RBI का बंपर डिविडेंड, सरकार को मिले 2.7 लाख करोड़ रुपये, ऐसे भागेगी भारत की अर्थव्यवस्था- SBI रिपोर्ट

भारतीय रिजर्व बैंक ने सरकार को दिया 2.7 लाख करोड़ रुपये का बंपर डिविडेंड, जिससे देश की आर्थिक स्थिति होगी मजबूत. जानिए कैसे इससे फिस्कल डेफिसिट में कमी आएगी और सरकार के पास बढ़ेंगे खर्च करने के विकल्प. SBI ने इसे लेकर एक डिटेल रिपोर्ट जारी की है.

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया Image Credit: Getty image

RBI- भारतीय रिजर्व बैंक ने इस बार सरकार को करीब 2.7 लाख करोड़ रुपये का बंपर डिविडेंड दिया है जिससे देश की आर्थिक स्थिति को काफी मजबूती मिलने वाली है. SBI की रिपोर्ट में कहा है कि इससे सरकार की वित्तीय स्थिति बेहतर होगी और भारत की अर्थव्यवस्था जो दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुकी है को और गति मिलेगी.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 में RBI और सार्वजनिक क्षेत्र की वित्तीय संस्थाओं से कुल मिलाकर 2.56 लाख करोड़ रुपये के डिविडेंड की उम्मीद जताई थी. लेकिन अब RBI के इस ट्रांसफर के बाद यह आंकड़ा अनुमान से काफी ज्यादा हो जाएगा.

फिस्कल डेफिसिट 0.20% की कमी

SBI की Ecowrap रिपोर्ट के अनुसार, इससे फिस्कल डेफिसिट में करीब 0.20 प्रतिशत की कमी आ सकती है और यह GDP का 4.2 प्रतिशत रह सकता है. अगर बाकी चीजें समान रहें तब. या फिर सरकार के पास अतिरिक्त 70,000 करोड़ खर्च करने की गुंजाइश बन सकती है.

RBI ने 2024-25 के वित्त वर्ष (अप्रैल 2024 से मार्च 2025) के लिए 2.69 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड डिविडेंड घोषित किया है, जो पिछले साल (FY24) के 2.11 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 27.4 प्रतिशत अधिक है.

इस डिविडेंड में बढ़ोतरी की एक वजह यह भी है कि RBI ने अपनी कंटिंजेंसी रिस्क बफर जो जोखिम के लिए रखी गई राशि होती है, की सीमा को 1.5 प्रतिशत कर दिया है. पहले यह सीमा 5.5 प्रतिशत से 6.5 प्रतिशत के बीच थी (FY23 में 6.0 प्रतिशत रखी गई थी). अब RBI का बोर्ड चाहता है कि यह सीमा 4.5 प्रतिशत से 7.5 प्रतिशत के बीच रखी जाए.

RBI के पास कैसे जमा हुआ इतना बड़ा सरप्लस

रिपोर्ट में बताया गया है कि जनवरी में RBI एशिया के सभी केंद्रीय बैंकों में सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा विक्रेता रहा.

सितंबर 2024 में, भारत के विदेशी मुद्रा भंडार 704 अरब डॉलर तक पहुंच गए थे. उसी समय RBI ने रुपये को स्थिर रखने के लिए बड़े पैमाने पर डॉलर बेचे.