शिपिंग का धंधा बना चोखा, इन 4 स्टॉक की खुल गई लॉटरी, 5 साल में दिया 36000% रिटर्न, रखें नजर
भारत का शिपबिल्डिंग और MRO सेक्टर निवेशकों के लिए नए अवसर खोल रहा है. L&T, Cochin Shipyard, Sadhav Shipping और Swan Defence जैसी कंपनियां इस सेक्टर में अगली बड़ी ग्रोथ स्टोरी बन सकती हैं. बढ़ती मांग, सरकारी इंफ्रास्ट्रक्चर और नए MRO हब इस क्षेत्र को अगले मल्टीबैगर की दिशा में ले जा रहे हैं.
Shipping MRO: भारत का शिपबिल्डिंग और शिप रिपेयर सेक्टर अब तेजी से उभर रहा है. इस सेक्टर में निवेश और MRO (Maintenance, Repair, Overhaul) सुविधाओं का बूम दिखाई दे रहा है. Safran के हैदराबाद में MRO फैसिलिटी के उद्घाटन से यह साफ हो गया कि देश में इस तरह के बड़े प्रोजेक्ट्स अब आम हो रहे हैं. Shipping MRO सिर्फ एयरवेज तक सीमित नहीं है, बल्कि शिपिंग और शिपबिल्डिंग सेक्टर में भी बड़े अवसर हैं. अनुमान है कि भारत का Shipbuilding Market 200000 करोड़ रुपये से अधिक का है. ऐसे में कुछ कंपनियां इस अवसर से सबसे ज्यादा लाभ उठा सकती हैं.
L&T Shipbuilding
L&T Shipbuilding भारत की प्रमुख शिपबिल्डिंग कंपनी है. कंपनी के कैटुपल्ली और हजीरा शिपयार्ड में वॉरशिप, सबमरीन और कमर्शियल वेसल्स तैयार किए जाते हैं. L&T का MoU Norway की DNV के साथ इसे और मजबूत करता है. पिछले 5 साल में इसकी सेल्स और नेट प्रॉफिट क्रमशः 12% CAGR से बढ़ी हैं. Q2FY26 में कंपनी का ऑर्डर बुक 31% YoY बढ़ा है. L&T की EPC एक्सपर्टीज और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स भी इस सेक्टर में कंपनी को फायदा पहुंचाएंगे. कंपनी के शेयर शुक्रवार को 1.1 फीसदी की तेजी के साथ 4024 रुपये पर ट्रेड कर रहा था. इसने अपने निवेशकों को पिछले 5 साल में 247 फीसदी का रिटर्न दिया है.
Cochin Shipyard
Cochin Shipyard भारत की सबसे बड़ी शिपबिल्डिंग और रिपेयर कंपनी में से एक है. यह 110000 DWT तक के जहाज बना सकती है और 125000 DWT तक के जहाज रिपेयर कर सकती है. HD Korea Shipbuilding के साथ MoU और ग्रीन हाइड्रोजन फ्यूल सेल जहाज का निर्माण इसे खास बनाता है. पिछले 3 साल में इसका सेल्स CAGR 14.7% और प्रॉफिट 13.6% रहा. ऑर्डर बुक 200 अरब रुपये से अधिक है. कंपनी के शेयर शुक्रवार को 70.87 फीसदी की गिरावट के साथ 1626 रुपये पर ट्रेड कर रहें थे.इसने अपने निवेशकों को पिछले 5 साल में 785 फीसदी का रिटर्न दिया है.
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Sadhav Shipping
Sadhav Shipping छोटे लेकिन प्रभावशाली खिलाड़ियों में शामिल है. कंपनी मुख्य रूप से बार्ज, टग्स और शिप मैनेजमेंट सर्विस देती है. ONGC के साथ लंबे समय से सहयोग इसे मजबूत बनाता है. पिछले 5 साल में सेल्स और प्रॉफिट क्रमशः 10% और 18% CAGR से बढ़े हैं. अगस्त 2025 तक इसका ऑर्डर बुक 2.9 अरब रुपये का है.
Swan Defence and Heavy Industries
Swan Defence (पूर्व Reliance Naval) बड़े जहाज निर्माण, रिपेयर और हेवी इंजीनियरिंग में काम करती है. इसका 662 x 65 मीटर का ड्राई डॉक 4 लाख DWT तक के जहाज तैयार कर सकता है. Swan Defence ने 2024 में शिप रिपेयर सर्विस शुरू की और भारतीय कोस्ट गार्ड इसका पहला ग्राहक रहा. कंपनी गार्डन रीच और Wheel & Time Shipping के साथ MoU कर अपने इंफ्रास्ट्रक्चर और कमर्शियल लॉजिस्टिक्स को मजबूत कर रही है.कंपनी के शेयर शुक्रवार को 77 फीसदी की तेजी के साथ 77 रुपये पर ट्रेड कर रहें थे. इसने अपने निवेशकों को पिछले 5 साल में 36,256 फीसदी का रिटर्न दिया है.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.ॉ
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