Direct Tax Collection: 4 फीसदी घटी सरकार की आय, 6.64 लाख करोड़ रहा नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन
डायरेक्ट टैक्स से सरकार को होने वाली आय में 4 फीसदी की कमी आई है. CBDT की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष में नेट डायरेक्ट टेक्श कलेक्शन घटकर 6.64 लाख करोड़ रुपये रहा है. डायरेक्ट टैक्स के दायरे आम लोग व कंपनियों आती हैं, जिन्हें अपनी इनकम पर टैक्स देना होता है.
Net Direct Tax Collection 2025: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष में अब तक नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में करीब 4 फीसदी की कमी आई है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अगस्त तक इनकम टैक्स में 4% की गिरावट देखी गई है. इस अवधि में कुल कलेक्शन 6.64 लाख करोड़ रुपये रहा है.
टैक्स कलेक्शन क्यों आई कमी?
सरकार की तरफ आंकड़ों के साथ ही बताया गया है कि डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में कमी के पीछे सबसे बड़ा कारण रिफंड में बढ़ोतरी है. इसके साथ ही बताया गया है कि इस दौरान कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शन में 3% बढ़ोतरी हुई है. वहीं, नॉन-कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शन में 7.45% की गिरावट आई है. सरकार ने चालू वित्त वर्ष में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के लिए 25.20 लाख करोड़ रुपये का टारगेट रखा है. इस तरह सरकार अभी लक्ष्य 73.65 फीसदी दूर है.
क्या होता है डायरेक्ट टैक्स?
इनकम टैक्स कानून के तहत तमाम नौकरी-पेशा वाले लोग, कंपनियां, फर्म और परिवार अपनी इनकम पर जो टैक्स चुकाते हैं, उसे ही डायरेक्ट टैक्स कहा जाता है. इसके अलावा शेयर बाजार में शेयर खरीदने और ट्रेडिंग पर लगने वाले टैक्स सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) भी इसके दायरे में आते हैं.
कितना बढ़ा रिफंड?
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष में 1 अप्रैल से 11 अगस्त के बीच रिफंड में 10 फीसदी का इजाफा हुआ है. इस दौरान कुल 1.35 लाख करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए गए हैं.
कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शन कितना बढ़ा?
Net corporate tax collection में इस दौरान 3 फीसदी का इजाफा हुआ है. यह बढ़कर 2.29 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है. वहीं, non-corporate tax, जिसमें सभी व्यक्तिगत टैक्सपेयर, Hindu Undivided Families (HUFs) और फर्म से मिलने वाले टैक्स में 7.45 फीसदी की गिरावट आई है. यह घटकर 4.12 लाख करोड़ रुपये रह गया है. वहीं, STT कलेक्शन 22,362 करोड़ रुपये रहा. इसके अलावा ग्रॉस कलेक्शन 7.99 लाख करोड़ रहा, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 1.87 फीसदी कम रहा, पिछले वर्ष यह रकम 8.14 लाख करोड़ रुपये रही थी.