अनिल अंबानी और बिस्वाल को आमने-सामने बैठाकर होगी पूछताछ, ₹68 करोड़ की फर्जी गारंटी से खुलेंगे कई राज?
एक नामी उद्योगपति, एक टेंडर, और करोड़ों की गारंटी... लेकिन जो सामने आया, उसने कई बड़े सवाल खड़े कर दिए. दस्तावेज असली नहीं, बैंक की मुहरें भी नकली. अब जांच एजेंसी उस शख्स से आमने-सामने बात करने जा रही है, जिससे ये पूरा मामला जुड़ता है.

सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट की एक सरकारी टेंडर में फर्जी बैंक गारंटी जमा करने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बिस्वाल ट्रेडलिंक प्राइवेट लिमिटेड (BTPL) के मैनेजिंग डायरेक्टर पार्थ सारथी बिस्वाल को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि बिस्वाल ने रिलायंस पावर लिमिटेड की तरफ से 68.2 करोड़ रुपये की फर्जी गारंटी Solar Energy Corporation of India Ltd (SECI) को दी थी. अब इस मामले में ED उद्योगपति अनिल अंबानी से भी पूछताछ करने जा रही है और 5 अगस्त को बिस्वाल को उनके सामने लाया जाएगा.
फर्जी गारंटी, नकली ईमेल और जाली दस्तावेजों का जाल
ED के मुताबिक, BTPL ने SBI के नाम से बनाए गए जाली ईमेल आईडी और फर्जी बैंक दस्तावेजों का इस्तेमाल कर 68.2 करोड़ रुपये की गारंटी तैयार की थी. यह गारंटी SECI के एक सौर ऊर्जा टेंडर के लिए रिलायंस पावर की तरफ से लगाई गई थी. जांच में यह भी सामने आया है कि इस गारंटी के बदले में रिलायंस पावर लिमिटेड ने BTPL को 5.4 करोड़ रुपये की रकम दी थी.
ईडी ने अपने स्टेटमेंट में बताया, “बैंक गारंटी की जांच में सामने आया कि जिन बैंकों के नाम से गारंटी जमा की गई, वो पूरी तरह फर्जी थीं. SBI की जाली ईमेल आईडी और नकली कन्फर्मेशन लेटर का इस्तेमाल किया गया.”
बिस्वाल को 6 अगस्त तक ED की कस्टडी में भेजा गया
पार्थ बिस्वाल को 1 अगस्त को गिरफ्तार किया गया और दिल्ली कोर्ट ने उन्हें 6 अगस्त तक ईडी की हिरासत में भेज दिया है. एजेंसी अब इस मामले में कई पहलुओं को खंगाल रही है, जिसमें कंपनी के फाइनेंशियल रिकॉर्ड्स, अघोषित बैंक खाते और कथित मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शामिल है.
जांच में यह भी पता चला है कि BTPL, जिसे 2019 में रजिस्टर किया गया था, एक छोटी कंपनी होते हुए भी कई अघोषित बैंक खातों के जरिए भारी ट्रांजैक्शन कर रही थी. कंपनी के पते पर जरूरी कॉर्पोरेट दस्तावेज जैसे कि बहीखाता, शेयरहोल्डर्स रजिस्टर आदि नहीं पाए गए.
Yes Bank लोन घोटाले से भी जुड़ता दिख रहा है मामला
ईडी इस केस को Reliance ADAG ग्रुप की कंपनियों को Yes Bank से 2017 से 2019 के बीच दिए गए करीब 3000 करोड़ रुपये के लोन घोटाले से भी जोड़कर देख रही है. एजेंसी यह भी जांच कर रही है कि कहीं इन लोन के बदले किसी तरह की रिश्वत या गलत तरीके से लाभ तो नहीं लिया गया. Yes Bank के कुछ पूर्व अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है.
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रिलायंस पावर ने दी सफाई, कहा- कंपनी खुद ठगी की शिकार
रिलायंस पावर के प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा कि, “हमारी कंपनी और उसकी सब्सिडियरी इस मामले में पूरी तरह से पीड़ित हैं. हमने इस फर्जीवाड़े की जानकारी 7 नवंबर 2024 को स्टॉक एक्सचेंज को दी थी और 16 अक्टूबर 2024 को Economic Offence Wing में आपराधिक शिकायत दर्ज करवाई थी.”
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