पीएम जन धन योजना का बढ़ा क्रेज, एक दशक में खुले 53.13 करोड़ खाते, FY25 में 3 करोड़ अकाउंट खोलने का लक्ष्य
पीएमजेडीवाई के दस साल पूरे होने पर पीएम नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करके बधाई दी, उन्होंने इसे एक ऐतिहासिक दिन बताया.

बैंकिंग सेवाओं से वंचित परिवारों को विकास से जोड़ने और उन्हें आर्थिक रूप से बेहतर बनाने के मकसद से केंद्र सरकार ने 2014 में पीएम जन धन योजना की शुरुआत की थी, जो तेजी से प्रसारित हुई. लोगों में इसका क्रेज काफी बढ़ रहा है यही वजह है कि सरकार आने वाले साल में इसमें और नए खाते खोलेगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि सरकार का लक्ष्य चालू वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के तहत 3 करोड़ से ज़्यादा खाते खोलना है. उन्होंने ये बात पीएमजेडीवाई के दस साल पूरे होने के एक दिन पहले कही. इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने भी बधाई दी है.
पीएम ने लिखा, “आज देश के लिए एक ऐतिहासिक दिन है- #10YearsOfJanDhan. इस अवसर पर मैं सभी लाभार्थियों को शुभकामनाएं देता हूं. इस योजना को सफल बनाने के लिए दिन-रात एक करने वाले सभी लोगों को भी बहुत-बहुत बधाई. जन धन योजना करोड़ों देशवासियों, विशेषकर हमारे गरीब भाई-बहनों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उन्हें सम्मान के साथ जीवन जीने का अवसर देने में सफल रही है.” बता दें इस योजना के तहत अब तक कुल 53.13 करोड़ खाते खोले गए हैं. इसमें पुरुषों के अलावा महिलाओं की भी अहम भागीदारी है.
कितनी जमा हुई रकम?
वित्त मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार PMJDY खातों में कुल 2,31,236 करोड़ रुपए हुए हैं. 14 अगस्त 2024 तक खातों में 3.6 गुना वृद्धि देखी गई, वहीं जमा राशि में लगभग 15 गुना का इजाफा देखने को मिला. इस अवधि में प्रति खाता औसत जमा राशि 4,352 रुपए थी. योजना शुरुआत के बाद से एक दशक में खोले गए कुल खातों में 55.6 प्रतिशत (29.56 करोड़) जन-धन खाताधारक महिलाएं हैं, जबकि 66.6 प्रतिशत (35.37 करोड़) जन-धन खाते ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में हैं.
कितने बांटे गए डेबिट कार्ड?
पीएमजेडीवाई के तहत 36.06 करोड़ से अधिक रूपे डेबिट कार्ड जारी किए गए हैं.वहीं 89.67 लाख पॉइंट-ऑफ-सेल (PoS/mPoS) मशीनों की स्थापना की गई. योजना के तहत यूपीआई जैसी मोबाइल-आधारित भुगतान प्रणालियों को जोड़े जाने से डिजिटल लेनदेन में इजाफा हुआ. इसकी कुल संख्या वित्तीय वर्ष (FY) 18-19 में 2,338 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 23-24 में 16,443 करोड़ हो गई है.
यूपीआई लेन-देन में हुआ इजाफा
आंकड़ों के मुताबिक यूपीआई वित्तीय लेनदेन की कुल संख्या वित्त वर्ष 2018-19 में 535 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 13,113 करोड़ हो गई है. इसी तरह, PoS और ई-कॉमर्स पर RuPay कार्ड लेनदेन की कुल संख्या वित्त वर्ष 2017-18 में 67 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 96.78 करोड़ हो गई है.
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