री-स्किलिंग फंड से कम होगा टर्मिनेशन का दर्द, नए लेबर कोड में कर्मचारियों को मिलेगा एक्स्ट्रा पैसा

नए लेबर कोड 21 नवंबर, 2025 से लागू हो गए हैं. अब कर्मचारियों को नौकरी छूटने पर मिलने वाली अनिवार्य मुआवजा राशि के साथ 15 दिनों के वेतन के बराबर री-स्किलिंग फंड भी मिलेगा, जो 45 दिनों में सीधे खाते में आएगा. यह फंड कर्मचारियों को नई स्किल्स सीखकर दोबारा रोजगार पाने में मदद करता है और ट्रांजिशन को आसान बनाएगा.

री-स्किल के लिए बनेगा अलग फंड Image Credit: money9live/OpenAI

21 नवंबर, 2025 से लागू हुए नए लेबर कोड ने फिक्स्ड-टर्म और परमानेंट दोनों तरह के कर्मचारियों को बड़ा राहत पैकेज दिया है. अब रिट्रेंच किए गए कर्मचारियों को अनिवार्य मुआवजे (Retrenchment Compensation) के साथ-साथ 15 दिनों की मजदूरी के बराबर एक अलग री-स्किलिंग फंड भी मिलेगा, जिसे 45 दिनों के भीतर सीधे उनके बैंक खाते में भेजा जाएगा.

क्या है री-स्किलिंग फंड

सरकार के मुताबिक, यह फंड पूरी तरह अनिवार्य है और इंडस्ट्रियल एस्टैब्लिशमेंट्स इसके लिए हर रिट्रेंच्ड कर्मचारी की 15 दिनों की वेतन राशि का योगदान करेंगे. एक्सपर्ट बताते हैं कि यह प्रावधान इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड, 2020 का हिस्सा है और इसका मकसद कर्मचारियों को नई स्किल्स सीखने में आर्थिक मदद देना है, ताकि नौकरी छूटने के बाद वे तेजी से बदलते रोजगार बाजार में दोबारा जगह बना सकें.

क्यों जरूरी है यह फंड

आज के दौर में तकनीकी बदलाव, ऑटोमेशन और आर्थिक परिवर्तन कई नौकरियां खत्म कर रहे हैं. ऐसे में केवल मुआवजा पर्याप्त नहीं है. कर्मचारियों को नई स्किल्स और नए सेक्टर्स में अवसर पाने के लिए अतिरिक्त वित्तीय सहारे की जरूरत होती है, और यह फंड उसी गैप को भरता है.

रिट्रेंचमेंट का मतलब और कैसे होती है गणना

रिट्रेंचमेंट का मतलब किसी भी गैर-अनुशासनात्मक कारण से की गई टर्मिनेशन है. यह स्वैच्छिक रिटायरमेंट, उम्र पूरी होने, फिक्स्ड-टर्म कॉन्ट्रैक्ट के अंत या लगातार बीमार रहने के कारण टर्मिनेशन जैसी स्थितियों में लागू नहीं होता. मौजूदा नियमों के अनुसार रिट्रेंचमेंट मुआवजा 15 दिनों के औसत वेतन को हर पूरे हुए सेवा वर्ष से गुणा कर निर्धारित किया जाता है. नए नियमों में इसके ऊपर 15 दिनों की आखिरी ड्रा वेतन राशि का अलग योगदान री-स्किलिंग फंड में जमा करना अनिवार्य किया गया है.

री-स्किलिंग फंड और मुआवजा अलग

कानून स्पष्ट रूप से कहता है कि यह फंड रिट्रेंचमेंट मुआवजे का हिस्सा नहीं हो सकता. दोनों को अलग-अलग गिना जाएगा और कर्मचारी को दोनों रकम पाने का अधिकार है. यह व्यवस्था सुनिश्चित करती है कि मुआवजा अतीत की सेवा के लिए हो, जबकि फंड भविष्य की रोजगार क्षमता को मजबूत करने के लिए.

कर्मचारियों को कैसे मिलेगी लंबी अवधि में मदद

नौकरी छूटने के तुरंत बाद यह फंड 45 दिनों में कर्मचारियों को वित्तीय राहत देता है और उन्हें किसी भी कम वेतन वाले काम को मजबूरी में लेने से बचाता है. लंबे समय में यह उन्हें रि-स्किलिंग और अपस्किलिंग के लिए सक्षम बनाता है, ताकि वे उन उद्योगों में शिफ्ट हो सकें जहां अवसर बढ़ रहे हैं. यह कदम सरकार की इन्क्लूसिव ग्रोथ और वर्कफोर्स सस्टेनेबिलिटी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. लेबर कोड का यह मॉडल रिट्रेंचमेंट और री-एम्प्लॉयमेंट के बीच की खाई को पाटता है और एक अधिक भविष्य-तैयार लेबर मार्केट बनाने की दिशा में बड़ा कदम है.