रिलायंस कैपिटल के नाम बदलने के लिए NCLAT ने IIHL से मांगा टाइमलाइन; 21 नवंबर को अगली सुनवाई

कॉर्पोरेट जगत में एक नया मोड़ आया है. नाम और ब्रांडिंग को लेकर विवाद गरमाया हुआ है. एक बड़ी अदालत ने अब कंपनी से पूछा है कि वह जल्द ही एक बेहद चर्चित नाम के इस्तेमाल को कब तक बंद करेगी. आने वाले हफ्तों में इस पर फैसला सामने आएगा.

IIHL पर दबाव Image Credit: Money9 Live

भारतीय कॉर्पोरेट जगत में अब एक और अहम मामला सामने आया है, जो नाम और ब्रांडिंग से जुड़ा है. नेशनल कंपनी लॉ अपीलट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने हिंदुजा समूह की कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (IIHL) को आदेश दिया है कि वह रिलायंस ब्रांड नाम का इस्तेमाल बंद करने और नए नाम पर जाने का स्पष्ट टाइमलाइन बताए. यह मामला उस समय उभरा जब अनिल धीरुभाई अंबानी वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड (ADAVL) ने रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण के बाद नाम के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए अपील की थी.

IIHL ने बताया प्रक्रिया शुरू हो चुकी है

IIHL के वकील ने NCLAT के सामने बताया कि रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण के बाद कंपनी का नाम बदलने की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है और इसे लगभग आठ हफ्तों में पूरा कर लिया जाएगा. NCLAT की दो सदस्यीय बेंच ने IIHL की इस बात को अपने आदेश में दर्ज किया. हालांकि, जब ट्रिब्यूनल ने स्पष्ट टाइमलाइन के बारे में पूछा कि कब तक रिलायंस का नाम इस्तेमाल नहीं किया जाएगा, तो IIHL के वकील ने इस पर निर्देश लेने के लिए समय मांगा.

अगली सुनवाई 21 नवंबर को

इस पर NCLAT ने निर्देश दिया कि अगली सुनवाई 21 नवंबर, 2025 को होगी, जब IIHL के वकील नए ब्रांड नाम और रिलायंस नाम के उपयोग को लेकर स्पष्ट जानकारी देंगे. बेंच में जस्टिस मोहम्मद फैज आलम खान और नरेश सालेचा शामिल थे. NCLAT का यह कदम ADAVL की अपील पर आधारित है, जो रिलायंस नाम के इस्तेमाल पर रोक चाहती है.

रिलायंस ब्रांड नाम को लेकर यह विवाद नया नहीं है. अक्टूबर 2024 में मुंबई बेंच के नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने ADAVL की याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद ADAVL ने इस फैसले के खिलाफ अपील NCLAT में दायर की.

यह भी पढ़ें: क्या खत्म हो गया TATA Sons IPO का सपना? ट्रस्ट के भीतर चल रही बड़ी बहस, SP Group पर उठ रहे सवाल

रिलायंस कैपिटल का अधिग्रहण

रिलायंस कैपिटल को नवंबर 2021 में आरबीआई द्वारा प्रशासन के तहत रखा गया था, क्योंकि कंपनी में गवर्नेंस में कमी और भुगतान में डिफॉल्ट की समस्या थी. इसके बाद आरबीआई ने Nageswara Rao Y को एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किया और फरवरी 2022 में कंपनी के अधिग्रहण के लिए बोली आमंत्रित की. अप्रैल 2023 में IIHL सफल रिजॉल्यूशन अप्लिकेंट के रूप में सामने आया और उसने 9,650 करोड़ रुपये की बोली लगाकर रिलायंस कैपिटल को अधिग्रहित किया. इसके अलावा, IIHL ने रिलायंस जनरल इंश्योरेंस की सॉल्वेंसी बढ़ाने के लिए 200 करोड़ रुपये अतिरिक्त राशि भी भुगतान की.