ऑपरेशन सिंदूर से डरा पाकिस्तान, खजाना खाली फिर भी बढ़ाएगा डिफेंस बजट; भुगतेंगे पाकिस्तानी
Pakistan ने अपने डिफेंस बजट में 18% की बढ़ोतरी का फैसला किया है, जिससे 2.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होगा. लेकिन क्या इससे देश की आर्थिक स्थिति सुधरेगी या और बिगड़ेगी? अर्थशास्त्रियों का कहना है कि ये रणनीति जोखिम भरी हो सकती है और सामाजिक खर्च पर असर डाल सकती है.
Pakistan Defence: पाकिस्तान ने फैसला लिया है कि वो 2025-26 के बजट में डिफेंस पर अपने खर्च को 18% बढ़ाकर 2.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा कर देगा. लेकिन इसके बाद सवाल उठ रहे हैं कि पाकिस्तान गहरे आर्थिक संकट से गुजर रहा है जिसके लिए उसे IMF से लोन लेना पड़ रहा, 38% महंगाई की मार अलग है. लेकिन ये ये मुल्क अपने आप को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की बजाय डिफेंस को मजबूत करने पर लगा है. तो क्या अपने आप को डिफेंस में मजबूत कर पाकिस्तान वाकई खुशहाली की ओर बढ़ेगा या उसके लिए संकट गहराता जाएगा.
पाकिस्तान के इस फैसले पर अर्थशास्त्री भी सवाल उठा रहे हैं और कह रहे हैं कि इससे आर्थिक सुधार पटरी से उतर सकते हैं और सामाजिक खर्च में कटौती हो सकती है.
और कहां खर्च बढ़ा रहा पाकिस्तान
पाकिस्तान अपने महंगे हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स को तेजी से आगे बढ़ा रहा है. योजना और विकास मंत्री अहसन इकबाल ने पानी की सुरक्षा को एक रणनीतिक प्राथमिकता बताया है और भारत पर जल आक्रमण का आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि भारत सिंधु जल संधि के तहत साझा नदियों पर बांध बना रहा है.
इसलिए पाकिस्तान 14 अरब डॉलर की लागत वाले दियामेर-भाषा डैम पर तेजी से काम कर रहे हैं. दियामेर-भाषा डैम से 4,500 मेगावाट बिजली उत्पादन और 81 लाख एकड़-फीट पानी संग्रहित करने की उम्मीद है, लेकिन ये परियोजना अभी कई सालों दूर है. पैसों की कमी और लॉजिस्टिक चुनौतियों के चलते इसमें देरी हो रही है.
पाकिस्तान पर सवाल
कई एक्सपर्ट्स पाकिस्तान पर सवाल उठा रहे हैं कि क्या वह एक साथ डिफेंस और इंफ्रा पर इतने बड़े खर्च को संभाल सकता है. ToI की रिपोर्ट के अनुसार, अर्थशास्त्रियों का कहना है कि ये रणनीति जोखिम भरी हो सकती है. डिफेंस और दियामेर-भाषा जैसे मेगा प्रोजेक्ट्स पर फंड खर्च सामाजिक खर्च और आर्थिक सुधारों को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे आम पाकिस्तानी नागरिकों पर बोझ बढ़ सकता है.
- पाकिस्तान का कर्ज उसकी GDP का लगभग 70% है.
- 2024 में पाकिस्तान ट्रेड डेफिसिट में रहा जो 25 अरब डॉलर था
- विदेशी मुद्रा भंडार सिर्फ 3 अरब डॉलर के आसपास है
पाकिस्तान पर एक तरफ IMF का भारी भरकम कर्ज है, इस वजह से उसे कई नियमों का पालन भी करना होगा. पाकिस्तान ऐसे ही अपने बजट में डिफेंस के खर्च को बढ़ा सकता है, उसे एक संतुलन साधना होगा.