शराब के शौकीनों को झटका! महाराष्ट्र सरकार ने 4.5 गुना तक बढ़ाया टैक्स, जानें कितनी महंगी मिलेगी बोतल
महाराष्ट्र सरकार ने शराब पर एक्साइस ड्यूटी बढ़ाने की मंजूरी दे दी है, ऐसे में जाम छलकाने वालों को अब पहले के मुकाबले ज्यादा जेब ढीली करनी होगी. टैक्स बढ़ाए जाने से राज्य सरकार की अतिरिक्त कमाई में इजाफा होगा. राज्य सरकार ने शराब की बिक्री के नियमों में भी बदलाव किया है.
Liquor prices hike in Maharashtra: शराब के शौकीनों को अब जाम छलकाने के लिए पहले से ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ेगी, क्योंकि महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को शराब पर एक्साइज ड्यूटी में भारी बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है. ऐसे में लोगों को शराब की बोतल पहले से महंगी मिलेगी. सरकार ने इंडियन मेड फॉरेन लिकर यानी IMFL पर टैक्स अब निर्माण लागत (260 रुपये प्रति बल्क लीटर तक) का तीन गुना से बढ़ाकर 4.5 गुना कर दिया है. इसके अलावा देसी शराब पर भी एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई है. इसके जरिए राज्य सरकार को हर साल 14,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई होने की उम्मीद है.
देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई वाली कैबिनेट ने न सिर्फ शराब पर टैक्स बढ़ाने का फैसला किया, बल्कि स्टेट एक्साइज डिपार्टमेंट में बड़े बदलावों को भी हरी झंडी दिखाई. इसके जरिए टैक्स चोरी पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी. नए नियमों के तहत, इंडियन मेड फॉरेन लिकर (IMFL) पर एक्साइज ड्यूटी अब निर्माण लागत (260 रुपये प्रति बल्क लीटर तक) का तीन गुना से बढ़ाकर 4.5 गुना होगा. वहीं देसी शराब (कंट्री लिकर) पर ड्यूटी 180 रुपये से बढ़ाकर 205 रुपये प्रति प्रूफ लीटर कर दी गई है. साथ ही, 180 मिलीलीटर की बोतलों के लिए न्यूनतम खुदरा मूल्य भी तय किए गए हैं:
कितनी तय हुई कीमतें?
- देसी शराब: 80 रुपये
- महाराष्ट्र मेड लिकर (MML): 148 रुपये
- IMFL: 205 रुपये
- प्रीमियम विदेशी शराब: 360 रुपये
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क्या हैं नए नियम?
मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) के मुताबिक, एक नई कैटेगरी ‘महाराष्ट्र मेड लिकर’ (MML) शुरू की गई है, जो केवल स्थानीय निर्माताओं की ओर से बनाई जाएगी. MML ब्रांड्स के लिए नई रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया अनिवार्य होगी. कैबिनेट ने स्टेट एक्साइज डिपार्टमेंट को हाईटेक बनाने का भी फैसला किया है. डिस्टिलरी, बॉटलिंग प्लांट और होलसेल लाइसेंसधारकों पर नजर रखने के लिए AI-आधारित इंटीग्रेटेड कंट्रोल सेल बनाया जाएगा. मुंबई में एक नया डिवीजनल ऑफिस खुलेगा, साथ ही मुंबई शहर, मुंबई उपनगर, ठाणे, पुणे, नासिक, नागपुर और अहिल्यानगर में छह नए सुपरिंटेंडेंट-लेवल ऑफिस बनाए जाएंगे.
शराब बिक्री के भी बदले नियम
शराब बिक्री के नियमों में भी बदलाव किया गया है. FL-2 (सील्ड बोतल रिटेल बिक्री) और FL-3 (ऑन-प्रिमाइस खपत) लाइसेंस अब कंडक्टिंग एग्रीमेंट के जरिए ऑपरेट किए जा सकेंगे, लेकिन इसके लिए 15% (FL-2) और 10% (FL-3) अतिरिक्त सालाना लाइसेंस फीस देनी होगी. डिपार्टमेंट को और मजबूत करने के लिए 1,223 नए पोस्ट जनरेट किए गए हैं, जिनमें 744 नियमित और 479 सुपरवाइजरी पद शामिल हैं.