ट्रंप टैरिफ से इन सेक्टर्स का होगा बुरा हाल! भारत की तीन बड़ी इंडस्ट्री को झेलना पड़ सकता है अरबों का नुकसान

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आने वाले सामान पर आयात शुल्क दोगुना कर दिया है. 25 फीसदी से बढ़ाकर 50 फीसदी की गई इस ड्यूटी से भारत के ऑटो पार्ट्स, ज्वेलरी और सीफूड सेक्टर को बड़ा झटका लगने वाला है, जिससे अरबों डॉलर का कारोबार और लाखों नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है.

ट्रंप टैरिफ Image Credit: Money9live/Canva

US Tariff Most Impacted Sector: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आने वाले सामान पर आयात शुल्क को दोगुना कर दिया है. पहले 25 फीसदी की ड्यूटी लग रही थी, जिसे अब बढ़ाकर 50 फीसदी कर दिया गया है. ट्रंप का कहना है कि भारत “टैरिफ किंग” है, लेकिन इस फैसले का असली असर उन भारतीय उद्योगों पर होगा जो निर्यात पर टिकी हैं और जिनमें लाखों लोगों को रोजगार मिलता है. इस खबर में समझेंगे कि ट्रंप के टैरिफ बम का असर सबसे ज्यादा किस सेक्टर पर पड़ने वाला है.

सबसे ज्यादा झटका किस सेक्टर पर?

सबसे ज्यादा झटका ऑटो पार्ट्स इंडस्ट्री को लग सकता है. भारत हर साल अमेरिका को करीब 7 अरब डॉलर (61,000 करोड़ रुपये) के ऑटो पार्ट्स बेचता है. अब बढ़े हुए शुल्क के कारण भारतीय पार्ट्स की कीमत अमेरिका में काफी ज्यादा हो जाएगी. इससे भारत की प्रतिस्पर्धा खत्म हो सकती है और खासतौर पर ट्रक, ट्रैक्टर और निर्माण उपकरणों के पार्ट्स का कारोबार बुरी तरह प्रभावित हो सकता है. इससे छोटे और मध्यम स्तर के सप्लायर्स पर सीधा असर होगा और उनका कारोबार खत्म होने की कगार पर पहुंच सकता है.

ज्वेलरी कारोबार भी चपेट में!

गहनों और आभूषणों का कारोबार भी संकट में है. अमेरिका भारत के लिए सबसे बड़ा ज्वेलरी बाजार है, जहां हर साल करीब 10 अरब डॉलर की ज्वेलरी जाती है. लेकिन अब वहां भारत को 50 फीसदी ड्यूटी देनी होगी. इसके मुकाबले दुबई पर सिर्फ 10 फीसदी और मैक्सिको पर 25 फीसदी टैक्स लगता है. यही वजह है कि भारतीय ज्वेलरी निर्यातक अब दुबई और मैक्सिको जैसे देशों में नए मैन्युफैक्चरिंग बेस बनाने की तैयारी कर रहे हैं. जेम्स एंड ज्वेलरी काउंसिल के चेयरमैन किरीट भानसाली ने तो इसे “डूम्सडे” यानी कयामत का दिन बताया है.

60,000 करोड़ रुपये वाले बिजनेस पर भी आंच

सीफूड इंडस्ट्री के सामने भी बड़ा खतरा खड़ा हो गया है. भारत हर साल करीब 60,000 करोड़ रुपये का सीफूड, खासकर झींगे, अमेरिका भेजता है. लेकिन बढ़ी हुई ड्यूटी से इसमें से लगभग 24,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर पर असर पड़ सकता है. भारत के मुकाबले इक्वाडोर, इंडोनेशिया और वियतनाम पर टैक्स काफी कम है, इसलिए अमेरिकी खरीदार अब आसानी से उनकी ओर रुख कर सकते हैं. भौगोलिक दूरी और भारी टैक्स मिलकर भारत के इस क्षेत्र को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं.

क्या सुधरेंगे हालात?

कुल मिलाकर, ट्रंप के नए टैरिफ से भारत के तीन बड़े उद्योग- ऑटो पार्ट्स, ज्वेलरी और सीफूड की नींव हिल सकती है. अब पूरा सवाल इस बात पर टिका है कि क्या कूटनीतिक बातचीत से हालात सुधर पाएंगे या फिर भारतीय निर्यातकों को मजबूर होकर अपनी सप्लाई चेन विदेशों में शिफ्ट करनी पड़ेगी.

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