सस्ते लोन के लिए कीजिए थोड़ा और इंतजार, SBI Research ने कहा- RBI करेगा भारी कटौती
देश की मौद्रिक नीति में एक बड़ा बदलाव दस्तक दे सकता है. SBI की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, महंगाई में आई ठहराव के चलते इस वित्त वर्ष में आरबीआई ब्याज दरों में बड़ी कटौती कर सकता है. अगर हालात अनुकूल रहे, तो यह कदम अर्थव्यवस्था और उपभोक्ताओं दोनों के लिए राहत भरा साबित हो सकता है. पूरी जानकारी रिपोर्ट में.

RBI Repo Rate Cut: मार्च 2025 में खुदरा महंगाई दर के 67 महीने के निचले स्तर पर आने के बाद अब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ब्याद दरों में बड़ी कटौती कर सकता है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की एक ताजा रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष (FY26) में आरबीआई 125 से 150 बेसिस प्वाइंट तक की दर कटौती कर सकता है. रिपोर्ट कहती है कि यह बदलाव महंगाई में गिरावट और स्थिर आर्थिक परिदृश्य (Stable Economic Scenario) के चलते संभव है. यह दौर ‘गोल्डीलॉक्स पीरियड’ के रूप में देखा जा रहा है, जहां महंगाई कम है और नाममात्र GDP ग्रोथ भी संतुलित बनी हुई है.
मार्च में रिकॉर्ड गिरावट
रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2025 में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित महंगाई घटकर 3.34 फीसदी रह गई है जो 67 महीनों में सबसे कम है. यह गिरावट मुख्य रूप से खाद्य महंगाई में सुधार के कारण दर्ज की गई. अगर खाद्य कीमतों या हीटवेव जैसे बाहरी झटकों से बचाव हो सका तो पहली तिमाही में CPI महंगाई 3 फीसदी से भी नीचे रह सकती है.
125 bps की दर कटौती संभव
SBI का अनुमान है कि जून और अगस्त 2025 में दो बार में कुल 75 बेसिस प्वाइंट की कटौती हो सकती है जबकि वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में 50 bps की और कटौती की संभावना है. यानी कुल मिलाकर 125 bps की दर कटौती का अनुमान लगाया जा रहा है. अनुकूल परिस्थितियों में यह आंकड़ा 150 bps तक भी जा सकता है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर आरबीआई शुरुआती तौर पर 50 bps की बड़ी कटौती करता है, तो यह एक मजबूत नीतिगत संकेत होगा. हालांकि, इससे डिपॉजिट ग्रोथ पर असर पड़ सकता है क्योंकि ब्याज दरों में गिरावट से जमा दरों में भी कमी आएगी जिससे क्रेडिट-डिपॉजिट गैप बढ़ सकता है.
लिक्विडिटी मजबूत, यील्ड 6% के आसपास
SBI को उम्मीद है कि ओपन मार्केट ऑपरेशन्स (OMOs) और पर्याप्त डिविडेंड ट्रांसफर की वजह से लिक्विडिटी फ्रंट पर कोई नकारात्मक असर नहीं दिखेगा. इसके चलते बॉन्ड यील्ड 6 फीसदी के करीब रहने की संभावना है, जिसमें नीचे की ओर रुझान रहेगा.
यह भी पढ़ें: भूषण पावर डील पर सुप्रीम कोर्ट की तलवार, JSW Steel और बैंकों की उड़ी नींद, निवेशकों में डर का माहौल
FY26 के लिए नाममात्र GDP ग्रोथ को SBI ने 9-9.5% के दायरे में रहने का अनुमान जताया है जो ब्याज दरों में कटौती के लिए एक और सकारात्मक संकेत है. ऐसे में यह देखा जा रहा है कि RBI इस “गोल्डीलॉक्स” स्थिति का पूरा लाभ उठाकर नीतिगत नरमी की ओर तेजी से बढ़ सकता है.
Latest Stories

अमेरिका के साथ व्यापार समझौते के तहत भारत ने रखा जीरो टैरिफ प्रस्ताव, स्टील, ऑटो और फार्मा को फायदा

बांग्लादेश नहीं चुका पा रहा बिजली का खर्च, बावजूद अडानी पावर ने बरकारर रखी है सप्लाई

भूषण पावर डील पर सुप्रीम कोर्ट की तलवार, JSW Steel और बैंकों की उड़ी नींद, निवेशकों में डर का माहौल
