माता वैष्णो देवी मंदिर जाने वाले मार्ग पर भूस्खलन, 5 लोगों की मौत, 14 के घायल होने की खबर

Mata Vaishno Devi Route Landslide: पहाड़ी पर स्थित मंदिर तक जाने वाले 12 किलोमीटर के घुमावदार रास्ते के लगभग आधे रास्ते में यह आपदा आई. यह क्षेत्र लगातार तीसरे दिन भारी बारिश से जूझ रहा है, जिसके कारण भूस्खलन हुआ ये माना जा रहा है.

माता वैष्णो देवी मंदिर मार्ग पर भूस्खलन. Image Credit: Tv9

Mata Vaishno Devi Route Landslide: भारी बारिश के कारण मंगलवार दोपहर त्रिकुटा पहाड़ी पर स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर जाने वाले मार्ग पर भूस्खलन हो गया, जिसमें कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई और 14 घायल हो गए. अधिकारियों ने बताया कि भूस्खलन के बाद जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित इस प्रसिद्ध मंदिर की तीर्थयात्रा स्थगित कर दी गई है.

बचाव अभियान जारी

अधिकारियों ने बताया कि अधक्वारी स्थित इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास बचाव अभियान जारी है, जहां दोपहर करीब 3 बजे भूस्खलन हुआ था. पहाड़ी पर स्थित मंदिर तक जाने वाले 12 किलोमीटर के घुमावदार रास्ते के लगभग आधे रास्ते में यह आपदा आई.

स्थगित कर दी गई यात्रा

हिमकोटि ट्रैक मार्ग पर सुबह से ही यात्रा स्थगित कर दी गई थी, लेकिन दोपहर 1.30 बजे तक पुराने मार्ग पर यात्रा जारी थी. अधिकारियों ने मूसलाधार बारिश को देखते हुए इसे अगले आदेश तक स्थगित करने का फैसला किया. तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश ने जम्मू के कई हिस्सों में तबाही मचा दी है.

श्राइन बोर्ड ने दी जानकारी

श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने X पर पोस्ट किया, ‘अधक्वारी स्थित इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास भूस्खलन की घटना हुई है, कुछ लोगों के घायल होने की आशंका है. आवश्यक मैनपावर और मशीनरी के साथ बचाव कार्य जारी है. जय माता दी.’ यह क्षेत्र लगातार तीसरे दिन भारी बारिश से जूझ रहा है, जिसके कारण भूस्खलन हुआ ये माना जा रहा है. मलबा हटाने और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयास जारी हैं.

जम्मू संभाग में भारी बारिश

जम्मू संभाग में भारी बारिश ने तबाही मचा दी है. अब तक तीन लोगों की मौत भारी बारिश के कारण हुई है और 24 से अधिक घर एवं पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू संभाग के कई हिस्सों में स्थिति काफी गंभीर है. वह स्वयं स्थिति पर नजर रखने के लिए श्रीनगर से अगली उपलब्ध उड़ान से जम्मू आएंगे.

लगभग सभी प्रमुख नदियां और नाले खतरे के निशान से ऊपर या उसके पास बह रहे हैं, जिससे निचले इलाके और सड़कें जलमग्न हो गई हैं. अधिकारियों ने लोगों से पहाड़ी ढलानों और जलाशयों से दूर रहने का आग्रह किया है.

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