॉर्च्युनिटी
जिधर बड़ी कंपनियां कटौती कर रही हैं, उधर मिड-साइज कंपनियां इसका फायदा उठाकर टैलेंट हायर कर रही हैं. इन फर्म्स का क्लाइंट बेस फैला हुआ है और नए-नए सेक्टर में डील्स मिल रही हैं, जैसे ऑटो, BFSI, भारतीय पब्लिक सेक्टर. एक रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रोथ और बिजनेस विजिबिलिटी के चलते ये कंपनियां हायरिंग जारी रखेंगी.
इसी ट्रेंड की पुष्टि एक हालिया डेटा से होती है, जिसमें जॉब जोड़ने और घटाने या नेट एम्पलाई एडिशन की स्थिति को दिखाया गया है:
कंपनी | Q1FY26 | Q4FY25 | Q3FY25 | Q2FY25 | Q1FY25 |
---|---|---|---|---|---|
HCL | -269 | 2,665 | 2,134 | -780 | -8,080 |
Infosys | -2,624 | 7,264 | 5,591 | -18,506 | 19,450 |
TCS | 5,090 | 625 | 5,370 | 5,726 | 5,452 |
Wipro | -114 | 614 | 337 | -5,570 | -466 |
TechM | -214 | 1,757 | -3,785 | 5,653 | 2,165 |
Coforge | 1,138 | 262 | 624 | 858 | 1,385 |
KPIT | 328 | 78 | 57 | 31 | 39 |
Mphasis | 379 | 248 | -407 | -444 | -1,019 |
Hexaware | 846 | -745 | -227 | 666 | 306 |
LTI Mindtree | -418 | -2,493 | 2,362 | 2,504 | 284 |
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इस टेबल से साफ है कि मिड-साइज कंपनियों जैसे Coforge, KPIT और Hexaware ने Q1FY26 में बड़ी संख्या में नए कर्मचारी जोड़े, जबकि HCL, Infosys, Wipro जैसी कंपनियों में जॉब कटौती देखी गई.
विशेषज्ञों का कहना है कि मिड-साइज कंपनियां अपनी हायरिंग में कॉन्फिडेंट हैं क्योंकि उन्हें बिजनेस की ग्रोथ पर भरोसा है. वहीं, बड़ी कंपनियां सतर्कता बरत रही हैं, क्योंकि क्लाइंट्स ने खर्च करने में सुस्ती दिखाई है.
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