रियल एस्टेट में नई जान फूंकेगी RBI की दर कटौती, EMI होगी सस्ती, एक्सपर्ट ने कहा- 2026 में घर खरीद के लिए बढ़ेगी भीड़

रियल एस्टेट बाजार में एक बड़ा बदलाव होले से आकार ले रहा है. नई ब्याज दरों और निवेश माहौल ने खरीदारों और डेवलपर्स की उम्मीदों को अचानक बदल दिया है. विशेषज्ञों के मुताबिक इसका असर आने वाले महीनों में खुलकर दिखाई देगा, लेकिन कैसे और कब, यह कहानी बताएगी.

रियल एस्टेट Image Credit: Canva

RBI rate cut impact: भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर के लिए शुक्रवार का दिन राहत भरा रहा, जब रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती कर इसे 5.25 फीसदी पर ला दिया. रुपये की कमजोरी और बाहरी अनिश्चितताओं के बावजूद यह कदम आर्थिक विकास को सहारा देने के उद्देश्य से उठाया गया है. दूसरी तिमाही में 8.2 फीसदी की छह तिमाहियों में सबसे तेज जीडीपी ग्रोथ दर्ज होने के बाद केंद्रीय बैंक का यह फैसला आवास, ऑटो और वाणिज्यिक कर्ज को सस्ता कर सकता है, और इसका सीधा असर प्रॉपर्टी बाजार पर पड़ने वाला है.

सेंटिमेंट के लिए बड़ा बूस्टर

अनारॉक ग्रुप के चेयरमैन अनुज पुरी ने इस फैसले को घर खरीदारों के लिए ‘सेंटिमेंट मल्टीप्लायर’ करार देते हुए कहा, “आरबीआई का 25 बीपीएस का रेट कट भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर के लिए साल 2025 के अंत में एक बड़ा पॉजिटिव है. ब्याज दरों में यह कटौती खास तौर पर किफायती और मिड-इन्कम सेगमेंट के खरीदारों के लिए फायदेमंद साबित होगी, क्योंकि यह वर्ग ब्याज दर के उतार-चढ़ाव से सबसे ज्यादा प्रभावित होता है.”

अनुज पुरी के अनुसार, शीर्ष 7 शहरों में औसत आवास कीमतें 2025 में लगभग 10 फीसदी बढ़ी हैं, जिससे कई खरीदारों के लिए कर्ज बोझ बढ़ गया था. “यह कटौती अफोर्डेबिलिटी को कुशन देती है और होम लोन दरों को आकर्षक स्तरों पर ला सकती है. इससे वे खरीदार जो बढ़ी कीमतों के कारण निर्णय टाल रहे थे, बाजार में वापसी कर सकते हैं. यह दर कटौती साल के अंत की बिक्री के लिए एक स्पष्ट सेंटिमेंट मल्टीप्लायर है,” उन्होंने कहा. हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि असली असर तभी दिखेगा जब बैंक इस कमी को तेजी से ग्राहकों तक पहुंचाएं.

मिड-सेगमेंट और अफोर्डेबल हाउसिंग की रफ्तार पकड़ेगी

विशेषज्ञों का मानना है कि लग्जरी आवास पहले से ही मजबूत मांग के चलते 2026 में भी रफ्तार बनाए रखेंगे. हालांकि किफायती और मध्य आय वर्ग के घरों की मांग कीमतों की वजह से दबाव में रही है. पुरी ने कहा कि यह कटौती ‘फेंस-सीटर्स’ यानी इंतजार कर रहे खरीदारों को बाजार में लौटने के लिए प्रेरित कर सकती है.

डेवेलपर्स को राहत, बिक्री में रफ्तार की उम्मीद

इसी राय को आगे बढ़ाते हुए नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और MD शिशिर बैजल ने कहा कि यह कदम रियल्टी सेक्टर की रफ्तार बनाए रखने में मदद करेगा. “हम RBI के 25 बीपीएस रेट कट का स्वागत करते हैं, क्योंकि यह संकेत देता है कि महंगाई टिकाऊ तौर पर कम रहने की उम्मीद है. साथ ही यह विकास को और आक्रामक तरीके से समर्थन देने की इच्छा दिखाता है. उधारी लागत में कमी रियल एस्टेट सेक्टर के लिए समय पर राहत है, जहां कम होम लोन दरें एंड-यूजर डिमांड को बनाए रखने और डेवलपर्स की लागत संरचना सुधारने में मदद कर सकती हैं,” उन्होंने कहा.

बैजल ने उम्मीद जताई कि यह कटौती किफायती और मध्य आय वर्ग की बिक्री को गति देगी, जिनमें पिछले कुछ महीनों में क्रमिक गिरावट देखी गई है.

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इन बातों से स्पष्ट है कि ब्याज दरों में यह कटौती रियल्टी बाजार को नया प्राणवायु देने का काम कर सकती है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर बैंक तेजी से दरों में कमी स्थानांतरित करते हैं, तो 2026 की पहली तिमाही तक बिक्री में मजबूती और खरीदारों की वापसी देखने को मिल सकती है. आने वाले महीनों में यह साफ होगा कि यह फैसला रियल एस्टेट की उछाल को किस हद तक स्थायी बनाता है.