मोतीलाल ओसवाल पर SEBI की बड़ी कार्रवाई, लगाई पेनाल्टी; जांच में मिली ये गड़बड़ियां
Motilal Oswal: SEBI ने अपनी जांच में पाया कि मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने 26 शिकायतों का 30 दिनों के अंदर समाधान नहीं किया है, क्रेडिट बैलेंस वाले ग्राहकों की सिक्योरिटीज को "क्लाइंट अनपेड सिक्योरिटीज अकाउंट" में ट्रांसफर किया, और मार्जिन ट्रेडिंग फंडिंग (MTF) कोलैटरल्स को एक्सचेंज में गलत तरीके से रिपोर्ट किया है.

Motilal Oswal SEBI Action: शेयर बाजार रेगुलेटर सेबी ने मोतीलाल ओसवाल के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. रेगुलेटर ने कंपनी पर कई तरह से स्टॉक ब्रोकिंग नियमों के उल्लंघन का मामला पाया है जिसके आधार पर मोतीलाल ओसवाल पर 7 लाख रुपये की पेनाल्टी लगाई है. सेबी ने अपनी जांच में पाया है कि कई सारे क्लाइंट्स के फंड्स की मिसरिपोर्टिंग की गई है. इसके अलावा डिपॉजिटरी और स्टॉक ब्रोकर कंप्लायंस में भी अनियमितताएं पाई गई हैं.
SEBI ने अपनी जांच में पाया कि मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने 26 शिकायतों का 30 दिनों के अंदर समाधान नहीं किया है, क्रेडिट बैलेंस वाले ग्राहकों की सिक्योरिटीज को “क्लाइंट अनपेड सिक्योरिटीज अकाउंट” में ट्रांसफर किया, और मार्जिन ट्रेडिंग फंडिंग (MTF) कोलैटरल्स को एक्सचेंज में गलत तरीके से रिपोर्ट किया है.
इस तरह लगाई पेनेल्टी
- प्रॉपर बुक्स और रिकॉर्ड मेनटेन नहीं करने पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया
- निवेशकों की शिकायतों पर उचित ध्यान नहीं देने के लिए एक लाख रुपये का जुर्माना
- नॉन कंप्लायंस के लिए 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
सेबी ने मोतीलाल ओसवाल को 45 दिन के अंदर जुर्माना जमा करने का निर्देश दिया है. सेबी ने ये जांच अप्रैल 2021 से लेकर जून 2022 की अवधि के दौरान किए गए लेनदेन के आधार पर की है.
मोतीलाल ओसवाल ने क्या गलतियां कीं: यहां डिटेल में जानें:
SEBI की जांच में यह सामने आया कि कंपनी ने 26 ग्राहकों की शिकायतों का 30 दिनों के अंदर समाधान नहीं किया है, जो नियमों के खिलाफ है.
इसके अलावा ग्राहकों की सिक्योरिटीज का गलत ट्रांसफर किया गया है, जिन ग्राहकों के अकाउंट में क्रेडिट बैलेंस था, उनकी सिक्योरिटीज को “क्लाइंट अनपेड सिक्योरिटीज अकाउंट” में ट्रांसफर कर दिया गया, जो सही प्रक्रिया नहीं है.
फिर गलत रिपोर्टिंग की गई, मतलब कंपनी ने मार्जिन ट्रेडिंग फंडिंग (MTF) कोलैटरल्स की गलत जानकारी एक्सचेंज को दी है.
इसके अलावा, कंपनी ने कैपिटल मार्केट (CM), फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (FO), और करेंसी डेरिवेटिव सेगमेंट में भी गलत रिपोर्टिंग और मार्जिन की कम वसूली की है. एक बार कैपिटल मार्केट सेगमेंट में, एक बार फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस सेगमेंट में और पांच बार करेंसी डेरिवेटिव सेगमेंट में ऐसा किया गया है.
ग्राहकों के फंड रोकने का आरोप
SEBI ने यह भी पाया कि 39 ग्राहकों ने जून 2022 में ट्रेडिंग की थी, लेकिन कंपनी ने उन्हें “इनएक्टिव” ग्राहक मानकर उनके फंड को अलग रख दिया है.
SEBI के अधिकारी अमर नवलानी ने कहा कि, “मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने 39 सक्रिय ग्राहकों के ₹3.50 करोड़ को अलग रखते समय गलत कारण बताए, जैसे कि ग्राहक का बैंक अकाउंट उपलब्ध नहीं है या ग्राहक का पता नहीं चल पा रहा है. यह आरोप सही साबित हुआ है.”
SEBI ने कहा कि एक सेबी रजिस्टर्ड स्टॉक ब्रोकर और डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट के रूप में मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज को सभी सिक्यॉरिटीज कानूनों का पालन करना चाहिए था, लेकिन कंपनी इसमें असफल रही है इसलिए, SEBI ने कंपनी पर 7 लाख का जुर्माना लगाया है और सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है.
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