RBI गवर्नर शक्तिकांत दास बोले, हमारा पूरा ध्यान UPI, RuPay को सही मायने में ग्लोबल बनाने पर
फिनटेक को भारतीय अर्थव्यवस्था में पैदा हो रहे नए अवसरों का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित करते हुए दास ने कहा कि इस क्षेत्र के जोखिमों को कम करने के लिए वित्तीय संस्थानों और फिनटेक को तेजी से एक मजबूत ढांचा अपनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि डिजिटल वित्तीय समावेशन की सबसे बड़ी विशेषता है कि इसे बड़े पैमाने पर लागू किया जा सकता है और यह लागत के लिहाज से बहुत ही किफायती है.

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि फिलहाल RBI का पूरा ध्यान भारत में डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में क्रांति लाने वाले UPI और RuPay को सही मायने में वैश्विक बनाने पर केंद्रित है. बुधवार 28 अगस्त को मुंबई में ग्लोबल फिनटेक फेस्ट को संबोधित करते हुए दास ने कहा कि UPI और रुपे कार्ड ने भारत में डेबिट और क्रेडिट कार्ड, बैंक और डिजिटल भुगतान के लिहाज से अमीर-गरीब की खाई को पूरी तरह पाट दिया है. देश के वंचितों को औपचारिक आर्थिक और वित्तीय व्यवस्था में शामिल करने में इनका अहम योगदान रहा है.
उन्होंने कहा कि अब आरबीआई का ध्यान वित्तीय समावेशन, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (DPI), उपभोक्ता संरक्षण एवं साइबर सुरक्षा, टिकाऊ वित्त और वित्तीय सेवाओं के वैश्विक एकीकरण को सशक्त बनाने पर है. उन्होंने कहा, भारत फिलहाल कई देशों के साथ आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों और द्विपक्षीय समझौतों में सक्रिय तौर पर शामिल है. खासतौर पर सीमापार भुगतान प्रणालियों सहित वैश्विक वित्तीय बुनियादी ढांचे को मजबूत करना अब रिजर्व बैंक का प्रमुख लक्षित क्षेत्र होगा.
उन्होंने कहा कि भूटान, नेपाल, श्रीलंका, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), मॉरीशस, नामीबिया, पेरू और फ्रांस सहित दुनिया के कई देश अब यूपीआई नेटवर्क के जरिये रुपे कार्ड और भुगतान को स्वीकार कर रहे हैं. वैश्विक अर्थव्यवस्था में डिजिटल सीमापार भुगतान के लिहााज से यह उल्लेखनीय प्रगति का विषय है. उन्होंने कहा कि ये उपलब्धि असल में दुनियाभर में भारत की पहल को अपनाने के लिए सहयोगी प्रयासों को रेखांकित करती है.
दास ने कहा कि भारत अपनी तकनीकी प्रतिभा और वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) इकोसिस्टम के सहारे डिजिटल नवाचार और फिनटेक स्टार्टअप का वैश्विक केंद्र बनने, रणनीतिक साझेदारी बनाने और उसे मजबूत करने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय सहयोग की प्रतिबद्धता को सशक्त करने और उत्कृष्ट संस्थानों को विकसित करने की क्षमता रखता है. भारत में फिनटेक क्षेत्र ने पिछले दो वर्षों में लगभग 600 करोड़ डॉलर का निवेश आकर्षित किया है. इससे साबित होता है कि फिनटेक के विकास में भारत एक बड़ा केंद्र बन गया है.
फिनटेक को भारतीय अर्थव्यवस्था में पैदा हो रहे नए अवसरों का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित करते हुए दास ने कहा कि इस क्षेत्र के जोखिमों को कम करने के लिए वित्तीय संस्थानों और फिनटेक को तेजी से एक मजबूत ढांचा अपनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि डिजिटल वित्तीय समावेशन की सबसे बड़ी विशेषता है कि इसे बड़े पैमाने पर लागू किया जा सकता है और यह लागत के लिहाज से बहुत ही किफायती है.
JAM-UPI-ULI डिजिटल अर्थव्यवस्था की नई त्रिमूर्ति
शक्तिकांत दास ने JAM-UPI-ULI को डिजिटल अर्थव्यवस्था की नई त्रिमूर्ति बताते हुए कहा कि ये तीनों देश की फिनटेक अवसंरचना की यात्रा में क्रांतिकारी पड़ाव हैंं.असल में यूपीआई यानी एकीकृत भुगतान प्रणाली मोबाइल फोन के जरिये अलग-अलग बैंकों के बीच आसानी से डिजिटल भुगतान की सुविधा देती है, जबकि रुपे घरेलू रूप से विकसित एक वैश्विक कार्ड भुगतान नेटवर्क है, जो वीजा और मास्टरकार्ड जैसे वैश्विक कार्ड नेटवर्क सेवा प्रदाताओं का मजबूत विकल्प बनकर उभरा है. JAM असल में जनधन खाते, आधार और मोबाइल का संक्षिप्तिकरण है और ULI एक त्वरित कर्ज उपलब्ध कराने वाली सेवा है, जिसे आरबीआई ने UPI की तर्ज पर तैयार किया है, जिससे तुरंत आसानी से कर्ज मिल पाएगा.
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