मोदी-पुतिन का दुनिया को संदेश, भारत-रूस की दोस्ती अटूट, फ्यूल सप्लाई रहेगी जारी
India–Russia Summit 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को द्विपक्षीय वार्ता के बाद साझा प्रेस वार्ता को संबोधित किया. इस दौरान PM मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने Vision 2030 रोडमैप, 100 अरब डॉलर द्विपक्षीय ट्रेड टारगेट, ऊर्जा साझेदारी, रक्षा व हाई-टेक सहयोग, काउंटर-टेररिज्म और यूक्रेन शांति प्रयासों पर बड़े ऐलान किए.
दिल्ली में हुई मोदी-पुतिन मुलाकात ने दुनिया को साफ संदेश दे दिया कि भारत और रूस की दोस्ती किसी टैरिफ, किसी दबाव या किसी वैश्विक समीकरण पर निर्भर नहीं है. ऊर्जा सुरक्षा से लेकर रणनीतिक साझेदारी तक, राष्ट्रपति पुतिन ने भरोसा दिलाया कि चाहे अंतरराष्ट्रीय बाजार कैसे भी करवट बदले, भारत के लिए फ्यूल सप्लाई बिना बाधा जारी रहेगी. वहीं पीएम मोदी ने अटूट साझेदारी को नए आयाम देते हुए कहा कि दोनों देशों के संबंध अब वैश्विक अनिश्चितताओं नहीं, बल्कि साझा भरोसे और दीर्घकालिक दृष्टि से तय होंगे.
Vision 2030: नई वैश्विक साझेदारी की रूपरेखा
दिल्ली में हुई शिखर वार्ता के बाद भारत और रूस ने Vision 2030 Strategic Roadmap को अपनाते हुए आने वाले दशक के लिए आर्थिक, तकनीकी और भू-रणनीतिक सहयोग का व्यापक नीला-नक्शा पेश किया. यह रोडमैप को-प्रोडक्शन, को-इनोवेशन और व्यापार विस्तार जैसे प्रमुख क्षेत्रों में दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है. दोनों नेताओं ने साफ किया कि बदलते वैश्विक परिदृश्य में यह साझेदारी और अधिक गहराती जाएगी.
100 अरब डॉलर ट्रेड का टारगेट
राष्ट्रपति पुतिन ने बताया कि द्विपक्षीय व्यापार पिछले वर्ष 12% बढ़कर 64 अरब डॉलर पर पहुंचा है और यह स्तर इस वर्ष भी स्थिर रहने की संभावना है. उन्होंने कहा कि दोनों देश 2030 तक 100 अरब डॉलर के ट्रेड लक्ष्य को हासिल करने के लिए आश्वस्त हैं. पुतिन ने यह भी बताया कि दोनों देशों के बीच फिलहाल 96% व्यापारिक लेनदेन राष्ट्रीय मुद्राओं में हो रहा है, जिससे डॉलर निर्भरता में तेजी से कमी आ रही है.
भारतीय निर्यात बढ़ाने पर जोर
दोनों देशों के बीच भारत–EAEU फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर तेजी से बातचीत आगे बढ़ रही है. मोदी और पुतिन ने फार्मा, कृषि और कंज्यूमर गुड्स में भारतीय निर्यात बढ़ाने पर सहमति जताई, ताकि व्यापार संतुलन अधिक स्थिर हो सके.
ऊर्जा साझेदारी: अटूट भरोसे की नई पुष्टि
ऊर्जा को दोनों देशों की साझेदारी की “कोर पिलर” बताते हुए राष्ट्रपति पुतिन ने भारत को बिना बाधा ईंधन आपूर्ति जारी रखने का भरोसा दोहराया. पीएम मोदी ने कहा कि सिविल न्यूक्लियर एनर्जी, क्रिटिकल मिनरल्स और क्लीन एनर्जी टेक्नोलॉजी में सहयोग भारत की दीर्घकालीन ऊर्जा सुरक्षा को मजबूती देता है. दोनों देशों ने मिनरल सप्लाई चेन को विविध और सुरक्षित बनाने के लिए संयुक्त प्रयास बढ़ाने पर सहमति जताई.
डिफेंस, स्पेस और AI में नई रफ्तार
मोदी–पुतिन वार्ता में पारंपरिक रक्षा संबंधों के साथ-साथ स्पेस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, शिपबिल्डिंग और हाई-टेक को-प्रोडक्शन जैसे नए क्षेत्रों में गहरी भागीदारी पर जोर रहा. पीएम मोदी ने कहा कि भारत में शिपबिल्डिंग सहयोग ‘Make in India’ को मजबूत करेगा, रोजगार और कौशल विकास को गति देगा और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में सुधार लाएगा.
काउंटर-टेररिज्म पर साझा मोर्चा
पाहलगाम और मॉस्को के क्रोकस सिटी हॉल हमलों का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस आतंकवाद के खिलाफ “शोल्डर टू शोल्डर” खड़े हैं. उन्होंने कहा कि आतंकवाद मानवता पर सीधा हमला है और वैश्विक एकजुटता ही इसका सबसे बड़ा जवाब है. दोनों देशों ने UN, G20, BRICS, SCO जैसे मंचों पर समन्वय बढ़ाने पर सहमति जताई.
भारत ‘हमेशा शांति के पक्ष में’
बातचीत के केंद्र में यूक्रेन मसला भी रहा. पीएम मोदी ने दोहराया कि भारत “हमेशा शांति के पक्ष में” है और किसी भी स्थायी समाधान के लिए कूटनीति व संवाद ही एकमात्र रास्ता है. पुतिन ने मोदी की शांति पहलों की सराहना करते हुए कहा कि वो हालिया प्रस्तावों और वार्ताओं की दिशा में भारत की भूमिका को बेहद रचनात्मक मानते हैं.
मोदी–पुतिन बॉन्ड
मोदी ने कहा कि भारत–रूस संबंध बीते आठ दशक से वैश्विक उथल-पुथल के बीच भी पोल स्टार की तरह स्थिर रहे हैं. उन्होंने पुतिन की नेतृत्व भूमिका की प्रशंसा करते हुए कहा कि “विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी” को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में उनका योगदान निर्णायक रहा है.
लेबर मोबिलिटी में तालमेल
दोनों देशों ने भारतीय स्किल्ड और सेमी-स्किल्ड वर्करों की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए लेबर मोबिलिटी एग्रीमेंट पर भी काम तेज करने का निर्णय लिया. साथ ही वैश्विक मंचों पर समन्वय बढ़ाने की घोषणा की.