100 साल का हुआ Raymond, छोटी-सी मिल में बनता था कपड़ा, आज 60+ देशों में बिजनेस, ऐसे बना टेक्सटाइल बादशाह

पॉपुलर टेक्‍सटाइल कंपनी Raymond के 100 साल पूरे हो गए हैं. इसकी शुरुआत साल 1925 में हुई थी. इसकी नींव एक छोटे-से मिल से रखी गई थी. बाद में लाला कैलाशपत सिंघानिया के इसे खरीदने के बाद कंपनी लगातार ग्रोथ की ओर बढ़ रही है. तो कैसे हुई इसकी शुरुआत, कितना है कारोबार जानें पूरी डिटेल.

Raymond के 100 साल हुए पूरे, जानें कैसे हुई थी शुरुआत Image Credit: money9 live

Raymond 100 years: फैशन जगत में एक खास मुकाम हासिल करने वाला ब्रांड Raymond 100 साल का हो गया है. 1925 में मुंबई के थाणे में एक छोटे से वूलन मिल से हुई शुरुआत आज करोड़ों के कारोबार में तब्‍दील हो चुकी है. इस कंपनी ने ग्लोबल टेक्सटाइल इंडस्ट्री में अपनी धाक जमाई है. टेक्सटाइल से लेकर FMCG और रियल एस्टेट में भी कंपनी ने अपनी मजबूत पकड़ बनाई है. इसका देश-विदेश में कारोबार फैला हुआ है. तो कैसे रेमंड की शुरुआत हुई और कैसे इसने लोगों के दिलों में जगह बनाई, यहां जानें कंपनी का पूरा सफर.

कैसे हुई थी Raymond की शुरुआत?

Raymond की शुरुआत साल 1925 में थाणे क्रीक के पास रेमंड वूलन मिल के रूप में हुई थी. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक अल्बर्ट रेमंड और अब्राहम जैकब रेमंड ने इसकी नींव रखी थी. हालांकि 1944 में लाला कैलाशपत सिंघानिया ने इसे खरीदा और कंपनी को विस्तार की राह पर ले गए. 1980 से 2000 तक विजयपत सिंघानिया ने कंपनी की ग्रोथ को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया. वहीं 1990 में गौतम हरि सिंघानिया ने चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में कमान संभाली और अपने लीडरशिप में रेमंड को फाइबर-टू-फैशन का ग्लोबल पावरहाउस बना दिया.

60 से ज्‍यादा देशों में है कारोबार

  • Raymond लगातार ग्रोथ कर रही है. यही वजह है कि 2015 में ये दुनिया की पहली टेक्सटाइल कंपनी बनी, जिसने सुपर 250s और इनोवेटिव फैब्रिक्स बनाए.
  • रेमंड के ब्रांड्स जैसे- पार्क एवेन्यू, रेमंड रेडी टू वेयर, कलरप्लस और पार्क्स एथनिक्स ने भारतीय फैशन में खास जगह बनाई है.
  • FMCG सेक्टर में भी रेमंड ने जगह बनाई है. कंपनी का नेटवर्क भारत के 600 शहरों में 1,500+ आउटलेट्स और 20,000+ पॉइंट्स ऑफ सेल के साथ टियर IV और V शहरों तक फैला है.
  • रेमंड 60 से ज्‍यादा देशों जैसे- USA, कनाडा, यूरोप, जापान, मिडिल ईस्ट में अपने कपड़ों का निर्यात करता है.

रियल एस्‍टेट में भी रखा कदम

रेमंड ने ‘Go Beyond’ थीम के साथ टेक्सटाइल के अलावा रियल एस्टेट में भी कदम रखा है. रेमंड रियल्टी और होम के जरिए कंपनी किफायती और क्वालिटी हाउसिंग प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है. कंपनी आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर और फाइबर-टू-फैब्रिक मैन्युफैक्चरिंग क्षमता के दम पर इंडस्ट्री में अपना दबदबा बढ़ा रही है.

कैसी है वित्‍तीय स्थिति?

ब्‍लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक 2024 में Raymond का सालाना रेवेन्‍यू 9725.70 मिलियन रुपये दर्ज किया गया. जबकि नेट इनकम 16,377.5000 मिलियन रुपये दर्ज किया गया.