S-400 से ब्रह्मोस तक… भारत की मिसाइलें होंगी और घातक! रूस ने नई रेंज, टेक्नोलॉजी को दी हरी झंडी

राजनाथ सिंह ने साफ कहा कि भारत अपनी स्वदेशी Defense industry capabilities को बढ़ाना चाहता है. चाहे घरेलू प्रोडक्शन हो या निर्यात. उन्होंने रूस को बताया कि भारत ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत रक्षा सेक्टर में नई तकनीकें विकसित करने और प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.

पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन Image Credit: ANI

Defence Deal: गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रूस के रक्षा मंत्री अंद्री बेलोउसॉव से मुलाकात की. इस बैठक में दोनों देशों ने नई तकनीकों में साथ मिलकर काम बढ़ाने, पुराने हथियारों को अपग्रेड करने और जरूरी सप्लाइज को फिर से उपलब्ध कराने पर चर्चा की. यह बातचीत 22वीं इंडिया-रूस इंटर-गवर्नमेंटल कमीशन ऑन मिलिट्री एंड टेक्निकल कोऑपरेशन के दौरान हुई. इसी समय रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी भारत के सरकारी दौरे पर दिल्ली पहुंचे.

भारत ने रखी अपनी प्राथमिकता

बैठक में राजनाथ सिंह ने साफ कहा कि भारत अपनी स्वदेशी Defense industry capabilities को बढ़ाना चाहता है. चाहे घरेलू प्रोडक्शन हो या निर्यात. उन्होंने रूस को बताया कि भारत ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत रक्षा सेक्टर में नई तकनीकें विकसित करने और प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच High Quality वाली तकनीकों में सहयोग के नए अवसर मौजूद हैं.

भारत को तकनीक देने के लिए तैयार

रूस के रक्षा मंत्री बेलोउसॉव ने कहा कि भारत और रूस के बीच लंबे समय से मजबूत दोस्ती और रणनीतिक साझेदारी है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि रूसी रक्षा उद्योग भारत की आत्मनिर्भर रक्षा क्षमता बढ़ाने में हर तरह का सहयोग देने के लिए तैयार है चाहे नई तकनीक हो या प्रोडक्शन से जुड़ा सहयोग.

पुराने प्रोजेक्ट, ट्रेनिंग और सप्लाइज पर भी चर्चा

इन डिफेंस प्रोजेक्टों पर हुई बात

इसमें S-400 एयर डिफेंस सिस्टम भी शामिल है. भारत लगभग 10000 करोड़ रुपये की मिसाइलें S-400 सिस्टम के लिए खरीदने की प्रक्रिया में है. ये सिस्टम ऑपरेशन सिंदूर में इस्तेमाल हुआ था.

भविष्य की तकनीक व मिसाइल अपग्रेड पर भी होगी बातचीत

शुक्रवार को होने वाली अगली बैठक में कुछ बड़े भविष्य प्रोजेक्टों पर भी चर्चा होगी, जिनमें ब्रहमोस ग्राउंड अटैक मिसाइल का अपग्रेड (लंबी रेंज देने पर विचार), रूसी लड़ाकू विमान बेड़े (Su-30 MKI व MiG-29) के लिए लॉन्ग रेंज एयर-टू-एयर मिसाइलें, इगला एंटी-एयर मिसाइल का एडवांस्ड रेंज वर्जन और S-400 सिस्टम का विस्तारित रेंज वर्जन शामिल है. भारत इन प्रोजेक्टों के जरिए अपनी रक्षा क्षमता को और मजबूत बनाना चाहता है.

सोर्स: ET

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