Titan को अपने घर में ही चैलेंज, इन वजहों ने बिगाड़ा खेल, ग्रुप की ये कंपनी बनी नई स्टार

टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और टाइटन दोनों ने हाल में अलग-अलग मोर्चों पर प्रदर्शन किया है. टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने iPhone असेंबली और सेमीकंडक्टर निर्माण में बड़े पैमाने पर निर्यात के साथ भारत की सबसे बड़ी Apple असेंबलर बनकर उभरी है. वहीं, टाइटन की ज्वैलरी बिक्री बढ़ी है, लेकिन मार्जिन घटा है, क्योंकि सोने की ऊँची कीमतों ने मांग पर असर डाला है. इतना ही नहीं रेवेन्‍यू के मामले में टाटा इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स टाइटन से आगे निकल गइ है.

टाटा इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स ने कैसे दी टाइटन को मात Image Credit: money9 live

Tata Electronics vs Titan: टाटा ग्रुप की दिग्‍गज कंपनी Titan भले ही लोकप्रियता के मामले में आगे रही हो, लेकिन ग्रेाथ और रेवेन्‍यू के मामले में इसे अपने ही समूह की कंपनी Tata Electronics से मात खानी पड़ी है. टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी Tata Sons लिमिटेड की लेटेस्‍ट एनुअल रिपोर्ट के मुताबिक टाटा इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स का रेवेन्‍यू वित्‍त वर्ष 2025 में 66,601 करोड़ रुपये दर्ज किया गया. जबकि Titan का वित्‍त वर्ष 2025 में रेवेन्‍यू 57,818 करोड़ रुपये दर्ज किया गया.

इतना ही नहीं Tata Sons लिमिटेड ने अपने iPhone असेंबली बिज़नेस में अब तक 1.3 अरब डॉलर से ज़्यादा की भारी-भरकम पूंजी लगाई है, जिससे टाटा इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स टाटा ग्रुप का नया सितारा बनकर उभर रहा है. वहीं टाइटन की चमक पहले के मुकाबले फीकी पड़ी है. उसे अपने ही घर में चैलेंज मिलने के साथ दूसरी कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है.

iPhone की बनी सबसे बड़ी असेंबलर

टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने 2020 में लॉन्च होने के बाद से iPhone असेंबली में भारी निवेश किया है. मार्च 2024 में Wistron की फैक्ट्री खरीदने और Pegatron की भारत यूनिट में सबसे ज्‍यादा हिस्‍सेदारी लेने के बाद कंपनी भारत की सबसे बड़ी iPhone असेंबलर बन गई है. अब यह सभी iPhone 17 मॉडल निर्यात के लिए तैयार कर रही है. टाटा ने भारत की iPhone उत्पादन का लगभग एक तिहाई हिस्सा अपने नाम कर लिया है और Foxconn को चुनौती दी है.

हाईटेक चिप बनाने पर भी फोकस

टाटा इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स आईफोन असेंबल करने के साथ हाईटेक चिप बनाने पर भी फोकस कर रही है. इसलिए कपंनी दो बड़े सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट्स तैयार कर रही है, जो 13 बिलियन डॉलर की लागत से बन रहे हैं. ये AI, ऑटोमोटिव और डेटा स्टोरेज के लिए एडवांस चिप बनाएगी.

Titan की बिक्री पड़ी धीमी

टाइटन मुख्‍य रूप से ज्‍वेलरी और अपने घड़ी के बिजनेस के लिए जानी-जाती है. इसका Q1FY26 रिजल्ट मिला-जुला रहा. इस दौरान ज्वैलरी की बिक्री 18% बढ़ी, वहीं वॉच और वियरेबल्स भी 23% बढ़े. इसकी सब्सिडियरी कंपनी CaratLane ने भी 38% ग्रोथ दिखाई. मगर ज्वैलरी में खरीदारों की संख्या स्थिर रही, जिससे ब्रिकी की रफ्तार पहले के मुकाबले धीमे हो गई.

इन फैक्‍टर्स ने छीनी चमक

टाइटन अपने स्टडेड ज्वैलरी के लिए भी मशहूर है, जो सबसे मुनाफे वाली होती है. मगर इसकी बिक्री भी धीमी रही. रिपोर्ट के मुताबिक CaratLane ने 5% EBIT मार्जिन दर्ज किया, जो ऐतिहासिक औसत से कम है. इसकी बिक्री को सोने की महंगी कीमतों ने प्रभावित किया. लोग खरीदारी टाल रहे थे. साथ ही सस्ता विकल्प चुन रहे थे. ऐसे में शादी के सीजन में भी मांग उम्‍मीद से कम रही. जिससे टाइटन के मार्जिन पर दबाव बढ़ गया.

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प्रतिद्वंदियों से मिल रही टक्‍कर

टाइटन को उसकी राइवल कंपनियों से भी कड़ी टक्‍कर मिल रही है. Senco Gold और Kalyan Jewellers जैसे प्रतिद्वंदी कंपनियाें ने अच्छी ग्रोथ दर्ज की है. वे टियर 2 और टियर 3 शहरों में फ्रेंचाइजी मॉडल से विस्तार कर रहे हैं. लैबग्रोन डायमंड्स भी युवाओं में लोकप्रिय हो रहे हैं. वहीं क्षेत्रीय ब्रांड कीमत और पर्सनलाइजेशन पर ध्यान दे रहे हैं. जिसकी वजह से भी टाइटन की बिक्री पर असर पड़ा है.

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