India FDI Inflow: वित्त वर्ष 2024-25 में 81 अरब डॉलर रहा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, सालाना 14 फीसदी बढ़ा

वित्त वर्ष 2024-25 में भारत में FDI यानी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के तौर पर 81 अरब डॉलर का निवेश आया है. सालाना आधार पर इसमें 14 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इसके अलावा भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए सिंगापुर सबसे बड़ा स्रोत है.

FDI में आई तेजी Image Credit: money9live

वित्त वर्ष 2024-25 में भारत को 81.04 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मिला है. इस दौरान सिंगापुर एफडीआई का सबसे बड़ा स्रोत रहा है. वहीं, सेवा, व्यापार और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों में विदेशी निवेश में वृद्धि हुई है. जबकि, सॉफ्टवेयर और फार्मास्युटिकल्स में गिरावट आई है. वहीं, PTI की रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी से मार्च की तिमाही में सालाना आधार पर FDI में 24.5% की गिरावट देखी गई है.

केंद्रीय वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय ने मंगलवार को एफडीआई का प्रोविजनल डाटा जारी किया. इसके मुताबिक स्वचालित तरीके से 100% एफडीआई के लिए खुले सेक्टर में भारत में विदेशी निवेश में जोरदार इजाफा हुआ है. वित्त वर्ष 2024-25 में प्रोविजनल डाटा के मुताबिक FDI Inflow 81.04 अरब डॉलर रहा, पिछले वित्त वर्ष 2023-24 के 71.28 अरब डॉलर की तुलना में 14% ज्यादा है.

सर्विस सेक्टर में सबसे ज्यादा निवेश

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए भारत के सर्विस सेक्टर ने मैग्नेट का काम किया है. वित्त वर्ष 2024-25 में सर्विसेज सेक्टर ने कुल एफडीआई इनफ्लो का 19 फीसदी हिस्सा आकर्षित किया है. इसके बाद कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर की 16% और ट्रेडिंग की हिस्सेदारी 8% रही.

मैन्युफैक्चरिंग में भी बढ़ा विदेशी निवेश

उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में भी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में बढ़ोतरी हुई है. वित्त वर्ष 2024-25 में इस सेक्टर में FDI 18% बढ़कर 19.04 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में यह 16.12 अरब डॉलर रहा था.

महाराष्ट्र सबसे आगे

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 में कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश इक्विटी इनफ्लो में पूरे देश में महाराष्ट्र सबसे आगे रहा है. FDI में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 39% रहीं. इसके बाद कर्नाटक 13% और दिल्ली 12% के हिस्सेदार रहे हैं.

निवेश स्रोत में सिंगापुर शीर्ष पर

भारत में निवेश के स्रोतों के लिहाज से सिंगापुर 30% हिस्सेदारी के साथ सबसे आगे रहा है. इसके बाद मॉरीशस 17% का हिस्सेदार है, वहीं अमेरिका 11% हिस्सेदारी के साथ तीसरे स्थान पर रहा है.