एशियन पेंट्स के बुरे दिन, मुकेश अंबानी भी छोड़ेंगे साथ, 24 गुना मुनाफे के लिए तोड़ेंगे 17 साल पुराना रिश्ता!

Reliance Industries एशियन पेंट्स में अपनी 4.9% हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है, जिससे उसे 24 गुना रिटर्न मिलने की उम्मीद है. इस हिस्सेदारी की कीमत लगभग 11,141 करोड़ रुपये हो सकती है, जो 2008 में किए गए निवेश की 500 करोड़ रुपये की तुलना में काफी अधिक है.

एशियन पेंट्स को झटका रिलायंस बेचने जा रहा 4.9% की हिस्सेदारी Image Credit: Money9live/Canva

Reliance Exit from Asian Paints: रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) ने एक बार फिर Asian Paints से अपनी हिस्सेदारी बेचने की योजना पर विचार करना शुरू कर दिया है. इससे पहले भी रिलायंस ने Asian Paints से बाहर निकले पर प्लान किया था. रिलायंस अपनी पूरी 4.9% हिस्सेदारी बेच सकता है. इस फैसले पर तब विचार किया जा रहा है जब पेंट इंडस्ट्री पर मुनाफे का दबाव है, प्रतिस्पर्धा बढ़ने का असर है. रिलायंस ने इस सौदे को मैनेज करने के लिए बैंक ऑफ अमेरिका (BoFA) को नियुक्त किया है. लेकिन दिग्गज एशियन पेंट्स के साथ ऐसा क्या हो रहा है कि रिलायंस इससे नाता तोड़ना चाह रहा है? बाहर निकलने पर रिलायंस को कितना फायदा होने वाला है?

पहले जानें Asian Paints की ताकत

  • एशियन पेंट्स भारत की सबसे बड़ी पेंट कंपनी हैं, एशिया की दूसरी सबसे बड़ी है और दुनिया में 8वें नंबर पर आती है.
  • 15 देशों में काम करती है, 27 मैन्युफैक्चरिंग फेसिलिटी है.
  • Asian Paints का डेकोरेटिव पेंट्स में 44% मार्केट शेयर है. भारत में इसकी डेकोरेटिव पेंट की सालाना उत्पादन क्षमता 1.85 मिलियन किलो लीटर है और यह 60 से ज्यादा देशों के ग्राहकों तक पहुंच है.
  • कंपनी के पास भारत का सबसे बड़ा डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क है.
  • 74,129 डीलरों हैं, जिन्हें 50,500 से ज्यादा कलर वर्ल्ड शेड-मिक्सिंग मशीनें और 430 से अधिक कलर आइडियाज स्टोर्स का सपोर्ट मिला है.
  • Asian Paints किचन (Sleek ब्रांड) और बाथरूम (Ess Ess ब्रांड) सेगमेंट्स में भी काम करती है.
  • कंपनी का मार्केट कैप 2,22,821.6 करोड़ है.

दबाव में Asian Paints?

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रिलायंस 4.9% की हिस्सेदारी बेचने की योजना पर काम कर रहा है. इसका बड़ा असर एशियन पेंट्स पर पड़ सकता है.

  • भारत का पेंट बाजार करीब 9 अरब डॉलर का है, उसमें कई नई कंपनियां आ गई हैं जो Asian Paints को नंबर 1 से नीचे गिराने की कोशिश कर रही हैं.
  • पेंट कंपनियों का लगातार चौथी तिमाही में सुस्त रेवेन्यू ग्रोथ दिखा.
  • इसका कारण शहरी बाजारों में कमजोर डिमांड को बताया गया है.
  • प्रतिस्पर्धा बढ़ने से कंपनियों को डिस्काउंट देना पड़ रहा है, जिससे साल-दर-साल उनके ग्रॉस मार्जिन में गिरावट आई है.
  • वित्त वर्ष 2025 की पहली नौ महीनों में Asian Paints की सालाना रेवेन्यू ग्रोथ Berger और Kansai Nerolac से 6% पीछे रही जो पहले के ट्रेंड से बिल्कुल उलट है.
  • Asian Paints को कई कर्मचारी छोड़कर गए है जिससे उन्हें समस्या का सामना करना पड़ा है.
  • कंपनी का 1 साल में 51000 करोड़ मार्केट कैप घटा है.
  • शेयर की कीमत सालभर में 19% गिर गई है. फिलहाल कीमत 2,282.50 रुपये है.
  • Elara Securities के मुताबिक, कंपनी का पेंट बाजार में शेयर 59% से घटकर 52% हो गया है.

आदित्य बिड़ला से मिल रही कड़ी टक्कर

आदित्य बिड़ला ग्रुप की बिड़ला ओपस भी पेंट बाजार में पैर जमा रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, ये पश्चिम और दक्षिण भारत में बेहतर मार्केट शेयर हासिल कर चुकी है. तीसरी तिमाही में 3-4% मार्केट शेयर हासिल कर लिया है. बिड़ला पहले ही यह कह चुकी है कि वह अगले तीन साल में 10,000 करोड़ के रेवेन्यू का टारगेट लेकर चल रही है.

रिलायंस को क्या फायदा होगा?

रिलायंस को 4.9% की हिस्सेदारी बेचने से 24 गुना का रिटर्न मिलेगा. रिपोर्ट के मुताबिक, Asian Paints से 11,141 करोड़ रुपये मिल सकते हैं.

बता दें कि रिलायंस ने ये हिस्सेदारी जनवरी 2008 में 500 करोड़ में खरीदी थी, जब तक ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस नहीं आया था.

रिपोर्ट के अनुसार, अगर Reliance को उसकी मनचाही कीमत नहीं मिली, तो वह इस योजना को फिर टाल सकती है. वहीं जो ऑफर मिल रहे हैं वो मौजूदा बाजार कीमत से 6-7% कम पर हैं.