मिनिमम बैलेंस घटाने-बढ़ाने पर RBI नहीं करेगा दखल, ICICI बैंक मामले के बाद गवर्नर का बयान; स्वतंत्र हैं बैंक
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने स्पष्ट किया कि सेविंग अकाउंट में न्यूनतम बैलेंस की शर्त पूरी तरह बैंकों के अधिकार में है और RBI इसका नियमन नहीं करता. उन्होंने ग्रामीण स्तर पर डिजिटल साक्षरता और सरकारी वित्तीय योजनाओं का लाभ लेने पर जोर दिया.

Minimum Balance and RBI Regulatory: हाल ही में देश के बड़े प्राइवेट बैंकों में से एक ICICI बैंक की ओर से मिनिमम बैलेंस को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 किए जाने के बाद नए बहस ने जन्म ले लिया. लोगों के भीतर यह बात घर कर गई है कि क्या कोई बैंक मनमाने ढंग से मिनिमम बैलेंस की राशि बढ़ा-घटा सकता है. इसको लेकर अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) गवर्नर ने बड़ी बात कही है. पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार यानी 11 अगस्त को गुजरात के मेहसाणा में आयोजित ‘फाइनेंशियल इंक्लूजन सैचुरेशन ड्राइव कार्यक्रम’ में RBI के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने स्पष्ट किया कि सेविंग अकाउंट में न्यूनतम बैलेंस की शर्त तय करना पूरी तरह बैंकों के अधिकार क्षेत्र में आता है. उन्होंने कहा कि यह RBI के नियामकीय दायरे में शामिल नहीं है.
क्या है नई लिमिट?
मल्होत्रा ने उदाहरण देते हुए बताया कि कुछ बैंक न्यूनतम बैलेंस 10,000 रुपये रखते हैं, कुछ 2,000 रुपये और कुछ पूरी तरह छूट देते हैं. ICICI के उदाहरण से समझें तो 1 अगस्त से नए सेविंग अकाउंट के लिए न्यूनतम बैलेंस को पांच गुना बढ़ाकर मेट्रो शहरों में 50,000 रुपये, अर्ध-शहरी क्षेत्रों में 25,000 रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों में 10,000 रुपये कर दिया है. वहीं, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने न्यूनतम बैलेंस न रखने पर पेनल्टी खत्म करने का निर्णय लिया है.
गांव-गांव में वित्तीय साक्षरता जरूरी
कार्यक्रम के दौरान गवर्नर ने कहा कि जैसे पहले पढ़ाई को सफलता की कुंजी माना जाता था, वैसे ही आज के दौर में डिजिटल लिटरेसी उतनी ही जरूरी हो गई है. उन्होंने कहा, “अगर डिजिटल साक्षरता नहीं है तो आगे बढ़ना मुश्किल है.” उन्होंने सभी को जनधन योजना, दुर्घटना बीमा, जीवन बीमा और अटल पेंशन योजना जैसी सरकारी स्कीमों का लाभ लेने की अपील की.
RBI और सरकार की मॉनिटरिंग
RBI के मुताबिक, देशभर में 1 जुलाई से 30 सितंबर 2025 तक ग्राम पंचायत स्तर पर वित्तीय समावेशन अभियान चलाया जा रहा है. इसमें बैंक अकाउंट का री-केवाईसी करना, अनक्लेम्ड डिपॉजिट के बारे में जागरूकता फैलाना और शिकायतों का समाधान करना शामिल है. अब तक 1.41 लाख से अधिक कैंप लगाए गए हैं और 35 लाख से ज्यादा खातों का री-केवाईसी पूरा हो चुका है.
कब तक जारी रहेगा कैंप?
अभियान में वरिष्ठ बैंक अधिकारी और RBI के डिप्टी गवर्नर्स भी अलग-अलग राज्यों में कैंप का दौरा कर प्रगति की समीक्षा कर रहे हैं. गवर्नर ने कहा कि बैंकों, RBI और स्थानीय समुदायों के बीच तालमेल बढ़ाकर ही वित्तीय सेवाएं हर व्यक्ति तक पहुंचाई जा सकती हैं. यह कैंप 30 सितंबर तक देशभर की सभी ग्राम पंचायतों में जारी रहेंगे और ग्राहकों से अपील की गई है कि वे इनका पूरा लाभ उठाएं.
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