भारत पर टैरिफ का डबल अटैक! दोगुना करेगा अमेरिका का पड़ोसी, ऑटो और फार्मा कंपनियों की उड़ी नींद
मेक्सिको द्वारा टैरिफ दोगुना करने की योजना से भारत के ऑटो और फार्मा एक्सपोर्ट पर बड़ा खतरा बन सकता है. भारत हर वर्ष वहां लाखों कार, टू व्हीलर और ऑटो पार्ट भेजता है जबकि भारतीय दवाओं पर फिलहाल कोई आयात शुल्क नहीं है. अगर नया बिल लागू हुआ तो वाहन, पार्ट और मेडिसिन महंगे हो जाएंगे जिससे एक्सपोर्ट घट सकता है.
Mexico Tariff Impact: देश की ऑटो और फार्मा इंडस्ट्री के लिए मेक्सिको से चिंता बढ़ाने वाली खबर आई है. मेक्सिको ने संकेत दिए हैं कि वह उन देशों पर इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ा सकता है जिनके साथ उसका फ्री ट्रेड एग्रीमेंट नहीं है. ऐसे में भारत से कार, बाइक, ऑटो पार्ट और दवाओं का एक्सपोर्ट महंगा पड़ सकता है. भारत हर साल मेक्सिको को बड़ी मात्रा में ऑटोमोबाइल और फार्मा प्रोडक्ट भेजता है. अगर यह प्रस्ताव लागू हुआ तो एक्सपोर्ट में गिरावट और कारोबार पर सीधा असर देखने को मिल सकता है. इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अब इस मुद्दे पर ऑटो यूनियन SIAM और ACMA ने सरकार को चिट्ठी लिखकर चिंता जताई है और दखल की मांग की है.
मेक्सिको भारत का तीसरा सबसे बड़ा बाजार
भारत से मेक्सिको को पिछले वित्त वर्ष में लगभग 7900 करोड़ रुपये के वाहन एक्सपोर्ट किए गए. यह भारत का तीसरा सबसे बड़ा ऑटो एक्सपोर्ट बाजार है. मारुति और स्कोडा वोक्सवैगन हर साल करीब एक लाख कारें वहां भेजती हैं. कुल कार एक्सपोर्ट का करीब बारह फीसदी हिस्सा अकेले मेक्सिको को जाता है.
ऑटो सेक्टर के लिए खतरा बढ़ा
प्रस्ताव के अनुसार पैसेंजर व्हीकल पर आयात शुल्क 20 से बढ़कर 50 फीसदी तक किया जा सकता है. टू व्हीलर पर शुल्क 15 से बढ़कर 35 फीसदी और ऑटो पार्ट्स पर 0 से 50 फीसदी तक प्रस्तावित है. यदि यह बदलाव लागू हुआ तो भारतीय वाहन महंगे हो जाएंगे और आर्डर कम होने की आशंका बढ़ेगी.
| सेगमेंट | निर्यात मूल्य | अतिरिक्त जानकारी |
|---|---|---|
| कार निर्यात | 887 मिलियन डॉलर | लगभग 100000 कारें हर साल, कुल निर्यात का 12 प्रतिशत |
| पैसेंजर व्हीकल एक्सपोर्ट | 770000 यूनिट (पिछला वित्त वर्ष) | मैक्सिको भारत के लिए तीसरा सबसे बड़ा निर्यात बाजार |
| मारुति सुजुकी निर्यात | 330000 कारों में से 20 प्रतिशत से अधिक | FY25 में कुल एक्सपोर्ट शेयर |
| टू व्हीलर निर्यात | 390 मिलियन डॉलर | मेक्सिको भारत का सबसे बड़ा निर्यात बाजार |
| थ्री व्हीलर निर्यात | 51 मिलियन डॉलर | दूसरा सबसे बड़ा निर्यात बाजार |
| ऑटो पार्ट्स निर्यात | 834 मिलियन डॉलर | अमेरिका और जर्मनी के बाद तीसरा सबसे बड़ा बाजार |
| भारत से फार्मा निर्यात | 338 मिलियन डॉलर | 20 बिलियन डॉलर के बाजार में भारत की हिस्सेदारी अभी कम |
टू व्हीलर और थ्री व्हीलर बाजार पर दबाव
मेक्सिको भारतीय टू व्हीलर का सबसे बड़ा बाजार है. थ्री व्हीलर में यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा इंपोर्टर देश है. यदि टैरिफ बढ़ा तो इन प्रोडक्टों की बिक्री घट सकती है और एक्सपोर्ट करने वाली कंपनियों को नए बाजार तलाशने पड़ सकते हैं.
फार्मा कंपनियों को भी नुकसान का डर
फिलहाल भारतीय दवाओं पर मेक्सिको में कोई इम्पोर्ट टैक्स नहीं लगता. भारतीय कंपनियां दवाएं कम कीमत में उपलब्ध कराती हैं, जबकि मल्टीनेशनल कंपनियां वही दवाएं कई गुना अधिक दाम पर बेचती हैं. यदि टैक्स बढ़ा तो भारतीय दवाएं महंगी होंगी और मार्केट शेयर कम हो सकता है.
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अचानक फैसले से कंपनियां हैरान
पिछले कुछ महीनों में मेक्सिको सरकारी अधिकारियों ने भारतीय फार्मा कंपनियों से निवेश और प्रोडक्टन बढ़ाने पर बातचीत की थी. दवाओं की लॉन्च प्रक्रिया तेज करने पर भी चर्चा हुई थी. ऐसे में अचानक टैरिफ बढ़ाने की संभावना इंडस्ट्री को हैरान कर रही है. यदि नया कानून पास हुआ तो निवेश योजनाएं प्रभावित हो सकती हैं.
इंडस्ट्री ग्रोथ पर पड़ेगा बड़ा असर
मारुति, स्कोडा, सन फार्मा, डॉक्टर रेड्डीज, ग्लेनमार्क जैसी कई भारतीय कंपनियां मेक्सिको में काम कर रही हैं. एक्सपोर्ट पर टैक्स बढ़ा तो प्रोडक्टन घटेगा, आर्डर कम होंगे और लागत बढ़ेगी. इससे भारतीय ऑटो और फार्मा सेक्टर की आय में गिरावट संभव है.
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