India-UK Free Trade Deal: भारत-ब्रिटेन के बीच आज साइन होगी फ्री ट्रेड डील, जानें- कौन-कौन से प्रोडक्ट्स होंगे सस्ते

India-UK Free Trade Deal: तीन साल की बातचीत के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान गुरुवार को ब्रिटेन और भारत औपचारिक रूप से एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले हैं. इसके बाद समझौते को ब्रिटिश संसद मंजूरी देगी.

भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट. Image Credit: Money9live

India-UK Free Trade Deal: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लंदन यात्रा के दौरान गुरुवार को भारत और ब्रिटेन एक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करेंगे. इस फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के औपचारिक रूप लेने पर, चमड़ा, जूते और कपड़ों जैसी श्रम-प्रधान वस्तुओं का निर्यात सस्ता हो जाएगा. साथ ही ब्रिटेन से व्हिस्की और कारों के इंपोर्ट की लागत भी कम होगी. यह समझौता दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार को 2030 तक दोगुना करके 120 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने में भी मदद करेगा.

90 फीसदी सामानों पर कम होगा शुल्क

रॉयटर्स के अनुसार, भारत ब्रिटेन के लगभग 90 फीसदी सामानों पर टैरिफ कम करेगा. इसका मतलब है कि व्हिस्की और जिन पर शुल्क 150 फीसदी से घटकर 75 फीसदी और फिर एक दशक में 40 फीसदी हो जाएगा. ब्रिटेन से आने वाली कारें भी सस्ती होने की संभावना है, क्योंकि कोटा के तहत ऑटोमोबाइल टैरिफ 100 फीसदी से घटकर 10 फीसदी हो जाएगा.

सौंदर्य प्रसाधन, चिकित्सा उपकरण, सैल्मन, चॉकलेट और बिस्किट पर शुल्क कम लगेगा. भारतीय वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, ब्रिटेन 99 फीसदी भारतीय वस्तुओं को ड्यूटी फ्री एक्सेस प्रदान करेगा, जो ट्रेड वैल्यू का लगभग 100 फीसदी होगा.

एक्सपोर्ट पर शुल्क

कपड़ा, जूते, रत्न एवं आभूषण, फर्नीचर, ऑटो पार्ट्स, केमिकल, मशीनरी और खेल के सामान के भारतीय निर्यात पर ब्रिटेन में शुल्क शून्य होने की संभावना है. भारतीय वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, ब्रिटेन में बिजनेस विजिटर और कॉन्ट्रैक्ट आधार पर सर्विस प्रोवाइडर के साथ-साथ अस्थायी प्रवास के लिए योग प्रशिक्षकों, शेफ और संगीतकारों को भी सुनिश्चित एक्सेस प्रदान की जाएगी.

सामाजिक सुरक्षा कंट्रीब्यूशन में छूट

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन में अस्थायी रूप से काम कर रहे भारतीय कामगारों और उनके नियोक्ताओं को तीन वर्षों तक ब्रिटेन में सामाजिक सुरक्षा कंट्रीब्यूशन देने से छूट दी जाएगी, जिससे सालाना लगभग 40 अरब रपये ($463 मिलियन) की बचत होने का अनुमान है.

सरकारी खरीद टेंडर्स एक्सेस

भारत, ब्रिटिश सप्लायर को नॉन-सेंसिटिव फेडरल सरकारी खरीद टेंडर्स के लिए बोली लगाने की अनुमति देगा, जिसकी सीमा 2 अरब रुपये निर्धारित की गई है. ब्रिटिश सरकार के अनुमानों के अनुसार, इस समझौते से ब्रिटिश व्यवसायों को भारत के सार्वजनिक खरीद बाजार तक पहुंच प्राप्त होगी, जिसमें लगभग 40,000 टेंडर्स शामिल हैं, जिनका मूल्य लगभग 38 अरब पाउंड प्रति वर्ष है.

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