चीन के रेयर अर्थ बैन से मारुति-सुजुकी को झटका, E-Vitara के प्रोडक्शन में कटौती करेगी कंपनी : रिपोर्ट

देश की सबसे बड़ी कार मैन्युफैक्चरर मारुति सुजुकी पर भी चीन की तरफ से रेयर अर्थ मटेरियल बैन का असर पड़ रहा है. एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सप्लाई चेन से जुड़ी चुनौतियों की वजह से कंपनी को भारत में खासतौर पर E-Vitara के उत्पादन में कटौती करनी पड़ेगी.

E-Vitara भारत में मारुति सुजुकी की पहली इलेक्ट्रिक कार है Image Credit: Maruti Suzuki

Maruti Suzuki E-Vitara: भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी की भारत में पहली प्योर इलेक्ट्रिक कार ई-विटारा के प्रोडक्शन पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. चीन की तरफ से इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्शन से जुड़े 7 अहम रेयर अर्थ मटेरियल के निर्यात पर बैन लगा दिया है. इनकी वजह से खासतौर पर इलेक्ट्रिक कार के प्रोडक्शन के प्रभावित होने की आशंका है.

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट मे दावा किया गया है कि चीन के रेयर अर्थ बैन की वजह से मारुति सुजुकी की पहली इलेक्ट्रिक कार ई-विटारा के उत्पादन लक्ष्य में दो-तिहाई की कटौती की गई है. कंपनी को अप्रैल से सितंबर 2025 के दौरान 26,500 कारें बनानी थीं. लेकिन अब लक्ष्य घटाकर 8,200 कर दिया गया है.

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह कमी चीन की तरफ से रेयर अर्थ निर्यात पर रोक लगाने के कारण हुई है. हालांकि, कंपनी का कहना है कि वर्ष 2026 तक कुल 67,000 ईवी के उत्पादन लक्ष्य पूरा किया जाएगा. बहरहाल, इस कमी से मारुति की भारत में इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में अपनी पैठ बनाने की योजना प्रभावित हो सकती है.

पूरी दुनिया पर असर

चीन की तरफ से अप्रैल में लगाए गए रेयर अर्थ बैन का असर पूरी दुनिया में देखने को मिल रहा है. अमेरिका, यूरोप और जापान में भी कार कंपनियों के उत्पादन पर इसका असर देखने को मिल रहा है. जापान में सुजुकी पहले ही बता चुकी है कि रेयर अर्थ मटेरियल की सप्लाई प्रभावित होने की वजह से कंपनी जापान में स्विफ्ट के उत्पादन में कटौती कर रही है.

E-Vitara से बड़ी उम्मीद

भारत में इलेक्ट्रिक कारों की खरीद बढ़ रही है. मारुति सुजुकी ने बूम को कैश करने के लिए भारतीय बाजार में E-Vitara को पेश किया है. मारुति सुजुकी भारत में कार बेचने में सबसे आगे है. केंद्र सरकार चाहती है कि 2030 तक देश बिकनी वाली कुल कारों में ईवी की हिस्सेदारी 30 फीसदी तक बढ़ाना चाहती है. जबकि, पिछले वर्ष यह 2.5 फीसदी रही थी. इस तरह सरकार के इस लक्ष्य को हासिल करने में मारुति सुजुकी की अहम भूमिका है.

भारत एक्सपोर्ट हब

मारुति सुजुकी के लिए भारत सिर्फ बाजार नहीं है, बल्कि एक बड़ा एक्सपोर्ट हब भी है. सुजुकी ने ई-विटारा का प्रोडक्शन एक्सपोर्ट के लिए भी भारत में ही करने का फैसला किया है. जापान और यूरोप के बाजार में भी यह कार भारत से भी निर्यात होनी है. ऐसे में इसके उत्पादन में कमी कंपनी के लिए बड़ा झटका है. हालांकि, रॉयटर्स का यह दावा मारुति सुजुकी के चेयरमैन RC भार्गव की तरफ कंपनी पर चीन के रेयर अर्थ बैन का कोई असर नहीं होने के बयान के बाद आया है. फिलहाल, मारुति सुजुकी ने इस संबंध में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.