इन 12 भारतीय कंपनियों का इजरायल में है अरबों का बिजनेस, युद्ध से बढ़ा रिस्क, लिस्ट में ये बड़े दिग्गज शामिल
इजरायल और ईरान के बीच चल रहे तनाव के चलते इजरायल में कारोबार कर रहीं भारतीय कंपनियां भी प्रभावित हो रही हैं. वहां हो रहे हमलों के चलते निवेशक सतर्क हो गए हैं. सबसे ज्यादा झटका अडानी ग्रुप को लगा है, इसके अलावा कुछ और कंपनियां भी इसका नकारात्मक प्रभाव झेल रही हैं, तो कौन-सी हैं वो कंपनियां जिनका इजरायल में है कारोबार, आइए नजर डालते हैं.

Israel-Iran tension impact in Indian companies: इजरायल और ईरान के बीच छिड़ी तनाव की लपटों में भारतीय कंपनियां भी घिर गई हैं. मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव ने अडानी से लेकर टाटा तक करीब उन 12 कंपनियों की धड़कनें बढ़ा दी हैं जिनके इजरायल से कारोबारी रिश्ते हैं. इससे न सिर्फ उनका कारोबार प्रभावित हो रहा है, बल्कि इससे कंपनियों के शेयर और निवेश पर भी असर पड़ रहा हैं. सबसे ज्यादा झटका अडानी पोर्ट्स को लगा है, उसके शेयर पिछले 10 दिनों में 10 फीसदी तक गिर गए. इसके अलावा आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनियां जैसे टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), विप्रो, टेक महिंद्रा के बिजनेस में भी सुस्ती देखने को मिली है. तो किन भारतीय कंपनियों के इजरायल से हैं व्यापारिक रिश्ते और ईरान से इसके बीच संघर्ष बढ़ने से कैसे कारोबार पर पड़ रहा है असर, आइए नजर डालते हैं.
अडानी को क्यों भारी पड़ रही डील?
अडानी की कंपनी अडानी पोर्ट्स ने जनवरी 2023 में इजरायल के गैडोट ग्रुप के साथ मिलकर हाइफा पोर्ट की 70 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी. यह डील करीब 1.18 अरब डॉलर में फाइनल हुई थी, चूंकि इजरायल के आयात में हाइफा पोर्ट की 30 फीसदी हिस्सेदारी है और ये इजरायल का एक बड़ा नौसैनिक अड्डा भी है. ऐसे में ईरान के इसे टारगेट करने से अडानी की कंपनी को नुकसान हो सकता है. पिछले हफ्ते ईरान ने इजरायल के तटीय शहर हाइफा को निशाना बनाते हुए कई बैलिस्टिक मिसाइलें दागी थीं. चूंकि यहीं हाइफा पोर्ट भी है, ऐसे में इसे नुकसान की आशंका जताई जा रही थी. हालांकि अडानी पोर्ट्स का कहना था कि बंदरगाह सुरक्षित है और कारोबार चल रहा है. मगर तनाव के बढ़ने से अडानी ग्रुप पर दबाव बढ़ गया है.
शेयरों पर दिखा असर
इजरायल के इस बड़े बंदरगाह में गौतम अडानी का अच्छा-खासा निवेश है. इजरायल-ईरान के बीच तनाव बढ़ने से अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (APEZ) के शेयर में पिछले 10 दिनों में करीब 10 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. 10 जून को अडानी पोर्ट का शेयर 1473.80 रुपये पर बंद हुआ था. वहीं शुक्रवार को शेयर 1336.80 रुपये पर खुला था. शुरुआती कारोबार के दौरान यह 1334.80 रुपये तक गिर गया था. तब से इसमें लगभग 10 फीसदी तक गिरावट देखने को मिली है.
TCS संभाल रहा इजरायल की डिजिटल कमान
टाटा ग्रुप की आईटी कंपनी TCS के भी इजरायल से कारोबारी रिश्ते हैं. ये इजरायल के सार्वजनिक क्षेत्र में कई प्रमुख डिजिटल परिवर्तन पहलों पर काम कर रही है, जिसमें प्रोजेक्ट निंबस भी शामिल है, जिसका मकसद इजरायल के मंत्रालयों और अधिकारियों के संचालन और डेटा को सुरक्षित रखना है. साथ ही डेटा को क्लाउड में शिफ्ट करना है. इसके अलावा भी टीसीएस इजरायल के कई अहम मंत्रालयों के डेटा की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहा है, ऐसे में इजरायल-ईरान के बीच तनाव बढ़ने से टीसीएस को भी अपने कारोबार को लेकर चिंता सता रही है.
इन कंपनियों पर भी पड़ा असर
ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के मुताबिक, इजरायल से कारोबारी रिश्ते रखने वाली कई भारतीय कंपनियां इस तनाव की मार झेल रही हैं. आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनियां जैसे टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज यानी TCS, विप्रो, टेक महिंद्रा और इन्फोसिस, जिनके इजरायल में महत्वपूर्ण कारोबारी जिम्मेदारी है, इनके बिजनेस पर असर पड़ रहा है. निवेशक इनमें फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं. इसके अलावा, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और लार्सन एंड टुब्रो जैसी कंपनियां भी इस तनाव के दायरे में हैं.
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फार्मा कंपनियों पर भी नजर
ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक फार्मा सेक्टर में सन फार्मास्युटिकल, जिसके पास इज़राइल की टारो फार्मास्युटिकल में बहुमत हिस्सेदारी है, इसके अलावा डॉ. रेड्डीज और ल्यूपिन जैसी जेनेरिक दवा कंपनियां भी चर्चा में हैं. इनका इजरायल की प्रमुख कंपनी टेवा फार्मास्युटिकल से जुड़ाव है. ब्लूमबर्ग के डेआ के मुताबिक खनन कंपनी NMDC और ज्वेलरी क्षेत्र की दिग्गज कंपनियां कल्याण ज्वैलर्स और टाइटन भी इज़राइल से अपने रिश्तों के कारण निवेशकों की नजर में हैं.
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