Gold-Silver Outlook: रिकॉर्ड रैली के बाद नवंबर में नए मोमेंटम की तलाश में बुल्स, जानें कहां हैं खरीद के मौके?

अक्टूबर में रिकॉर्ड हाई छूने के बाद गोल्ड-सिल्वर में जोरदार प्रॉफिट बुकिंग देखने को मिली है. नवंबर में फेड नीतियों, डॉलर इंडेक्स और यूएस-चीन वार्ता के आधार पर बुल्स अब नए मोमेंटम की तलाश में हैं. मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले दिनों में इन कीमती धातुओं को खरीदने के मौके मिल सकते हैं. जानें, किन लेवल्स पर करें निवेश?

सोने-चांदी का भाव Image Credit: Money9 Live

अक्टूबर में बुलियन मार्केट ने जबरदस्त तेजी दिखाई, जहां गोल्ड और सिल्वर दोनों ने ऐतिहासिक ऊंचाइयां छू लीं. लेकिन महीने के अंत तक प्रॉफिट बुकिंग और वैश्विक अनिश्चितताओं ने रैली की रफ्तार थाम दी. अब नवंबर में निवेशकों की नजर फेड की नीतियों, डॉलर इंडेक्स की चाल और यूएस-चीन वार्ता पर टिकी है, जो तय करेगी कि गोल्ड-सिल्वर के बुल्स को नया मोमेंटम मिलेगा या नहीं.

Motilal Oswal Wealth Management के करेंसी व कमोडिटी एनालिस्ट मानव मोदी के मुताबिक मुताबिक लगातार कई महीनों तक हरे निशान में रहने के बाद अक्टूबर के आखिर में बुलियन मार्केट में दिलचस्प मोड़ आया है. सोने और चांदी दोनों ने नए रिकॉर्ड हाई छूए. गोल्ड करीब 4,380 डॉलर प्रति 10 आउंस और सिल्वर 54 डॉलर प्रति आउंस तक पहुंची. लेकिन महीने के अंत में प्रॉफिट बुकिंग से रैली थमी और बाजार में बिकवाली का माहौल बना. रिपोर्ट के मुताबिक, गोल्ड और सिल्वर दोनों में प्रॉफिट बुकिंग ने रफ्तार तोड़ी, जबकि डॉलर इंडेक्स और रुपये की मजबूती ने भी कीमतों पर दबाव डाला. अक्टूबर का यह करेक्शन इसलिए खास रहा, क्योंकि यह लंबे समय से चली आ रही तेजी के बाद पहली ठहराव वाली चाल थी.

क्यों टूटी रफ्तार?

अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने अक्टूबर में रेट्स 3.75–4% के दायरे में रखीं और क्वांटिटेटिव टाइटनिंग (QT) को 1 दिसंबर से खत्म करने की घोषणा की. इसके साथ ही फेड ने 29.4 अरब डॉलर की लिक्विडिटी सिस्टम में डाली, जिससे शॉर्ट-टर्म फंडिंग पर दबाव दिखा. वहीं, फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने आगे और रेट कट की संभावना कम होने की बात कही. नतीजतन, दिसंबर में दर घटाने की उम्मीदें 90% से गिरकर 70% पर आ गईं. इससे डॉलर इंडेक्स में उछाल आया और यह 100 के करीब पहुंच गया, जिसने बुलियन की मजबूती पर ब्रेक लगा.

इन वजहों ने बढ़ाई अनिश्चितता

मानव मोदी ने बताया कि अमेरिका में सरकारी शटडाउन 30 दिन से ज्यादा चला, जो 2018–19 के रिकॉर्ड (34 दिन) के करीब पहुंच गया. इसने मार्केट में डेटा ब्लैकआउट और वोलैटिलिटी बढ़ाई. हालांकि CPI डेटा उम्मीद से कम रहा, लेकिन कीमतों पर बड़ा असर नहीं पड़ा. US-China ट्रेड टॉक्स ने कुछ राहत दी. चीन ने रेयर अर्थ पर लाइसेंसिंग को टालने और अमेरिकी सोयाबीन खरीद फिर शुरू करने के संकेत दिए. दोनों देशों के बीच तनाव कम होने की संभावना से बाजार में कुछ स्थिरता लौटी.

चीन की गोल्ड पॉलिसी में बदलाव

चीन ने हाल ही में सोने की खरीद पर VAT राहत 13% से घटाकर 6% कर दी. इसके चलते कई बैंकों ने नए रिटेल गोल्ड अकाउंट्स बंद कर दिए हैं. इसके साथ ही चीन ने सोने के भंडार (Sovereign Gold Reserves) को बढ़ाने की योजना बनाई है, जिससे जियोपॉलिटिकल सपोर्ट मिला है.

डिमांड-सप्लाई मिसमैच

मानव मोदी के मुताबिक त्योहारी सीजन में सप्लाई टाइटनेस और ETF प्रीमियम में 8–10% की छलांग से सिल्वर में घबराहट भरी खरीद देखी गई. यहां तक कि सिल्वर मार्केट में बैकवर्डेशन भी देखने को मिली, जो आमतौर पर शॉर्ट-टर्म डिमांड का संकेत देती है. गोल्ड/सिल्वर रेशियो 78 के हालिया लो के बाद रिवर्स हुआ है, जो बताता है कि सिल्वर फिलहाल गोल्ड से बेहतर परफॉर्म कर रहा है.

टेक्निकल व्यू: किस लेवल पर खरीद का मौका

MCX पर गोल्ड फ्यूचर को लेकर मोतीलाल ओसवाल का व्यू बुलिश है. कमोडिटी एनालिस्ट मानव मोदी के मुताबिक MCX पर गोल्ड रेट 1,16,000 से 1,24,000 के रेंज में रह सकते हैं. यहां, 1,16,000 के पास पॉजिटिव क्लोजिंग या अपसाइड मूव खरीद का मौका हो सकता है. वहीं, सपोर्ट 1,12,000 पर है. अगर रेट इससे नीचे क्लोज होता है, तो इसे ट्रेंड रिवर्सल माना जा सकता है.

इसी तरह उन्होंने बताया कि सिल्वर फ्यूचर का भाव 1,39,000 से 1,54,000 के बीच रह सकता है. 1,54,000 के ऊपर ब्रेकआउट से 1,63,000 तक तेजी संभव. वहीं,1,39,000 के नीचे कमजोरी से 1,30,000 तक गिरावट का रिस्क है.

इन फैक्टर्स पर रखें नजर

रिपोर्ट में बताया गया है कि फेड के अधिकारियों के बयान और US-China वार्ता के साथ ही सरकारी शटडाउन की स्थिति, डॉलर इंडेक्स की चाल, त्योहारी सीजन में घरेलू मांग पर नजर रखें. इसके साथ ही बताया गया है कि “अक्टूबर में गोल्ड-सिल्वर मार्केट ने एक जरूरी ब्रेक लिया. नवंबर में डॉलर और फेड पॉलिसी पर निर्भर करेगा अगला कदम. गोल्ड में 1.16 लाख के पास खरीदारी का मौका बन रहा है, जबकि सिल्वर फिलहाल सीमित दायरे में कारोबार कर सकती है.”