सरकार ने खरीफ फसलों पर बढ़ाई MSP, धान पर 69 और दाल पर 450 रुपये की बढ़ोतरी, जानें 14 फसलों के रेट
सरकार ने 2025-26 खरीफ सीजन के लिए 14 प्रमुख फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) घोषित कर दिया है. यह MSP किसानों की लागत का कम से कम 1.5 गुना तय किया गया है. सबसे ज्यादा बढ़ोतरी रामतिल (नाइजरसीड) में 820 रुपये प्रति क्विंटल हुई है. इस बढ़ोतरी के बाद सरकार का दावा है कि बाजरा, मक्का, तूर और उड़द में लागत पर 53 फीसदी से 63 फीसदी तक फायदा मिलेगा.

Government Hike MSP: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी की बैठक में खरीफ फसलों के लिए MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) बढ़ाने का फैसला लिया गया है. यह बढ़ोतरी 2025-26 के मार्केटिंग सीजन के लिए की गई है. इसका मकसद किसानों को उनकी फसलों का अच्छा दाम देना है. इसके तहत कई फसलों के MSP में बढ़ोतरी हुई है. इस बार सबसे ज्यादा बढ़ोतरी नाइजर सीड (रामतिल) में हुई है. इसका MSP 820 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया गया है. इसके बाद रागी में 596 रुपये, कपास में 589 रुपये और तिल में 579 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई है. इससे इतर, दाल और धान पर मिलने वाले MSP में भी सरकार ने बढ़ोतरी की है जो क्रमश: 450 रुपये और 69 रुपये है.
फसल का नाम | MSP 2025-26 (रुपये/क्विंटल) | 2024-25 के मुकाबले बढ़ोतरी (रुपये में) |
---|---|---|
धान (सामान्य) | 2369 | 69 |
धान (ग्रेड A) | 2389 | 69 |
ज्वार (हाइब्रिड) | 3699 | 328 |
ज्वार (मालदांडी) | 3749 | 328 |
बाजरा | 2775 | 150 |
रागी | 4886 | 596 |
मक्का | 2400 | 175 |
तूर (अरहर) | 8000 | 450 |
मूंग | 8768 | 86 |
उड़द | 7800 | 400 |
मूंगफली | 7263 | 480 |
सूरजमुखी बीज | 7721 | 441 |
सोयाबीन (पीला) | 5328 | 436 |
तिल (सेसमम) | 9846 | 579 |
रामतिल (नाइजरसीड) | 9537 | 820 |
कपास (मीडियम स्टेपल) | 7710 | 589 |
कपास (लॉन्ग स्टेपल) | 8110 | 589 |
MSP कैसे तय होता है?
सरकार ने 2018-19 के बजट में कहा था कि MSP किसानों की लागत का कम से कम 1.5 गुना होना चाहिए. सरकार का दावा है कि इस साल भी वही फॉर्मूला अपनाया गया है. बाजरा में किसानों को लागत पर 63 फीसदी मुनाफा मिलेगा. इससे इतर, मक्का और तूर में 59 फीसदी और उड़द में 53 फीसदी का फायदा होगा. बाकी फसलों में भी 50 फीसदी मुनाफा मिलेगा. इसी के साथ दालों और पोषक अनाज में भी बढ़ावा दिया गया है.
सरकार अब सिर्फ गेहूं और धान नहीं, बल्कि दाल, तिलहन और पोषक अनाज (श्री अन्न) की खेती को भी बढ़ावा दे रही है. साल 2014-15 से 2024-25 के बीच सरकार ने 14 खरीफ फसलों के लिए किसानों को कुल 16.35 लाख करोड़ रुपये MSP के रूप में दिए हैं, जबकि 2004-05 से 2013-14 के बीच यह राशि सिर्फ 4.75 लाख करोड़ रुपये थी.
“किसानों के कल्याण के लिए दो बड़े फैसले”
बुधवार को कैबिनेट बैठक के बाद इसकी जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, ”आज हम केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए पांच सबसे महत्वपूर्ण फैसलों पर चर्चा करेंगे. किसानों के कल्याण के लिए दो बड़े फैसले लिए गए हैं. ये हैं खरीफ फसलों के लिए एमएसपी और ब्याज अनुदान योजना.”
समय से पहले आए मानसून से बढ़ सकती है दिक्कत
दूसरी तरफ, मौसम की स्थिति चिंता का विषय बन गई है. इस साल मानसून समय से पहले शुरू हो गया लेकिन लगातार बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया है. किसानों को बुवाई से पहले खेत तैयार करने के लिए 15-20 दिनों का सूखा मौसम चाहिए होता है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो पा रहा है. मौसम विशेषज्ञों ने पहले ही चेतावनी दी थी कि मानसून का जल्दी आना तो अच्छा है, पर असली फायदा तब होगा जब बारिश पूरे देश में सही समय पर और समान रूप से हो.
अगर बारिश समय पर पूरे देश में फैल गई, तो खरीफ फसलें अच्छी होगी, जिससे खाद्य पदार्थों के दाम काबू में रहेंगे और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. लेकिन अगर बारिश कहीं बहुत ज्यादा और कहीं बहुत कम हुई, या लंबे समय तक सूखा पड़ा, तो इसका उल्टा असर भी हो सकता है. इससे फसलों को नुकसान हो सकता है, महंगाई बढ़ सकती है और खेती से जुड़ी अर्थव्यवस्था पर असर पड़ सकता है. यानी एक तरफ MSP बढ़ना किसानों के लिए अच्छी खबर है, लेकिन मौसम की अनिश्चितता चिंता बढ़ा रही है.
Latest Stories

गेहूं जमाखोरों के लिए बुरी खबर, सरकार ने स्टॉक लिमिट नियमों में किया बदलाव

दुनिया के बुद्धा बेल्ट में बिकेगा भारत का ये खास चावल, गोरखपुर-सिद्धार्थ नगर के किसानों को सीधा फायदा

किसानों को बड़ी खुशखबरी, KCC कर्ज पर ब्याज दर में जारी रहेगी छूट, केंद्रीय कैबिनेट ने लिया फैसला
