RBI ने इस अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस किया रद्द, 93 फीसदी लोगों को जमा पर मिलेगा बीमा

RBI ने पूंजी की कमी और कमजोर आय के चलते एक Urban Co-operative Bank का लाइसेंस रद्द कर दिया है. बैंक को तुरंत प्रभाव से अपने सभी ऑपरेशन बंद करने के लिए कहा गया है. इसके साथ ही DICGC बीमा के तहत करीब 93% जमाकर्ताओं को 5 लाख तक का भुगतान करने के लिए कहा गया है.

रिजर्व बैंक Image Credit: Getty Images

The Karwar Urban Co-operative Bank License Cancelation: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को कर्नाटक स्थित करवार अर्बन को-ऑपरेटिव का बैंकिंग लाइसेंस रद्द कर दिया. रिजर्व बैंक की तरफ से यह फैसला को-ऑपरेटिव बैंक के पास पूंजी की कमी और कमजोर आय की संभावना को देखते हुए लिया गया है. PTI की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि रिजर्व बैंक ने इस संबंध में एक बयान जारी किया है. रिजर्व बैंक ने बयान में कहा है कि करवार अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक को 23 जुलाई, 2025 को कारोबार के समापन के साथ ही अपने सभी बैंकिंग ऑपरेशन बंद करने का आदेश दिया गया है.

रिजर्व बैंक ने क्या कहा?

रिजर्व बैंक की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि करवार अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक की मौजूदा वित्तीय स्थिति को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. बैंक के पास अपने मौजूदा जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान करने के लिए पर्याप्त पूंजी नहीं है. इसके साथ ही इस बात की संभावना भी नजर नहीं आ रही है कि बैंक की आय भविष्य में बढ़ जाए और वह अपने सभी जमाकर्तााओं को उनकी पूरी रकम लौटा पाए. ऐसे में इस बैंक का संचालन जमाकर्ताओं के हितों के खिलाफ होगा. रिजर्व बैंक ने कर्नाटक के रजिस्ट्रार ऑफ को-ऑपरेटिव सोसाइटीज से कहा है कि वे इस बैंक को बंद करने का आदेश जारी करें और एक लिक्विडेटर की नियुक्ति करें, जो बैंक की संपत्तियों को बेचकर लायबिलिटीज को पूरा करेगा.

जमाकर्ताओं को मिलेगा बीमा भुगतान

रिजर्व बैंक ने अपने आदेश में यह भी साफ किया है कि करवार अर्बन को-ऑपरेटिव के 92.9% जमाकर्ताओं को डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) की तरफ से उनकी जमा राशि का पूरा भुगतान मिलेगा. DICGC योजना के तहत हर जमाकर्ता को अधिकतम 5 लाख तक की जमा राशि बीमित होती है. इस तरह रिजर्व बैंक के मुताबिक बैंक के सिर्फ 7.1 फीसदी जमाकर्ता ऐसे हैं, जिन्होंने बैंक में पांच लाख से ज्यादा की रकम जमा कराई है. इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने यह भी बताया कि 30 जून 2025 तक DICGC की तरफ से 37.79 करोड़ की राशि जमाकर्ताओं को भुगतान कर दी है.

पांच लाख से ज्यादा जमा तो क्या?

जिन ग्राहकों की जमा राशि 5 लाख या इससे कम है, उन्हें DICGC से भुगतान मिल जाएगा. वहीं, बाकी जमाकर्ताओं को लिक्विडेशन की प्रक्रिया के बाद भुगतान मिलने की संभावना है. इसके लिए ग्राहक अपने दावे DICGC की वेबसाइट या संबंधित बैंक शाखा के जरिये दर्ज कर सकते हैं.