RBI रेट कट के बाद रुपये की गिरावट तेज, 16 पैसे टूटकर 90.05 पर पहुंचा; गवर्नर संजय मल्होत्रा ने दी सफाई
देश के वित्तीय बाजारों में इस हफ्ते एक ऐसा घटनाक्रम हुआ जिसने निवेशकों और आम लोगों दोनों का ध्यान खींच लिया. नीति घोषणा के बाद बाजार की दिशा अचानक बदली और विशेषज्ञ इसे आने वाले हफ्तों के संकेत के रूप में देख रहे हैं.
RBI rate cut impact on Rupee: शुक्रवार को रिजर्व बैंक द्वारा छह महीने बाद ब्याज दरों में कटौती का फैसला देश के वित्तीय बाजारों पर अलग-अलग असर डालता दिखा. जहां शेयर बाजार में तेजी देखने को मिली, वहीं रुपये ने शुरुआती मजबूती गंवा दी और फिर से 90 प्रति डॉलर के स्तर से नीचे दबाव में लौट आया. विदेशी मुद्रा बाजार में यह कमजोरी ऐसे समय में आई है जब भारतीय अर्थव्यवस्था को ‘गोल्डीलॉक्स’ स्थिति में बताया जा रहा है, यानी महंगाई नियंत्रण में और विकास मजबूत, लेकिन बाहरी जोखिम कायम.
दर कटौती के बाद पलटा रुख
इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज बाजार में रुपया 89.85 पर खुला और शुरुआती कारोबार में 89.69 तक मजबूत हुआ, जो पिछले बंद भाव से 20 पैसे ऊपर था. मगर आरबीआई की मौद्रिक नीति घोषणा के बाद भाव बदल गया और रुपये में गिरावट दर्ज हुई. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये का स्तर 90.05 पर चला गया, जो पिछले बंद के मुकाबले 16 पैसे की कमजोरी है. इस साल अब तक रुपये में करीब 5 फीसदी की गिरावट हो चुकी है, जिससे यह एशिया की सबसे खराब प्रदर्शन वाली मुद्रा बन गया है.
आरबीआई का रुख: बाजार को तय करने दें कीमत
गवर्नर संजय मल्होत्रा ने पीटीआई के हवाले से साफ कहा कि केंद्रीय बैंक रुपये के लिए कोई निर्धारित स्तर या दायरा नहीं तय करता. उनके अनुसार, “हम किसी कीमत या बैंड को लक्ष्य नहीं बनाते. बाजार की ताकतें ही कीमत तय करती हैं. हमारा प्रयास केवल असामान्य उतार-चढ़ाव को रोकना है.” उन्होंने कहा कि भारतीय विदेशी मुद्रा बाजार गहरा है और लंबी अवधि में बाजार खुद सही संतुलन खोज लेता है.
आरबीआई ने द्विमासिक नीति में तीन साल की अवधि के 5 अरब डॉलर मूल्य के डॉलर-रुपया स्वैप की घोषणा की है. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सवालों के जवाब में गवर्नर ने स्पष्ट किया कि यह स्वैप रुपये को सहारा देने के लिए नहीं बल्कि लिक्विडिटी मैनेजमेंट का उपाय है. मल्होत्रा ने कहा कि भारत के विदेशी मुद्रा भंडार पर्याप्त हैं, चालू खाता प्रबंधनीय है और अर्थव्यवस्था की मजबूत बुनियाद भविष्य में कैपिटल फ्लो को बढ़ावा देगी.
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बाजार का माहौल मिला-जुला
इस बीच डॉलर सूचकांक थोड़ी कमजोरी के साथ 98.97 पर रहा, जबकि ब्रेंट क्रूड का भाव 63.15 डॉलर प्रति बैरल तक फिसला. घरेलू इक्विटी बाजार में सेंसेक्स 488 अंकों की बढ़त के साथ 85,754 पर बंद हुआ और निफ्टी 163 अंकों की तेजी के साथ 26,197 पर पहुंच गया. हालांकि विदेशी निवेशकों ने गुरुवार को 1,944 करोड़ रुपये की नेट बिकवाली की, जिससे रुपया पर दबाव और बढ़ा.
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